हमारी बॉडी के लिए पानी बहुत जरूरी होता है। आप इसकी अहमियत इसी बात से समझ सकती हैं कि हमारी बॉडी का 60% हिस्सा पानी ही होता है। इसलिए पानी शरीर के लिए जरूरी होता है। आप दो दिन बिना खाने के रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना नहीं। पानी के बिना शरीर में कमजोरी आने लगती है जिससे चक्कर आने लगते हैं।
कैसे पीती हैं पानी?
पानी जरूरी होने के कारण पानी तो सब पीते हैं लेकिन हेल्दी रहने के लिए इससे भी फर्क पड़ता है कि आप पानी कैसे पीती हैं? मतलब कि कोई कांच के ग्लास में पानी पीता है तो कोई पानी के बोतल में पानी पीता है। कुछ लोग तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं। आप किस बर्तन में पानी पीती हैं?
किस बर्तन में पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है? इस सवाल का जवाब आपको यहां मिलेगा।
प्लास्टिक में पानी नहीं
सबसे पहले तो यही जानना बेहतर होता है कि प्लास्टिक के बर्तन में पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए और यह हर कोई जानता है कि प्लास्टिक के बोतल या ग्लास में पानी पीना हेल्थ के लिए सही नहीं होता है। गरम पानी तो प्लास्टिक की बोतलों या ग्लास में बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। मार्केट में कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वॉटर प्लास्टिक की बोतल में ही मिलते हैं जो polyethylene terephthalate (PET) से बने होते हैं।
प्लास्टिक के बोतल में गरम पानी नहीं
प्लास्टिक के बोतल में गरम पानी बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। दरअसल जब प्लास्टिक के बोतल या ग्लास के अंदर का तापमान जब गरम (गरम पानी या चाय से) होने लगता है तो प्लास्टिक के हानिकारक तत्व पानी में घुलने लगते हैं। फिर ये पानी पीने से शरीर के अंदर जाते हैं और शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इस पर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध भी किया है। इस शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्लास्टिक की बोतलों में जो कैमिकल पाया जाता है वो मानव शरीर में पाए जाने हॉर्मोनल सिस्टम के लिए बहुत खतरनाक होता है। इसलिए प्लास्टिक के बोतल या ग्लास में पानी नहीं पीना चाहिए।
कांच की बोतल या ग्लास
सामान्य तौर पर घरों में पानी स्टेनलेस स्टील, एल्यूमीनियम या कांच की बोतलों या ग्लास में पिया जाता है। ये बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए सही माने जाते हैं। लेकिन कांच के बर्तन में ज्यादा गरम पानीडालकर भी पीना अच्छा नहीं होता है।
तांबे के बर्तन ज्यादा फायदेमंद
तांबे के बर्तन में पानी पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। प्राचीनकाल में तो हर घर में तांबे के बर्तन और ग्लास का ही इस्तेमाल पानी के लिए होता था। इसलिए तो पहले के लोग हमसे ज्यादा हेल्दी भी रहते थे। तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर से हर तरह की बीमारियां कोसों दूर रहती थी। तांबे में मौजूद तत्व मानव शरीर को अंदर से सही रखता है।
लीवर को रखता है स्वस्थ
आयुर्वेद के अनुसार रात को तांबे के पात्र में रखा जल तांबे के गुणों से युक्त होकर लीवर को स्वस्थ रखता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार तांबे के बर्तन में पानी पीने से पेट की बीमारियां नहीं होती हैं। तांबे के बर्तन में पानी पीने से कई सारे फायदे होते हैं जिनमें से नीचे लिखे प्रमुख हैं-
- तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से दिल हेल्दी रहता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित में रहता है जिससे बैड कोलेस्ट्रोल कम होता है। इन सब कारणों से हार्ट अटैक आने का खतरा कम हो जाता है।
- इससे वात, पित्त और कफ की शिकायत भी नहीं होती है।
- तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचनतंत्र मजबूत होता है जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है।
- अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।
तो इन सब कारणों से आज से ही तांबे के बर्तन में पानी पीना शुरू कर दें। कम से कम प्लास्टिक के बर्तन में तो पानी पीना बंद कर दें। इससे आप और आपका दिल हेल्दी रहेगा।
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