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शरीर में नजर आने लगे ये लक्षण तो समझिए मेनोपॉज के करीब पहुंच रही हैं आप

45 की उम्र के आस-पास महिलाओं का शरीर मेनोपॉज से गुजरता है। इस समय पर शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इनका असर आपके पूरे शरीर पर होता है। आप कैसे पहचान सकती हैं कि आपका शरीर मेनोपॉज के करीब पहुंच रहा है, चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं।  
Editorial
Updated:- 2025-09-17, 20:18 IST

महिलाओं के शरीर में उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव का असर उनके पूरे शरीर पर होता है। पीरियड्स की शुरुआत, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में कई फिजिकल और मेंटल बदलाव आते हैं। 45 से 55 साल की उम्र में आमतौर पर महिलाएं मेनोपॉज में कदम रखती हैं। इस समय पर शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में कमी होती है और इसका असर कई फंक्शन्स पर होता है। आजकल कई कारणों से महिलाओं को 40 की शुरुआत में या 38-40 साल की उम्र में मेनोपॉज होने लगा है। यह सही नहीं है। मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज का समय आता है। इसे एक तरह से आप ट्रांजेक्शन पीरियड कह सकती हैं। आप कैसे पता कर सकती हैं कि मेनोपॉज अब करीब है या पेरिमेनोपॉज में शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं।

ये लक्षण बताते हैं कि मेनोपॉज करीब है

  • एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आपकी उम्र 40 के आस-पास है और अचानक से आपके पीरियड साइकिल में बदलाव शुरू हो गए हैं यानी पीरियड साइकिल छोटी या बड़ी हो गई है या पीरियड्स हैवी या लाइट आने लगे हैं, तो यह मेनोपॉज के करीब होने का एक संकेत हो सकता है। ऐसा इस समय पर शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण होता है।
  • पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं को पीरियड साइकिल में कई बदलाव महसूस होते हैं और फिर मेनोपॉज में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं।

 

 

 

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  • अगर आप रात को अचानक से उठ जाती हैं, तेज गर्मी लगती है या आप पसीने में भीगी हुई उठती हैं, तो यह एस्ट्रोजन लेवल में उतार-चढ़ाव के कारण हो सकता है। यह भी पेरिमेनोपॉज का एक संकेत हो सकता है।
  • अचानक से हर बात पर चिड़चिड़ापन महसूस होना, कभी गुस्सा आना तो कभी रोने का मन करना, ये भी पेरिमेनोपॉज के संकेत हो सकते हैं। इस समय पर एस्ट्रोजन और कोर्टिसोल लेवल में होने वाले बदलावों के कारण, मूड स्विंग्स और एंग्जायटी बढ़ जाती है।

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  • नींद आने में मुश्किल होना भी पेरिमेनोपॉज का शुरुआती संकेत हो सकता है। इस समय पर स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन के लेवल में बदलाव होता है, जिसके कारण नींद आने में मुश्किल हो सकती है।
  • पेट के इर्द-गिर्द बढ़ती चर्बी भी इस बात का संकेत हो सकती है कि आप पेरिमेनोपॉज में कदम रख रही हैं। अगर खान-पान और जीवनशैली में बिना किसी बड़े बदलाव के आपका बेली फैट बढ़ रहा है, तो यह पेरिमेनोपॉज में मेटाबॉलिज्म के धीमा होने और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण हो सकता है।

 

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एक्सपर्ट का कहना है कि ये लक्षण मेनोपॉज की तरफ इशारा करते हैं। आपको इन पर जरूर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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