मुंह के अंदर की बीमारी का दिल एवं शरीर के साथ गहरा संबंध है। अगर दांत, मसूड़े एवं मुंह हेल्दी रहेंगे तो आपका दिल एवं शरीर भी हेल्दी रहेगा। आपके दांत एवं मसूड़े सिर्फ खाना खाने के काम नहीं आते। इनके और भी कई काम होते हैं। हमारे पेरेंट्स बचपन से ही हम सबको रेगुलर दांतों की सफाई करने की सलाह देते हैं। यह हमारे खानपान एवं जीवनचर्या का अभिन्न अंग हैं। इसके लिए प्राकृतिक साधन का इस्तेमाल करना हो तो नीम का दातुन मिलता है। इसमें नीम की नर्म टहनियों का उपयोग किया जाता है। जो मसूड़ों की सफाई के काम आते हैं। इन्हें मजबूत एवं निरोग रखते हैं। इनके बीमार रहने पर इनमें मौजूद बैक्टीरिया दिल तक पहुंच जाते हैं और व्यक्ति के दिल एवं शरीर को बीमार बनाते हैं। इनके खराब रहने से दिल का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति को दांत, मसूड़े एवं मुंह की बीमारी लगातार होती है तब उसे दिल के रोग, डायबिटीज एवं निमोनिया होने का खतरा ज्यादा होता है, यह माना जाता है।
हम रोजाना जो भी चीज खाते या पीते हैं उसका कुछ अंश दांतों एवं मसूड़ों के आसपास तथा मुंह के भीतर जमा रहता है। अगर इसकी सही से सफाई न की जाये तो यह सफाई के अभाव में सड़ता रहता है जिससे गंदगी की परत में बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिल जाता है। ये दांतों व मसूड़ो को संक्रमित कर अस्वस्थ और कमजोर करते हैं। इससे दांत सडऩे, गलने एवं खोखले होने लगते हैं। दांतों में दर्द एवं मसूड़ों में सूजन होने लगती है। मुंह से लगातार दुर्गंध आने लगती है और ये ही हमारे दिल को नुकसान पहुंचाती हैं।
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दांतों और मसूड़ों को साफ रखने की महत्व ऐसा विषय है जिसपर हमारे अभिभावकों और शिक्षकों ने हमेशा जोर दिया है और बेशक वे अनुभव से बात करते हैं। खाने के बाद हर बार ब्रश करना, कुल्ला करना और कायदे से फ्लॉसिंग करना दांतो को साफ रखने से संबंधित बुनियादी जरूरत है और यह सब हम जितनी जल्दी अपनी आदत में शामिल कर लें, दांतों की चेकअप कराने की जरूरत उतनी कम होगी। क्लिनिक ऐप्प सीईओ श्री सतकाम दिव्य के अनुसार दांतों के स्वास्थ्य से होने वाले फायदे अगर पर्याप्त नहीं हैं तो हम आपको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ और फायदे बताते हैं जो दांतों और मसूड़ों को ठीक रखने से मिलते हैं। साफ दांत और मसूड़ों से हृदय से संबंधित बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है।
ताईवान वेटरन्स जनरल हॉस्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जो लोग अपने जीवन काल में दांतों की सफाई कम से कम एक बार कराते हैं उन्हें हार्ट अटैक का जोखिम 24 प्रतिशत कम होता है और स्ट्रोक का जोखिम 13 प्रतिशत कम होता है।
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मसूड़ों में सूजन का असर हृदय पर हो सकता है इसलिए ऐसा करने वाले (इनफ्लेमेट्री एजेंट) मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकते हैं और यह याद्दाश्त कम करने का कारण बन सकता है। जनरल ऑफ पेरीओडोंटोलॉजी और अमेरिकन जनरल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रीशन एक्जमीनेशन सर्वे के एक अध्ययन का उल्लेख किया गया है और इसमें यह खुलासा किया गया है कि मसूड़ों की बीमारी से दूसरी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इसका संबंध उन बीमारियों से होता है में कहा गया है जो मस्तिष्क में खून पहुंचाने वाली धमनियों से जुड़े होते हैं। दांतों और मसूड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने से सांस संबंधी स्वास्थ्य ठीक रहने में भी योगदान मिल सकता है। अध्ययन से पता चलता है कि माइक्रोऑर्गैनिज्म की मौजूदगी से मसूड़ों की बीमारी हो सकती है और सांस संबंधी समस्या शुरू होने की भी आशंका रहती है।
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