योग को अच्छी हेल्थ की कुंजी माना जाता है। योग करने से तन और मन को दुरूस्त रखा जा सकता है। इसलिए रोजाना योग करने की सलाह दी जाती है। इस बात को ध्यान में रखकर हम आपको समय-समय पर विभिन्न तरह के योगासनों के बारे में बताते रहते हैं। योग में शामिल इन्हीं प्रक्रियाओं में एक भस्त्रिका प्राणायाम है। भस्त्रिका प्राणायाम में तेजी और गति के साथ सांस को अंदर की ओर भी लिया जाता है। योग की यह प्रक्रिया शरीर की अशुद्धियों को बाहर निकालने और ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है और हेल्दी श्वसन तंत्र को जीवन का आधार माना जाता है। आज हम आपको भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे और इसे करने के तरीके के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस योगासन को रोजाना करने से कई गंभीर रोगों से निजात पाने में मदद मिल सकती है। स्वामी रामदेव जी भी इसे करने की सलाह देते हैं। जी हां अक्सर हमने स्वामी रामदेव को इस अद्भुत प्राणायाम के फायदों के बारे में बताते हुए सुना है। आइए इसके फायदे जानने से पहले इसे करने के तरीके के बारे में जानते हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका
- इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं।
- इस प्राणायाम को करते समय गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए।
- इस बात का भी ध्यान रखें कि मुंह खुले नहीं और नाक से गहरी सांस लें।
- सांस अंदर लेते समय फेफड़े पूरी तरह से फूलने चाहिए।
- एक झटके में नाक से भरी हुई सांसों को छोड़ें।
- सांस छोड़ने की स्पीड इतनी तेज होनी चाहिए कि फेफड़े सिकुड़ जाएं।
- सांस लेने से लेकर छोड़ने तक, यह प्राणायाम का एक चक्र है।
- शुरुआत में इसे धीरे और कम से कम 10 से 12 चक्र में पूरा करें।
- बाद में आप अपनी क्षमतानुसार इसे बढ़ा सकती हैं।
- लेकिन इसे शुरुआत में किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें।
भस्त्रिका प्राणायाम करने के फायदे
- मोटापे की समस्या से परेशान महिलाओं के लिए भस्त्रिका प्राणायाम योग बहुत ही फायदेमंद होता है।
- इसका नियमित अभ्यास करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है। इसलिए एक्सपर्ट इसे अस्थमा जैसी श्वसन समस्या में भी लाभकारी मानते हैं।
- इसे करने से शरीर को प्राणवायु अधिक मात्रा में मिलती है जिसके कारण यह शरीर के सभी अंगों से टॉक्सिन्स को दूर करता है।
- भस्त्रिका करते समय तेज गति से श्वास लेने और छोड़ने से हम ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन लेते और कॉर्बन डॉइऑक्साइड छोड़ते हैं जो फेफड़ों की काम करने की क्षमता को बढ़ाता है और हार्ट में ब्लड वेसल्स को भी शुद्ध और मजबूत बनाए रखता है।
- वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं और पाचन, लीवर और किडनी की अच्छे से एक्सरसाइज हो जाती है।
- तनाव को दूर करने के लिए भी भस्त्रिका प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है।
- रोजाना करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
- यह बढ़ी हुई हार्ट बीट को सुधारने में भी सहायक साबित हो सकता है।
- भस्त्रिका प्राणायाम करते समय डायाफ्राम तेजी से काम करता है, जिससे पेट के अंग मजबूत होकर सही तरीके से काम करते हैं और हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ती है।
सावधानियां
- भस्त्रिका प्राणायाम योग का अभ्यास करने के दौरान निम्न बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
- शुरू में भस्त्रिका प्राणायाम योग को धीमी गति में करना चाहिए।
- इस प्राणायाम को शुरू करने से पहले नाक को अच्छी तरह साफ कर लें।
- यह प्राणायाम हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए।
- हाई बीपी और गंभीर हार्ट संबंधी समस्याओं से ग्रस्त महिलाओं को भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
रोजाना भस्त्रिका प्राणायाम को करके आप भी फिट रह सकती हैं। फिटनेस से जुड़ी और जानकारी के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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