आप कॉफी शौक से पीती होंगी। सुबह-सुबह अपनी मनपसंद कॉफी पीकर आप तरोताजा महसूस करती होंगी। चाहें सुबह-सुबह फुर्ती से तैयार होना हो या फिर दिनभर तेजी से काम निपटाने हों, एक कप कॉफी आपको इंस्टेंट एनर्जी देती है और आपका मूड भी अच्छा कर देती है। कॉफी की दीवागनी सिर्फ आप ही नहीं बल्कि दुनियाभर की महिलाएं महसूस करती हैं। कॉफी बनने के दौरान जो खुशबू फिजा में बिखर जाती है, वह भी महिलाओं को काफी अच्छी लगती है। लेकिन शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि कॉफी बीन्स को भूनकर उसका ड्रिंक पीने के साथ-साथ और भी कई तरीकों से कॉफी का मजा लिया जा सकता है। एक दिलचस्प बात जो शायद आप शायद नहीं जानती हों, वह है कॉफी के आटे से बनी चीजों का सेवन भी आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स देता है।
कॉफी का आटा बनाने का तरीका बहुत दिलचस्प है। आमतौर पर कॉफी पेड़ से तोड़ ली जाती है और उसके बाद कॉफी बीन्स को अलग कर लिया जाता है, लेकिन कॉफी का आटा बनाने के लिए कॉफी चैरी को बीन्स के साथ सुखा लिया जाता है। कॉफी के आटे का स्वाद कॉफी की तरह कड़वा सा नहीं होता, इसका फ्लेवर थोड़ा फलों जैसा होता है, इसीलिए आप इसका इस्तेमाल स्वीट डिशेज में भी कर सकती हैं। आइए जानें कॉफी से होने वाले तमाम फायदों के बारे में-
कॉफी का आटा फैट करने वाला नहीं होता, इसीलिए वजन पर काबू रखने में यह काफी मददगार साबित हो सकता है। बादाम या नारियल के आटे की तुलना में इसमें फैट कंटेंट कम होता है। इसी वजह से अगर आप मोटापा कम करने की चाह करने वाली महिलाओं की यह पहली पसंद होती है।
हम सभी जानते हैं कि डाइट में फाइबर की मात्रा पाचन क्रिया में मदद करती है और कब्ज की समस्या को दूर करती है। कॉफी का आटा इस मामले में काफी अच्छा है, क्योंकि इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। फाइबर का कंटेंट ज्यादा होने पेट लंबे समय तक भरा-भरा लगता है।
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कॉफी का आटा एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। एक हालिया अध्ययन के अनुसार रेगुलर कॉफी की तुलना में कॉफी के आटे में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग रहता है। एंटीऑक्सिडेंट्स फ्री रेडिकल्स को खत्म कर देते हैं और उम्र के असर को कम करते हुए कैंसर जैसे कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
पोटेशियम एक एसेंशियल माइक्रोन्युट्रिएंट है, जो कॉफी के आटे में भरपूर मात्रा में होता है। इससे शरीर को पर्याप्त नमी मिलती है और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहता है। पोटेशियम सेल्स के सामान्य तरीके से काम करने, मांसपेशियों और नसों की गतिविधि में भी अहम भूमिका निभाता है।
कॉफी का आटा ग्लूटेन फ्री होता है। इस क्वालिटी को देखते हुए यह ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो ग्लूटन सेंसिटिव हैं। सेलिएक डिजीज ऑटोइम्यून डिजीज होती है, जिसमें ग्लूटन इम्यून सिस्टम की सक्रियता बढ़ा देते हैं। इस कारण छोटी आंत की बाहरी कोशिका को नुकसान पहुंचता है और इस कारण खाने से पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं हो पाते।
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