आंखों से ये दुनिया बेहद खूबसूरत दिखती है। अगर कहा जाए कि आंखें ईश्वर की तरफ से मिला सबसे बड़ा वरदान हैं तो गलत नहीं होगा। आंखें काफी संदेवनशील होती हैं और इसीलिए इनकी देखरेख पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन जिन लोगों को डायबिटीज है या जो लोग प्री-डायबिटीक स्टेज में हैं, उन्हें अपनी आंखें सुरक्षित बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर के कारण आंखों के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है और इसकी वजह से डायबिटीज रेटीनोपैथी हो सकती है। हालांकि इस समस्या का इलाज संभव नहीं है, लेकिन ब्लड शुगर को कंट्रोल करके इससे बचाव संभव है। सीनियर आई स्पेशलिस्ट डॉ. संजय तेवतिया से आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीके, जिनके जरिए आप प्री डायबिटीज स्टेज में या फिर डायबिटीज से प्रभावित होने पर अपनी आंखों को सुरक्षित रख सकती हैं-
डायबिटीज होने पर कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ सकता है और इससे आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में आंखों की रोशनी सही सलामत बनाए रखने के लिए डायबिटीज से जुड़े जोखिमों को समझना जरूरी है। डायबिटीज रेटीनोपैथी में हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर की अधिक मात्रा, स्मोकिंग, प्रेग्नेंसी, अलहेल्दी खाना, बैठे-बैठे काम करने की आदत जैसी चीजों से समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
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डायबिटीज में आमतौर पर महिलाओं का ब्लड प्रेशर हाई रहता है और इसके साथ ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है, इससे आंखों के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है और नेत्रहीनता होने की आशंका भी होती है। डायबिटिक रेटीनोपैथी के जोखिम को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर को 140/80 के आसपास या इससे कम रखें। यह भी सुनिश्चित करें कि A1C का लेवल 7 फीसदी से कम रखें, ताकि आंखों को प्रभावित होने से बचाया जा सके।
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एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल ब्लड वैसेल्स को डैमेज कर सकता है। आप ब्लड टेस्ट के जरिए अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काबू में रख सकती हैं। इसके अलावा नियमित रूप से भरपूर मात्रा में पानी का सेवन, हेल्दी फूड आदि से भी कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखा जा सकता है।
ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को काबू में रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है एक्सरसाइज। जब आप एक्सरसाइज करती हैं तो शरीर में ऑक्सीजन इनटेक बढ़ जाता है। इससे ब्लड वेसल्स हेल्दी रहते हैं और आंखों को भी इससे फायदा मिलता है। आप रनिंग, जॉगिंग, डांस, साइक्लिंग जैसी एक्टिविटीज रोजाना लगभग 20-30 मिनट करके खुद को हेल्दी रख सकती हैं और इससे आपकी आंखों की सुरक्षा भी संभव है।
पानी पीने से डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिलती है। इससे डायबिटीज के कारण आंखों में होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स का जोखिम कम हो जाता है। शरीर में पानी की सही मात्रा होने पर किडनी अतिरिक्त ग्लूकोस को टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर कर देती हैं, लेकिन कम पानी पीने पर यह संभव नहीं हो पाता। इसीलिए एक्सरसाइज के साथ दिनभर कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
डॉ. संजय तेवतिया बताते हैं,
'डायबिटीज से आंखों पर तीन तरह से असर होता है। इसके कारण कैटरेक्ट जल्दी बनता है और मैच्योर होता है, दूसरा काला मोतिया होने की आशंका भी डायबिटीज से पीड़ित लोगों में होने की आशंका ज्यादा होती है। तीसरी कंडिशन है डायबिटिक रेटीनोपैथी। डायबिटिक रेटीनोपैथी में डायबिटीज की severity से ज्यादा इसकी ड्यूरेशन पर निर्भर करती है। अगर किसी को 10-12 साल से डायबिटीज है, तो उसे डायबिटिक रेटीनोपैथी होने की आशंका ज्यादा होती है। इसके लिए हल्की-फुल्की से लेकर मॉडररेट एक्सरसाइज, खानपान पर ध्यान, शुगर फ्री डाइट पर ध्यान देना चाहिए। अगर डायबिटीज इससे काबू नहीं होती तो इसके लिए ओरल मेडिकेशन यानी गोलियां दी जाती हैं और उससे भी कंट्रोल नहीं होता तो इंसुलिन दी जाती है।'
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