अबॉर्शन, जिसे आम बोलचाल की भाषा में गर्भपात भी कहते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी अनचाहे गर्भ या प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताओं को खत्म किया जाता है। अबॉर्शन के बाद किसी भी महिला का शरीर थोड़ा कमजोर हो जाता है, क्योंकि इस दौरान अक्सर काफी ब्लीडिंग होती है। अबॉर्शन कैसे किया जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला का स्वास्थ्य कैसा है और प्रेग्नेंसी कितने महीने की है।
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार, ''अबॉर्शन से जुड़े कई सवाल महिलाओं के मन में आते हैं। इनमें से कुछ मुख्य सवाल हैं कि अबॉर्शन दवाई से होगा या ऑपरेशन से? अबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है? और अबॉर्शन के कितने दिनों बाद दोबारा पीरियड्स आते हैं?'' अगर आपके मन में भी ऐसे ही कुछ सवाल हे, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
आमतौर पर, अबॉर्शन के बाद किसी भी महिला को करीब 1 से 2 हफ्ते तक ब्लीडिंग होती है। हालांकि, यह समय हर महिला के लिए थोड़ा अलग हो सकता है।
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अगर आपको इस संबंध में किसी भी तरह का संदेह हो, तो तुरंत किसी गयोनाकॉलिस्ट के पास जाएं। वह आपकी कंडीशन को चेक करके आपको सही सलाह देगी।
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