
जब हम नेचुरल तरीकों से 20/20 विजन दोबारा पाने की बात करते हैं, तब इसके प्रति प्रैक्टिकल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखना बेहद जरूरी है। आज के समय में कई लोग यह मान लेते हैं कि सिर्फ आंखों की एक्सरसाइज या घरेलू उपायों से चश्मा हमेशा के लिए हटाया जा सकता है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान इस धारणा की पूरी तरह पुष्टि नहीं करता।
आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्याएं सिर्फ आदतों से नहीं, बल्कि आंखों की संरचना और आकार में बदलाव से होती हैं। इस बारे में हमें डॉ. बसु आई केयर सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर मनदीप सिंह बसु विस्तार से जानकारी दे रहे हैं और बता रहे हैं कि नेचुरल केयर कहां तक फायदेमंद है और कहां मेडिकल सलाह जरूरी हो जाती है।
मायोपिया (नजदीक की नजर कमजोर होना) और एस्टिग्मेटिज्म (आंखों की एक आम समस्या है, जहां कॉर्निया या लेंस की गोलाई नॉर्मल गेंद की बजाय अंडे या फुटबॉल जैसी होती है, जिससे प्रकाश ठीक से फोकस नहीं कर पाता और धुंधला दिखना शुरू हो जाता है।) जैसी समस्याएं आमतौर पर आंखों की पुतली के आकार में बदलाव की वजह से होती हैं। यह मसल्स की कमजोरी नहीं होती है, जिसे एक्सरसाइज करके पूरी तरह ठीक किया जा सके। खासकर बड़े लोगों को साफ और सही देखने के लिए अक्सर चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत पड़ती है।
भले ही नेचुरल तरीके आंखों का नंबर पूरी तरह खत्म न कर पाएं, लेकिन ये आपकी आंखों को लंबे समय तक हेल्दी और सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये उपाय आंखों के लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करते हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम होने से बच सकती है और आंखों से जुड़ी कई समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
डॉक्टर का कहना है कि अगर रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ अच्छी आदतों को अपनाया जाए, तो हर उम्र में आंखों की सेहत को बेहतर बनाए रखा जा सकता है और भविष्य में आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव संभव है।

जो विजन आपके पास अभी है, इसे बनाए रखना जरूरी होता है। इसमें समय-समय पर आंखों का चेकअप करवाना और आंखों पर जरूरत से ज्यादा जोर न डालना जैसे उपाय शामिल हैं।
लगातार मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखने से आंखों में जलन, थकान और धुंधलापन बढ़ सकता है। इसलिए स्क्रीन के बीच-बीच में ब्रेक लें और 20-20-20 नियम अपनाएं, ताकि आंखें रिलैक्स कर सकें।

शरीर में पानी की कमी आंखों को ड्राई बना सकती है। साथ ही, पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है क्योंकि नींद के दौरान ही आंखें खुद को रिपेयर और रिकवर करती हैं।
आंखों की सेहत के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, विटामिन A, C और ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स शामिल करें, ताकि आंखों को जरूरी पोषण मिलता रहे।
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नेचुरल लाइट में समय बिताने से आंखों को आराम मिलता है और डिजिटल स्ट्रेन कम होता है। रोज कुछ समय खुले वातावरण में बिताना आंखों के लिए फायदेमंद माना जाता है।

नेचुरल केयर आपकी आंखों को पोषण देती है और बीमारियों से बचाती है। यह आंखों को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
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