जब बॉडी बैलेंस की बात होती है तो लोग अक्सर भूल जाते हैं कि इसके लिए सांसों पर कंट्रोल की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। हमारा ब्रेन किसी चंचल वानर की तरह है, विचारों या विषयों की एक डाल से दूसरी डाल कूदता-फिरता है, जब मन ही कंट्रोल में नहीं है तो बॉडी बैलेंस कैसे हो सकती है।
मन को कंट्रोल करने के लिए, आपको अपनी सांस को कंट्रोल करने की आवश्यकता होती है। सुनिश्चित करें कि हर मुद्रा और आसन में, आपकी सांस सामान्य बनी रहे और आपका ध्यान या नजरें किसी एक बिंदु पर टिकी हो। यह आसन आपके संपूर्ण बॉडी बैलेंस को गहरा और मजबूत बनाने में मदद करेंगे। इन योगासन के बारे में हमें योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी बता रहे हैं।
1. एकपादासन
इस आसन में स्थिरता प्राप्त करने के लिए, ब्रेन और मसल्स के समन्वय और मन की एकाग्रता की आवश्यकता होती है। यह न केवल आपके पैर की मसल्स में मजबूती लाता है, बल्कि आपके बॉडी बैलेंस, एकाग्रता और धैर्य में भी सुधार करेगा। इस आसन को करने के लिएः
- अपने पैरों को पास रखकर खड़े हो जाएं, हाथ अपनी-अपनी तरफ रहें।
- अपने हाथों का उपयोग करते हुए, दाएं पैर को बाएं जांघ तक उठा कर ले आएं, जितना आप कर सकते हैं, उतना करें।
- एक बार बैलेंस हासिल करने के बाद, दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा बनाएं और कुछ सेकंड के लिए यह मुद्रा बनाए रखें।
- धीरे से इस मुद्रा से बाहर आएं और इसे दूसरे पैर से भी दोहराएं।
2. गरुड़ासन
इस आसन को ईगल पोज के रूप में भी जाना जाता है। यह आसन तन और मन दोनों के लिए एकाग्रता और लचीलापन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह आसन हमें शरीर की शक्ति, लचीलापन और चपलता के साथ-साथ एकाग्रता और मस्तिष्क की तीक्ष्णता देता है। इस आसन को करने के लिएः
- अपने पैरों को पास रखकर खड़े हो जाएं, हाथ अपनी-अपनी तरफ रहें।
- धीरे से, अपने बाएं पैर को दाहिने पैर के चारों ओर, सामने से पीछे की ओर लपेटें।
- एक बार संतुलन हासिल करने के बाद, बाएं हाथ को दाएं हाथ के चारों ओर, कंधे के लेवल पर, चेहरे के सामने लपेटें। हथेलियों को आपस में मिलाएं।
- 6-8 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और धीरे से इस मुद्रा से बाहर आ जाएं।
- दूसरे पैर पर भी यही अभ्यास करें।
3. पवनमुक्तासन
एक सरल आसन जो न केवल पेट के अंगों को एक गहरे प्रेशर से आंतरिक मालिश देता है, बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी मुक्त करता है। जब इस नए रूप से किया जाता है तो यह बैलेंस की समग्र भावना भी अपने साथ लाता है। इस पवनमुक्तासन(पेट की गैस को दूर करे पवनमुक्तासन ) को करने के लिएः
- अपने पैरों को पास रख कर खड़े हो जाएं, हाथ अपनी-अपनी तरफ रहें।
- अपने दाहिने पैर को उठाएं, इसे घुटने पर झुकाएं और अपने दोनों हाथों से घुटने को अपने पेट पर दबाएं।
- कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और अपने पैर को नीचे लाएं।
- दूसरे पैर से दोहराएंं।
ये सरल आसन, अगर नियमित रूप से और लगातार किया जाएं तो फिजिकल और मेंटल बैलेंस कायम रखने में मदद कर सकते हैं। एक बार इन आसन को करना सीखने के बाद यह बैलेंस न केवल शरीर में, बल्कि आपके मन और आपके दैनिक कार्यों में भी दिखने लगेगा। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़े रहें।
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Image Credit: Freepik.com
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