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सांस लेने में होती है मुश्किल? दिल की बीमारियों का हो सकता है संकेत

आजकल युवाओं में भी हार्टअटैक के मामले तेजी से देखने को मिल रहे हैं। दिल की बीमारी के कई ऐसे संकेत हैं, जिन्हें अगर शुरुआत में समझ लिया जाए, तो समय रहते इलाज करवाकर, बड़ी मुश्किल से बचा जा सकता है।
Editorial
Updated:- 2024-09-24, 16:15 IST

आजकल दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। यहां तक कि युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से देखने को मिल रहे हैं। गलत खान-पान, नींद की कमी, अनियमित जीवनैशली, स्ट्रेस, मोटापा, हाई बीपी और भी कई कारणों के चलते, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। दिल की बीमारी की शुरुआत और इसके बढ़ने पर कई संकेत नजर आते हैं। इन पर समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है। अक्सर लोगों में सांस लेने में मुश्किल होती है। कई बार थोड़ा सा चलने, भागदौड़ करने या सीढ़ी चढ़ने में सांस फूलने लगती है। क्या यह दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है और कब हमें सतर्क होने की जरूरत है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर आकाश शाह जानकारी दे रहे हैं। वह न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स अहमदाबाद में कंसल्टेंट पैथलॉजिस्ट हैं।

क्या सांस लेने में मुश्किल हो सकता है दिल की बीमारी का संकेत? (How do you know if shortness of breath is heart related)

breathlessness and heart problem

  • एक्सपर्ट का कहना है कि सांस लेने में मुश्किल, दिल की बीमारी का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती है। इसे मेडिकल भाषा में डिस्पेनिया यानी सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई कहा जाता है।
  • जब दिल सही तरह से ब्लड को पंप नहीं कर पाता है, तो इसके कारण लंग्स में ब्लड का एक बैकअप बन जाता है और इसकी वजह से फ्ल्यूड जमा होने लगता है।
  • इस कंडीशन को पल्मोनरी कंजेशन कहा जाता है। इसकी वजग से लंग्स के लिए सही तरह से फंक्शन करना मुश्किल हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत होती है।
  • अक्सर, ऐसा फिजिकल मेहनत के दौरान होता है। लेकिन, दिल की बीमारियों के एडवांस स्टेज में ऐसा नॉर्मली भी हो सकता है।
  • जब दिल की पंप करने की क्षमता कम हो जाती है, तो इसके कारण, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) हो सकता है। वहीं, सांस लेने में मुश्किल का एक अन्य कारण, कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) होता है। इसमें ब्लड फ्लो कम होने के कारण, दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन कम होने लगती है। इसकी वजह से चलते वक्त या सीढ़ी चढ़ते हुए सांस फूलने लगती है।
  • वाल्व से जुड़ी दिक्कतों या हार्ट अटैक से पहले भी इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं।

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heart health and shortness of breath

  • अगर आपको लेटते या सोते वक्त सांस लेने में मुश्किल हो रही है, तो इसे ऑर्थोपनिया कहा जाता है। यह कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) का एक संकेत है।
  • इसमें कई बार मरीजों को सोते या लेटते वक्त सही तरह से सांस लेने के लिए कई तकियों की जरूरत होती है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि सांस लेने में मुश्किल, एंग्जायटी या फेफड़ों की बीमारी के कारण भी हो सकती है। लेकिन, अगर आपको यह लंबे समय से हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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दिल की बीमारियों के शुरुआती संकेतों को समझकर, आने वाले वक्त की बड़ी मुश्किल से बचा जा सकता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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