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अबॉर्शन से महिलाओं को होती है मानसिक तकलीफ, जानें इसके भावनात्मक पहलू

गर्भपात के कई मानसिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जिनके बारे में जानना महिलाओं के लिए जरूरी हो जाता है। आप जानिए इनके बारे में। 
Editorial
Updated:- 2021-07-28, 16:44 IST

प्रेग्नेंसी खत्म करने के बाद इमोशनल साइड इफेक्ट्स कोई बड़ी बात नहीं है। प्रेग्नेंसी को खत्म करने का फैसला शायद ही किसी महिला के लिए आसान होता है। ये जिंदगी में काफी तनावभरा समय हो सकता है और प्रोसीजर के बाद मिली-जुली भावनाएं आ सकती हैं। हालांकि, ये ध्यान रखना भी जरूरी है कि हर किसी का अनुभव अलग हो सकता है और उसकी प्रतिक्रिया भी अलग होगी।

गर्भपात के भावनात्मक प्रभाव-

गर्भावस्था की समाप्ति की प्रतिक्रिया व्यक्ति की स्थिति के आधार पर कई तरह की भावनाओं को सामने ला सकती हैं, लेकिन नकारात्मक भावनाएं काफी सामान्य हैं। नियोजित समाप्ति के बाद होने वाली नकारात्मक भावनाएं कम से कम आंशिक रूप से हार्मोनल परिवर्तनों के कारण हो सकती हैं, ये वैसी ही भावनाएं होती हैं जो अनियोजित गर्भपात के बाद सामने आती हैं।

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सामान्य नकारात्मक भावनाओं में शामिल हैं-

  • अपराधबोध
  • गुस्सा
  • शर्म
  • पछतावा
  • आत्म-सम्मान या आत्मविश्वास की हानि
  • अलगाव और अकेलेपन की भावना
  • नींद की समस्या और बुरे सपने
  • रिश्तों की समस्याएं
  • आत्महत्या या खुदकुशी के विचार
  • हानि का अहसास
  • वास्तविकता से निपटने में परेशानी

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धार्मिक मान्यताएं और सामाजिक बंधंन इससे उबरने को और भी ज्यादा मुश्किल बना देते हैं, खासतौर पर अगर इनके कारण व्यक्ति के पास कोई ये बात करने वाला भी न हो जिसे वो ये बता सके कि क्या हुआ।

अधिकतर मामलों में समय के साथ-साथ ये नकारात्मक भावनाएं कम हो जाती हैं। पर अगर भावनात्मक और मानसिक परेशानियां बनी हुई हैं और डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो व्यक्ति को किसी पेशेवर मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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गर्भपात के बाद किन लोगों को डिप्रेशन ज्यादा होता है?

  • वो महिलाएं जिन्हें नकारात्मक सोच और मानसिक तनाव ज्यादा हो सकता है उनमें शामिल हैं-
  • वो महिलाएं जिन्हें पहले भावनात्मक या मानसिक चिंताएं रही हों
  • वो महिलाएं जिन्हें गर्भपात के लिए मजबूर किया गया हो या मनाया गया हो
  • वो महिलाएं जो धार्मिक मान्यताओं के आधार पर गर्भपात को गलत मानती हैं
  • वो महिलाएं जिनके नैतिक विचार गर्भपात के विरुद्ध हों
  • वो महिलाएं जिन्होंने प्रेग्नेंसी के बाद वाली स्टेज में गर्भपात करवाया हो
  • वो महिलाएं जिन्होंने पार्टनर के साथ के बिना ये करवाया हो
  • वो महिलाएं जिन्हें जिनेटिक या फीटल असमानताओं के कारण गर्भपात करवाना पड़ा हो
  • वो महिलाएं जिन्हें जिनेटिक कमियां या फिर मानसिक बीमारियां होती हैं
  • वो महिलाएं जिन्हें डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्या पहले हुई होती है
  • वो महिलाएं जिन्हें पार्टनर का साथ नहीं मिलता

सार

गर्भपात के मानसिक और भावनात्मक साइड इफेक्टस शारीरिक साइड इफेक्ट्स की तुलना में ज्यादा सामान्य होते हैं जो हल्के पछतावे से लेकर कई गंभीर जटिलताओं जैसे डिप्रेशन तक का रूप ले सकता है। ये जरूरी है कि इन सभी जोखिमों के बारे में ट्रेन्ड प्रोफेशन्ल से चर्चा की जाए जो आपको भावनात्मक रूप से अच्छा रखने के लिए सभी सवालों और चिंताओं को सुलझा सके।

डॉक्टर रुकशेदा सैयदा (एमबीबीएस, डीपीएम, साइकिएट्रिस्ट) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।

References

https://www.medicalnewstoday.com/articles/313098#what_is_depression

https://americanpregnancy.org/unplanned-pregnancy/abortion-emotional-effects/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK304195/

https://womanshealthoptions.com/emotional-support/mood-changes/

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