ओरल हेल्थ शरीर के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और इसे नजरअंदाज करने पर आप कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम का शिकार बन सकती है। हम कभी-कभी दांत में होने वाले हल्के दर्द और हल्के दाग को अनदेखा कर देती हैं, लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। हममें से बहुत कम लेडिज को इस बात की जानकारी है कि हमारे ओरल हेल्थ अन्य हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में बहुत कुछ बता सकता हैं। पार्क अस्पताल के बीडीएस एमडीएस सलाहकार पैरीडोंटिस्ट डॉक्टर कौशल लूथरा के अनुसार ''ओरल हेल्थ आपकी पूरी हेल्थ पर असर करती है। इसलिए हमें oral और अन्य हेल्थ के बीच के रिलेशनशीप को समझने की जरूरत है और उन टिप्स को भी, जिनकी help से हम अपने अनहेल्दी gums के कारण होने वाली प्रॉब्लम्स से दांतों की रक्षा कर सकें।
हेल्थ और ओरल हेल्थ के बीच लिंक
खराब ओरल हेल्थ के कारण पेरियोडोन्टाइटिस की समस्या होती है या दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि पेरियोडोन्टाइटिस gums की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें gums से blood निकलता है और दांतों के आसपास की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस बीमारी में मुंह के बैक्टीरिया प्रति प्रतिरोधी प्रणाली ज्यादा एक्टिव हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ लोगों में इस बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ता जाता है। हार्ट, endocrine system, प्रजनन और श्वसन प्रणाली की तरह कई organ systems पेरियोडोन्टाइटिस इंफेक्शन से जुड़े है।
कार्डियोवैस्कुलर
कार्डियोवैस्कुलर को हार्ट प्रॉब्लम के रूप में भी जाना जाता है। आपके सूजे हुए मसूड़ों से निकालने वाले हानिकारक बैक्टीरिया ब्लड में जाकर, हार्ट की arteries के माध्यम से होकर आपकी arteries को टाइट कर देती है, इसे अथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। अथेरोस्क्लेरोसिस arteries की आंतरिक दीवारों पर प्लॉक के कारण होता है। इस तरह बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन में प्रॉब्लम होती है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
डिमेंशिया
जिंजिवाइटिस से निकालने वाला बैक्टीरिया नर्वस और ब्लडस्ट्रीम के जरिये ब्रेन में जाकर खतरनाक जोखिम पैदा कर सकते है, जिससे अल्जाइमर रोग का कारण बन सकता है।
पीरियड्स और मीनोपॉज
कुछ वूमेन को पीरियड्स के दौरान gums में सूजन और ब्लीडिंग महसूस होती है, जबकि कुछ को कोल्ड सोर्स और कंर्कर सोर्स का अनुभव भी होता है। लेकिन पीरियड्स के शुरू होते ही लक्षण आमतौर पर दूर हो जाते है। इसके अलावा मीनोपॉज में भी मसूड़ों में सूजन, दर्द और बेचैनी, बर्निंग सेंसेशन, स्वाद में बदलाव और मुंह में ड्राइनेस महसूस होती हैं।
इंफेक्शन
जर्नल ऑफ पेरियोडोंटाइलोजी के अनुसार ओरल हेल्थ का असर आपके lungs पर होता है जिससे आपको निमोनिया जैसी समस्या हो सकती है। बहुत लंबे समय तक ऐसा होने से दांतों के बैक्टीरिया सांसों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
डायबिटीज
डायबिटीज से की इम्यूनिटी कम हो जाती है - जो gums के लिए खतरनाक है। डायबिटीज़ रोगियों में यह प्रॉब्लम बार-बार होती है। यहां तक कि gums प्रॉब्लम वाले महिलाओं में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
प्रेग्नेंसी
रिसर्च के अनुसार, कई गर्भवती को गर्भावस्था में मसूड़े की सूजन यानी जिंजिवाइटिस का अनुभव होता है, यह मसूड़ों की आम समस्या है। इसका मुख्य कारण White blood cells का इकट्ठा होना, बैक्टीरियल इंफेक्शन और प्लॉक है। इससे gums में सूजन और ब्लीडिंग होने लगती है।
ऑस्टियोपोरोसिस
कई रिसर्च से ऑस्टियोपोरोसिस और जबड़े की हड्डी बीच लिंक का पता चला है। इससे दांतों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि दांतों को support करने वाली bone density कम होने लगती है।
Gums को हेल्दी और स्ट्रॉग बनाने के टिप्स
• दिन में दो बार अपने दांतों में ब्रश करें।
• रेगलुर फ्लॉस करें।
• हेल्दी डाइट लें।
• हर महीने अपना टूथब्रश बदलें या अगर ब्रिसल के खराब होने पर इसे बदलें।
किसी भी तरह की ओरल प्रॉब्लम होने पर अपने डेंटिस्ट से मिले। इस बात का ध्यान रखें कि ओरल हेल्थ की केयर मन को ही नहीं बल्कि पूरी हेल्थ को दर्शाता है।
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