आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं इस कदर बिजी हैं कि कई बार उन्हें चैन से खाना खाने के लिए भी वक्त नहीं मिल पाता। किसी काम में हो रही देरी या ऑफिस के प्रोजेक्ट की टेंशन में कई बार महिलाएं खाली पेट घंटों तक काम करती रहती हैं। ऐसा भी होता है कि काम के चक्कर में महिलाओं को कभी-कभी खाने का ध्यान ही नहीं रहता। अगर आप भी ऐसा ही कर रही हैं तो आपको संभल जाने की जरूरत है। खासतौर पर अगर आप खाली पेट बड़े फैसले ले लेती हैं तो वे फैसले भी बहुत अच्छे नहीं होते। हमारी लाइफ आगे कैसी रहेगी, यह बहुत हद तक हमारे फैसलों पर निर्भर करता है। अच्छे फैसले हमें कामयाबी की राह पर आगे बढ़ाते हैं। Psychonomic Bulletin And Review में प्रकाशित हुई इस स्टडी के अनुसार किसी बिजनेज डील, सैलरी पर बातचीत जैसी बड़ी चीजों पर फैसला लेते हुए पेट खाली नहीं होना चाहिए।
खाली पेट होने से होते हैं ये नुकसान
इस स्टडी के अनुसार खाली पेट से इंसान का सब्र जवाब देने लगता है और वे अपनी क्षमता से कम मिलने पर ही संतुष्ट हो जाता है। खाली पेट होने पर हम सामान्य स्थिति में नहीं होते और खुद को रिलैक्स नहीं कर पाते। ऐसे में सही निर्णय लेने में मुश्किल होती है। खाली पेट होने और एनर्जी लेवल डाउन होने पर महिलाएं गुस्से और चिड़चिड़ेपन की शिकार हो सकती हैं, जिससे शरीर का नुकसान ही होता है। खाली पेट होने पर महिलाएं छोटी-छोटी चीजों के लिए भी चिंतित हो सकती हैं और अपनी परेशानी बढ़ा सकती हैं, इसीलिए खाली पेट होने पर कोई समस्या नहीं होने पर भी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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शॉपिंग और खाने-पीने के लिए भी खाली पेट ना निकलें
ब्रिटेन की University of Dundee के बेंजामिन विंसेंट बताते हैं कि भूखे होने पर शॉपिंग या बाहर खाने-पीने के लिए भी नहीं जाना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर भी हम सही फैसले नहीं ले पाते। मुमकिन है कि बाहर खाली पेट जाने पर हम कुछ अनहेल्दी ऑप्शन चुन लें या शॉपिंग करते हुए बजट से ज्यादा खर्च कर दें। ये दोनों ही स्थितियां सही नहीं हैं। अनहेल्दी खाना सेहत को नुकसान पहुंचाता है और बजट बिगड़ने से महिलाओं का स्ट्रेस बढ़ सकता है।
विंसेंट ने इसके लिएप्रयोग में शामिल पार्टिसिपेंट्स से भूख, पैसे और दूसरे रिवॉर्ड्स से जुड़े सवाल दो चरणों में पूछे। एक बार उनसे खाली पेट सवाल पूछे गए और दूसरी बार खाना खिलाने के बाद। पाया गया कि खाली पेट वाले लोग छोटे फायदों में ही संतुष्ट होते दिखे, जिसका फायदा उन्हें तुरंत मिलता दिख रहा हो। रिसर्चर्स ने पाया कि भूख के कारण लोगों की प्रायोरिटीज बदल जाती हैं। इससे यह पता चलता है कि इसका असर वित्तीय फैसलों और रिश्तों पर भी पड़ सकता है।
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खाली पेट लॉन्ग टर्म के लिए नहीं हो पाती प्लानिंग
इस स्टडी में पाया गया कि भूखे रहने पर लोग लॉन्ग टर्म के बजाय शॉर्ट टर्म की चीजों पर ही फोकस कर पाते हैं और इससे उनका भविष्य भी प्रभावित होता है। मार्केटिंग से जुड़े लोग इंसान के इस तरह के व्यवहार का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, इसीलिए लोगों को इस बारे में सजग होना चाहिए कि पेट भरा होने पर फैसले और पसंद बदल जाते हैं।
खाली पेट आते हैं नेगेटिव विचार
लाइफ में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा लगने लगता है कि हम कि एक सिचुएशन में बुरी तरह फंस गए हैं और उससे बाहर निकलने का रास्ता ही नजर नहीं आता। ऐसी स्थिति में बहुत सी महिलाएं डिप्रेशन में जाने लगती हैं या आक्रामक व्यवहार करने लगती हैं। जानी-मानी साइकोलॉजिस्ट सबिहा अहमद का कहना है कि स्ट्रेस की वजह से कई बार महिलाएं खाना-पीना छोड़ देती हैं और इसके कारण उनकी स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाती है। खाली पेट होने पर विचार नेगेटिव हो जाते हैं और किसी समस्या का समाधान निकलने के बजाय महिलाएं खुद को और भी ज्यादा तनावग्रस्त पाती हैं। इसीलिए महिलाओं को अपनी डाइट का खास खयाल रखने की जरूरत है। हेल्दी डाइट लेने पर नेगेटिव विचारों पर काबू पाया जा सकता है और मदद के लिए भी हाथ बढ़ाए जा सकते हैं।
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