Seaweeds ऐसे पौधे होते हैं, जो झरनों, नदियों, समुद्र और दूसरे जलस्रोतों में पाए जाते हैं। कुछ Seaweeds बहुत छोटे होते हैं, जिन्हें देखना भी मुश्किल होता है, वहीं केल्प जैसे Seaweeds काफी बड़े भी होते हैं। मीडियम साइज के Seaweeds दुनियाभर के समुद्र तटों पर नजर आते हैं। ये Seaweeds लाल, हरे, काले और कत्थई जैसे रंगों में नजर आते हैं। दिलचस्प बात ये है कि ये Seaweeds न्यूट्रिशन से भी भरपूर होते हैं। सबसे आम Seaweed हैं केल्प और wakame, जो कत्थई रंग के होते हैं, वहीं nori लाल रंग का होता है। Nori का इस्तेमाल पॉपुलर जापानी डिश सूशी बनाने के लिए किया जाता है।
बहुत से लोग seaweeds को एशियाई फूड प्रॉडक्ट मानते हैं क्योंकि चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, इंडोनीशिया और फिलिपीन्स सबसे ज्यादा seaweeds produce करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह दुनियाभर में उगाया जाता है और लोग शौक से इन्हें खाते हैं। नॉर्वे, चिली, फ्रांस और युनाइटेड किंग्डम भी seaweeds के बड़े producer हैं। वहीं Scandinavians सूप और सलाद में seaweeds मिलाकर खाते हैं। आयरलैंड में सदियों से seaweeds खाए जा रहे हैं। सन 1800 में जब वहां खाने की कमी हो गई थी, तो लोग seaweeds खाकर ही जिंदा रह पाए थे। स्कॉटलैंड में भी इसका प्रचलन लंबे समय से रहा है। रोम में seaweeds का इस्तेमाल चोट और शरीर के जले हुए हिस्से को ठीक करने के लिए हुआ करता था।
seaweeds का स्वाद थोड़ा-थोड़ा मछली जैसा होता है, मुमकिन यह कि यह आपको पसंद न आए। लेकिन इसके दूसरे विकल्प अपना सकती हैं, जिनसे मछली वाली गंध नहीं आती। मसलन आप सूखे हुए seaweeds और उसका पाउडर अपने फूडआइटम्स में शामिल कर सकती हैं, जिनसे खाने के फ्लेवर में भी फर्क नहीं आता है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने तो एक ऐसी seaweed भी विकसित की है, जो फ्राई किए जाने पर बेकन जैसी लगती है।
शाकाहारी महिलाएं लाल रंग वाले ऐसे seaweeds अपने खाने में शामिल कर सकती हैं जिनमें प्रोटीन की अच्छी-खासी मात्रा होती है।
नॉनवेज न होते हुए भी seaweeds प्रोटीन से भरपूर होने के साथ दूसरे हेल्थ बेनिफिट्स के लिए भी जाने जाते हैं। कई न्यूट्रीशन वेबसाइट्स पर यह बात कही गई है कि दक्षिण कोरिया की महिलाएं डिलीवरी के बाद seaweeds soup पीती हैं। माना जाता है कि इससे नई मदर्स को पौष्टिक तत्व और मिनरल्स हासिल होते हैं। केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के न्यूट्रीशनिस्ट्स मानते हैं कि seaweeds कई मिनरल्स जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कॉपर और आयरन का अच्छा स्रोत है।
ब्राउन seaweed में खासतौर पर आयोडीन की मात्रा ज्यादा होती है। आयोडीन अच्छी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन ज्यादातर फूड आइटम्स में यह नहीं पाया जाता। आयोडीन से थायरॉयड ग्लेंड स्वस्थ रहता है। हर seaweed में आयोडीन का स्तर अलग होता है । अगर आप विशेष रूप से लो-आयोडीन डाइट ले रही हैं, तो seaweeds अपने भोजन में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
seaweeds में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इससे आपको भरा-भरा सा महसूस होता है। इसे लेने से bad cholesterol के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। एक और seaweed है alginate, जिसे लेने से शरीर में फैट absorb होने में भी कमी आती है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस seaweed को लेने से शरीर में फैट absorb होने में 75 फीसदी तक कमी आती है।
wakame seaweeds, मशरूम, तिल का तेल, लहसुन और tamari को पानी से युक्त एक पॉट में धीमी आंच पर चढ़ाकर आप टेस्टी सूप तैयार कर सकती हैं।
न्यूट्रीशनिस्ट्स के अनुसार ज्यादा मात्रा में seaweeds लेने पर ये विटामिन बी-12 को ब्लॉक कर सकते हैं, इसीलिए अगर आपका seaweeds ज्यादा ले रही हैं तो उसे बैलेंस करने के लिए अलग से बी-12 सप्लीमेंट ले सकती हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि seaweeds जिस जलस्रोत से आई हो, वह साफ-सुथरा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि seaweeds जिस जलस्रोत में होते हैं, उसके तत्वों को आसानी से एब्सॉर्ब कर लेता है। इसी कारण seaweeds में खतरनाक arsenic, mercury और दूसरे heavy metals होने का अंदेशा भी हो सकता है, इसीलिए यह सुनिश्चित कर लें कि जिस पानी के seaweeds का आप सेवन कर रही हैं, वे साफ-सुथरी और खतरनाक तत्वों से मुक्त हों।
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