एग्जाम के दिनों में बच्चों में स्ट्रेस होना लाजमी है। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को शांत रखने की कोशिशों में लगे रहते हैं। बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए पेरेंट्स टाइम देने के साथ-साथ पोषण की जरूरत पर भी ध्यान देते हैं। लेकिन शायद उनके ओरल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते हैं। परिणाम यह होता है कि अधिकांश बच्चे पढ़ाई के लिए देर तक जागते हैं, ऐसे में आधी रात को भी नाश्ता करते हैं। ऐसे में अक्सर दांतों और मसूड़ों में प्रॉब्लम्स के साथ-साथ एग्जाम से जुड़े स्ट्रेस के चलते ओरल हेल्थ से जुड़ी अन्य समस्याएं होने लगती है। जी हां एग्जाम स्ट्रेस बच्चों की हेल्थ को कई तरीकों से प्रभावित करता है। लेकिन परेशान ना हो क्योंकि वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे के मौके पर द डेंटल और ऑर्थोडॉन्टिक क्लिनिक के गुनीता सिंह और डॉक्टर तनवरी सिंह हमें बता रहे हैं कि एग्जाम स्ट्रेस, ओरल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है और इससे निपटने के लिए हम क्या कर सकते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: क्या आपका पसंदीदा टूथपेस्ट आपके दांतों की सुरक्षा करने में सक्षम है, जानें डेंटल एक्सपर्ट की राय
एग्जाम स्ट्रेस के साइड इफेक्ट्स में से सबसे आम रात में दांतों को पीसना है। इससे नींद न आने बीमारी, सिरदर्द, जबड़े का दर्द, दांतों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके लिए दांतों के गार्ड और नाइट गार्ड की सिफारिश की जाती है। ये क्लेंचिंग को कम करते हैं और दांतों को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने में हेल्प करते हैं।
घरेलू टिप्स: स्ट्रेस को दूर करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज एक बेहतरीन उपाय है।
अध्ययनों से पता चला है कि जब बॉडी स्ट्रेस का सामना कर रही होती है, तो बैक्टीरिया से बचाने के लिए इम्यून सेल्स का निर्माण करने की क्षमता भी कम होने लगती है। स्ट्रेस का प्रभाव इम्यून सिस्टम पर नेगेटिव पड़ता है और ओरल कैविटी पर इंफेक्शन और सूजन का असर बढ़ने लगता है। लेकिन एग्जाम से पहले क्लीनिंग की एक सीटिंग (15 वर्ष की आयु के बाद) से ओरल कैविटी के हानिकारण बैक्टीरिया को मारने में हेल्प मिलती है।
घरेलू टिप्स: रेगुलर माउथवॉश, मसूड़ों की मसाज और बहुत सारा पानी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
युवाओं में ये आम शिकायतों में से एक है। टीएमजे में बहुत तेज दर्द होता है। एक्स-रे में कोई विकृति दिखाई नहीं देती है, लेकिन मरीज जबड़े में असहनीय दर्द की शिकायत करते हैं। लेकिन 10 में से 9 मामलों में एग्जाम के बाद दर्द ठीक हो जाता है। लेजर फिजियोथेरेपी मरीज को तत्काल राहत देती है।
घरेलू टिप्स: 10 मिनट सुबह-शाम ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना रोगी के लिए अच्छा होता है।
इसे जरूर पढ़ें: Ladies की हेल्थ और ओरल हेल्थ के बीच क्या रिलेशन है? एक्सपर्ट से जानें
एग्जाम के दौरान समय पर ना खाने और नींद की आदतों में बदलाव के कारण मुंह से बदबू और दांतों पर धब्बे पड़ने लगते हैं। जी हां एग्जाम के दौरान बच्चे कॉफी बहुत ज्यादा लेते है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें एनर्जी और ज्यादा देर जागने में हेल्प मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं है। कम मात्रा में कैफीन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से इसके कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसमें से एक दांतों पर दाग भी शामिल है।
घरेलू टिप्स: इसलिए एग्जाम के दौरान कॉफी कम मात्रा में लें। इसके जगह आप ग्रीन टी ले और अपनी डाइट में बहुत सारा पानी शामिल करें।
एग्जाम में स्ट्रेस के चलते हम खुद को भी इग्नोर करने लगते हैं। जी हां खुद को इग्नोर करना ठीक नहीं। नींद ठीक से ना लेने से हम रोजमर्रा के कामों जैसे ब्रश करना, फ्लॉसिंग, माउथ वॉश करने की एनर्जी भी नहीं रहती है। पोषण संबंधी जरूरतें भी एग्जाम के कारण प्रभावित होती है। स्ट्रेस के कारण बच्चे बहुत ज्यादा शुगर वाले फूड्स खाने लगते हैं जिससे ओसल हेल्थ पर असर पड़ने लगता है। इसलिए सभी बच्चों की डाइट अच्छी होनी चाहिए। अपने स्ट्रेस की पहचान करके आपको डेंटिस्ट से मिलना चाहिए। हमें एग्जाम के दौरान स्ट्रेस को कम करने के उपाय करने चाहिए।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।