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International Yoga Day 2021: फेफड़ों को रखना है मजबूत, तो करें ये 6 योगासन

आइए इस इंटरनेशनल योग दिवस पर एक्सपर्ट से जानें कौन से योगासन फेफड़ों को स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।     
Editorial
Updated:- 2021-06-20, 09:02 IST

हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं हमारे फेफड़े। लेकिन आज अपने अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण हमारे फेफड़ों में इंफेक्शन बढ़ता जा रहा है, जिससे हम टीबी,अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, जैसी कई खतरनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस के रूप में मनाया जाता है और कई तरह के योग करने के फायदों के बाते में चर्चा की जाती है। योग वास्तव में जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जिससे शरीर को स्वास्थ्य रखा जा सकता है। आइए इस बार योग दिवस पर फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए योग के बारे में जानें।

बीइंग फिट फिटनेस सेंटर की फिटनेस व जुम्बा एक्सपर्ट शिवानी गुप्ता कहती हैं कि फेफड़ों में इन्फेक्शन होने से हम कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। आज के समय में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और यह एक रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारी है इसलिए इस समय बहुत ज़रूरी है कि हम अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखें। यहां पर मैं आपको 6 ऐसे योगाआसन बताए जा रहे हैं जिसको करके आप फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं।

अनुलोम-विलोम

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सबसे पहले योगा मैट पर अलथी- पलथी मार कर बैठें।इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नाक पकड़ें और बाई नाक से सांस अंदर लें। अब अनामिका अंगुली से बाएं नाक को बंद करें। इसके बाद दाहिनी नाक खोलें और सांस बाहर छोड़ दें।अब दाहिने नाक से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नाक से सांस बाहर छोड़ दें।

फायदे

  • अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
  • साथ ही आप अपना वजन भी कम कर सकती हैं।
  • अनुलोम-विलोम तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छा है।

भस्त्रिका प्राणायाम

पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। इसके बाद लंबी सांस लें और फेफड़ें में वायु को भर जाने दें। इसके बाद एक बार में तेज़ी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार जरूर करें।

फायदे

  • इसको करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है और रक्त चाप भी नियंत्रित रहता है।
  • इस योग को करने से गले से संबंधित सभी तकलीफें खत्म हो जाती हैं।

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कपालभाति

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योग मैट पर पद्मासन, सुखासन या वज्रासन किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए ध्यान की मुद्रा में बैठें।अब गहरी लंबी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ दें। ऐसे कम से कम दो बार जरूर करें। फिर नाक से सांस को बाहर की ओर निकालें। जब सांस को बाहर निकालें, तो पेंट को अंदर की ओर खींचें।ऐसा आपको लगातार करना है। बीच में रुकना नहीं है। साथ ही ध्यान रहे कि मुंह को बंद रखें। उससे न तो सांस छोड़ें न लें। सिर्फ नाक से ही सांस को बाहर छोड़ना है और हल्की-हल्की सांस नाक से ही लेनी है। ऐसा 15 से 20 बार करने से कपालभाति प्राणायाम का एक राउंड होता है। आप ऐसे तीन राउंड कर सकती हैं और फिर थोड़ी देर सुखासन की मुद्रा में बैठकर ध्यान लगाएं।

फायदे

  • कपालभाति फेफड़ों के लिए भी अच्छा योग है, इससे श्वसन प्रणाली स्वस्थ होती है।
  • ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखा जा सकता है।

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मंडूकासन

योग मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों की हथेलियों की मुठ्ठी बांधें और इसे अपनी नाभि के पास ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो और उंगलियां आपके उदर की तरफ हों । सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे।आप इस तरह से आगे झुकें कि नाभि पर ज्यादा से ज्यादा दबाब आए। सिर और गर्दन ऊपर उठाए रखें । धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़ें और यथासंभव इस स्थिति को बनाये रखें। फिर सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आएं और आराम करें।

फायदे

  • इस आसन को करने से शरीर में पेनक्रियाज पर बल लगता है, जिससे इंसुलिन का स्राव संतुलित होने लगता है।
  • इस आसन को नियमित करने से पेट का मोटापा कम हो जाता है।

नौकासन

सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं ।आपके हाथ जांघ के बगल हो और शरीर एक सीध में हो।अपने शरीर को ढीला छोड़ें और सांस पर ध्यान दें।अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर और पूरे शरीर को 30 डिग्री पर उठायें। ध्यान रहे आपके हाथ ठीक आपके जांघ के ऊपर हों। धीरे धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें , इस अवस्था को अपने हिसाब से बनाए रखें। जब अपने शरीर को नीचे लाना हो तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए सतह की ओर आयें। यह एक चक्र हुआ और शुरुवाती दौड़ में 3 से 5 बार करें।

फायदे

  • यह एक ऐसा योगासन है, जो आपके शरीर को सिर से लेकर पैर तक फायदा पहुंचाता है।
  • नौकासन पेट की चर्बी(ऐसे घटाएं पेट की चर्बी) को कम करने के लिए बहुत ही अच्छा योगाभ्यास है।

भुजंगासन

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योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। पैरों के तलवे छत की ओर होने चाहिए। अपने बाज़ुओं को धड़ की लंबाई के साथ सीधा रखें। हाथों को आगे लाकर सिर के पास रखें। हाथों पर वज़न डाल कर छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इस बात का ध्यान रखें कि पेट से नीचे शरीर का सारा हिस्सा ज़मीन से नहीं उठना चाहिए। पैरों को उंगलियों के बल ही टिका कर रखें। पीठ आराम से जितनी मोड़ सकें ,उतनी ही मोड़ें। फिर सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें।

फायदे

भुजंगासन छाती व फेफड़ों, कंधों और पेट में खिंचाव लाता है। तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।

आप भी अपने फेफड़ों को मजबूत करके अपने श्वसन तंत्र को स्ट्रॉन्ग बनाना चाहती हैं तो आज ही से योगाभ्यास करें। इन योग की सहायता से आप अपने आपको और ज्यादा फिट और स्ट्रॉन्ग बना सकती हैं जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता का भी विकास होगा।

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Image Credit:free pikand pinterest

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