मिठाई और स्नैक्स सेलिब्रेशन का जरूरी हिस्सा हैं और त्योहारों के मौसम को यादगार बनाने के लिए इनका मजा लिया जाना चाहिए। लेकिन अनहेल्दी फूड्स लेने और अच्छी हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व न लेने से होने वाले नुकसान फेस्टिव सीजन के बाद अपच, कब्ज, वजन बढ़ना, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल बिगड़ना, हार्ट बर्न, मुंहासे और सूजन जैसी त्वचा की परेशानियों के रूप में सामने आते हैंं। खुद को विषाक्त पदार्थों के संपर्क से रोकने के लिए अच्छे पोषण के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है। जी हां त्योहारों के मौसम के दौरान स्लिम रहने के लिए टिप्स के बारे में हमें फोर्टिस नेटवर्क के हॉस्पिटल-हीरानंदानी हॉस्पिटल, वाशी की चीफ क्लिनिकल न्यूट्रिशिनस्ट, सुश्री स्वाती भूषण बता रही हैं।
सेहतमंद सामग्री और भोजन पकाने के तरीके के साथ तैयार मिठाई, अगर संयमित मात्रा में खाई जाए तो ये आपके वजन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सीमा के भीतर रखेगी।
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उपवास उत्सव के मौसम में बहुत आम है जो हमारी बॉडी को भूखा रखता है और हमारे मेटाबॉलिज्म को सुस्त बनाता है। संतुलित वजन को बनाए रखने के लिए, हमें हमेशा यह देखना चाहिए कि हम अपने मेटाबॉलिज्म को कैसे हाई रख सकते हैं। लंबी अवधि के लिए उपवास गंभीर एसिडिटी का कारण बन सकता है। अगरकोई भोजन छोड़ देता है, तो उसे बाद में खाली कैलोरी लेकर या बड़ी मात्रा में भोजन लेकर उसकी कमी को पूरा करना होगा, जिससे मेटाबोलिक डिसऑर्डर पैदा हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल में उतार—चढ़ाव से बचने और वजन बढ़ने से रोकने के लिए उपवास और दावत से बचें।
भारतीय मिठाई फैट से भरपूर होती है और डीप फ्राइंग उन्हें और भी खराब कर सकती है। इनके अधिक सेवन से बचें क्योंकि ये आपके डाइजेशन को परेशान कर सकती हैं। बहुत सारी मिठाई और ऑयली फूड खाने से हाइपरएसिडिटी हो सकती है। हाई कैलोरी वाली मिठाई और स्नैक्स को कम मात्रा में खाएं। दिन में थोड़ा—थोड़ा 4-5 बार खाएं, ताकि आप असमय खाने की तरह महसूस न करें और फाइबर रिच फूड (साबुत अनाज, साबुत दालें, साबुत फल, सलाद और पत्तेदार सब्जियां) खाएं जो संतृप्ति की भावना दे। इससे आपको मिठाई से दूर रखने में मदद मिलेगी। अल्कोहल को प्रतिबंधित करें क्योंकि यह केवल खाली कैलोरी प्रदान करता है जिससे कैलोरी जुड़ती है और वजन बढ़ जाता है।
बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी होता है। पानी स्वाभाविक रूप से भूख को दबा देता है और बॉडी में जमा फैट के चयापचय में मदद करता है। पानी लिम्फ के उत्पादन में मदद करता है जिसमें व्हाइट ब्लड सेल और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं होती हैं, जो संक्रमण से लड़ने में शरीर की मदद करती हैं। शरीर के जरिए बहने वाली पानी की अपर्याप्त मात्रा के साथ, ये विषाक्त पदार्थ शरीर में बन सकते हैं और त्वचा के छिद्रों से बच सकते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं। पानी भी आंखों के नीचे सर्कल को रोकने में मदद करेगा और त्वचा को उचित हाइड्रेशन प्रदान करके पूरक बनाएगा। सामान्य कार्य करने के लिए प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी का उपभोग करने की सलाह दी जाती है।
प्यास लगने की प्रतीक्षा न करें, लिक्विड्स लेते रहें लेकिन सही प्रकार के तरल पदार्थ पीना महत्वपूर्ण है। कैफीन (कोला, कॉफी, चाय) जैसे डिहाइड्रेटेड फूड्स और ड्रिंक्स से बचें; इसके बजाय नारियल का पानी, कोकम जूस, ताजा नींबू का रस, आम पना, कम फैट वाला दूध और दूध उत्पादों से बने पेय पदार्थ लें, जिनमें या तो शक्कर न हो या सीमित मात्रा में हो।
फूड कॉम्बिनेशन एक अच्छा उपाय हो सकता है। भोजन और स्नैक्स में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का कॉम्बिनेशन ब्लड ग्लूकोज लेवल पर बेहतर नियंत्रण पैदा कर सकता है और आपके मेटोबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन ग्रुप को चुनें, जैसे साबुत अनाज (दलिया, ओट्स, मुसली, बाजरा, ज्वार, होल व्हीट आटा, रागी, क्विनोआ) की तैयारी के साथ कार्बोहाइड्रेट यानी दूध / दही / मक्खन को चुनें। पौधे वाले प्रोटीन कुछ एमिनो एसिड की कम मात्रा के कारण अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं होते। हालांकि, अनाज और दालों का संयोजन अधिकांश एमिनो एसिड और बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोटीन प्रदान करता है।
सीरियल्स विटामिन—बी, फाइबर और आयरन प्रदान करता है। दूध प्रोटीन, विटामिन-बी, फॉस्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम प्रदान करता है। फाइबर आपके पाचन तंत्र को नियमित रूप से काम करने में मदद करता है। प्रोटीन और फाइबर आपकी भूख को संतुष्ट करते हैं और आप लंबे समय तक भरा पेट महसूस करते हैं। शुगर वाले सीरियल्स (जैसे मैदा और मकई का आटा), सिरप, पेस्ट्री और सफेद रोटी से दूर रहें क्योंकि ये जल्दी पच जाते हैं और यह कुछ ही घंटे में आपको भूखा कर देंगे और थकावट ला देंगे, जिससे आखिर में आपको अधिक खाना होगा। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जब लोग कुछ और ज्यादा खाते हैं तो उनका बॉडी फैट अधिक संचित होता है बजाय इसके जब वे कम, बार-बार भोजन में समान कैलोरीज लेते हैं।
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अपने ज्यादा खाने की भरपाई करने के लिए अगले कुछ दिनों के खाने के बारे में सावधान रहें। त्यौहार के मौसम के बाद ज्यादा सेवन के बुरे प्रभावों से बचने और अस्वास्थ्यकर मिठाई / स्नैक्स खाने से रोकने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, फल और सब्ज़ियों पर ध्यान दें। उनमें से अधिकांश में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं और इस प्रकार हमारे शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स सेल्स से नुकसान पहुंचाने से बचाते हैं। उन अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने के लिए एक्सरसाइज करना भी याद रखें। अगर आप किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, तो प्रतिदिन आधे घंटे तेज चलें, अन्यथा अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए फिजिकल एक्सररसाइज का पालन करें।
“त्योहारी मौसम के बाद बॉडी को डिटॉक्स करने का सबसे अच्छा तरीका है, बहुत सारा पानी पीना और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी के साथ विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध एक बैलेंस डाइट लेना।" इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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