बच्चे उदास हैं तो हो सकता है यह डिप्रेशन का साइन, सुचित्रा पिल्लई ने दिए इससे लड़ने के टिप्स

आजकल बच्चों में डिप्रेशन एक बड़ी समस्या बन गया है। अगर इसे समय रहते पहचान लिया जाये तो इससे निपटना संभव है।

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2017-12-14, 14:14 IST
Suchitra Pillai main

‘चिंता चिता के सामान होती है।‘ यह लाइन शत प्रतिशत सही है मगर, जो लोग चिंता में डूबे हैं उन्हें यह समझा पाना काफ़ी मुश्किल है। आप ख़बरों की दुनिया में अक्सर पढ़ते होंगे कि लोग डिप्रेशन का शिकार हैं और उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। आपको बता दें कि डिप्रेशन किसी की उम्र देखकर नहीं आता। कई ऐसे सर्वेज़ हैं जिनमें साबित हुआ है कि डिप्रेशन इन दिनों टीनएज में भी होता है। यानी वो बच्चे जो फिलहाल स्कूलिंग कर रहे हैं, वो भी डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। आपको बता दें कि इसी मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेत्री सुचित्रा पिल्लई की एक फ़िल्म ‘The Valley’ हाल ही में रिलीज़ हुई है जिसे कई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में पहचान मिली है। सुचित्रा ने हाल ही में हमसे इस फ़िल्म के बारे में बात की और बताया कि असल ज़िन्दगी में भी डिप्रेशन स्कूल जाने वाले बच्चों को भी होने लगा है और निराश होने वाली बात यह है कि लोग इसे सीरियस नहीं लेते।

सुचित्रा ने बताया कि उनकी भी दस साल की बेटी है और यह फ़िल्म करने के बाद वो उस लेकर और भी ज्यादा चिंतित हो गई हैं। सुचित्रा ने कहा, “अगर आप अपने बच्चों को बेवजह उदास देखते हैं तो प्लीज़ उनसे बात करें। डिप्रेशन से लड़ना मुश्किल नहीं है। इससे लड़ने का सबसे पहला कदम है बात करना! बैठकर बात की जाए तो हर चीज़ का हल मुमकिन है। अपने बच्चों की उदासी या चिड़चिड़ेपन को नज़रअंदाज़ ना करें।“

सुचित्रा ने बताया कि आपको बच्चों को भी समझाना चाहिए कि अगर कोई बात उन्हें परेशान कर रही है तो उसके बारे में वो आपसे या उनके किसी ख़ास दोस्त से बात करें। परेशानियों को मन में रखने वाली गलती न करें। बच्चों से उनके डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए दो शब्दों का प्रयोग ज़रूर करें ‘I Understand’

सुचित्रा ने यह भी बताया कि अगर अप एडल्ट हैं और उम्र के उस पड़ाव पर हैं, जहां आपके पास सब कुछ है, तब भी आप डिप्रेशन में जा सकती हैं। कई बार छोटी सी चीज़ भी आपको परेशान करती है मगर, यह बात ध्यान रखें कि इसका इलाज है। “आज की तारीख़ में कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं, डॉक्टर्स हैं, आपको इससे लड़ने के लिए सिर्फ इस बारे में बात करना शुरू करना है...बस!” सुचित्रा ने कहा।

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