थायरॉयड ग्लैंड हमारे गर्दन में स्थित एक तितली के आकार का ग्लैंड है। यह ग्लैंड शरीर में एक तरह का हार्मोन निस्तारण करता है जो मानव शरीर के मेटाबॉलिज्म और शारीरिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन ग्लैंड्स के असंतुलन से डिस्ऑर्डर पैदा होते हैं।
थायरॉयड डिस्ऑर्डर का शरीर पर कई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे वजन बढ़ना (हाइपोथायरायडिज्म), वजन कम होना (हाइपरथायरॉयड), थकान, ऊर्जा की कमी, मूड स्विंग्स, हेयरफॉल, स्किन प्रॉब्लम्स, फर्टिलिटी इश्यू आदि जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों से पीड़ित होते हैं। इन दिनों थायरॉइड डिस्ऑर्डर न केवल बुजुर्गों में प्रचलित है बल्कि आमतौर पर बच्चों में भी देखा जाता है। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि योग थायरॉयड डिस्ऑर्डर को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि आसन इस पर प्रेशर डालकर ग्लैंड को सीधे प्रभावित करता है। थायरॉयड डिस्ऑर्डर को ठीक करने के लिए सबसे बेस्ट 5 योगासन के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर बता रहे हैं।
थायरॉयड का काल है ये 5 योगासन
1. उष्ट्रासन
2. हलासन
3. भुजंगासन
4. मत्स्यासन
5. सर्वांगासन
1. उष्ट्रासन
- इस योगासन को करने के लिए घुटनों पर आ जाएं।
- पैरों की उंगलियों पर प्रेशर डालते हुए श्वास अदंर लें और बाहर छोड़ें।
- फिर हाथों को ऊंची एड़ी पर रखें और शरीर के निचले हिस्से को आगे बढ़ाएं।
- ऊपरी शरीर को पीछे की ओर करें।
- श्वास अदंर भरें ओर ठहराव लें।
- 30 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें।
- धीरे-धीरे मुद्रा से बाहर आ जाएं।
यह आसन गर्दन में स्ट्रेच पैदा करता है और ग्लैंड को प्रोत्साहित करता है।
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2. हलासन (हल का पोज़)
- हलासन में आने के लिए सबसे पहले सर्वांगासन में आएं और सांस छोड़ते हुए करें।
- धीरे-धीरे पैरों को सिर के ऊपर ले जाएं, जैसे पैर फर्श को छू रहे हों।
- हाथों से पीठ को सहारा दें।
- कुछ समय के लिए मुद्रा बनाए रखें।
- फिर धीरे-धीरे आसन से बाहर आ जाएं।
यह आसन गर्दन एवं थायरॉयड ग्लैंड पर प्रेशर डालता है।
3. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)
- इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
- हथेलियों को कंधों और पैरों के पास रखें।
- श्वास लें और ऊपरी शरीर को फर्श से 30 से 45 डिग्री ऊपर उठाएं।
- 30 सेकंड या अपनी क्षमतानुसार इसी मुद्रा में रहें।
- शरीर को नाभी पर बैलेंस करें सुनिश्चित करें कि आप कमर नहीं उठा रही हो।
- सांस छोड़ें और आसन से वापस आ जाएं।
- इस आसन को 5 बार दोहराएं।
यह आसन भी गर्दन पर प्रेशर डालता है जिससे और बेहतर परिणाम मिलता है।
4. मत्स्यासन (मछली पोज़)
- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- सिर को उठाएं और शीर्ष को फर्श पर इस तरह रखें कि गर्दन पर एक स्ट्रेच पैदा हो।
- पैरों को जोड़ लें और हाथों को शरीर के बगल में रखें।
- 30 सेकंड के लिए मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे इससे बाहर आएं।
- इस आसन के 5 सेट करें।
उष्ट्रासन की तरह यह आसन भी गर्दन में स्ट्रेच पैदा करता है और ग्लैंड को प्रोत्साहित करता है।
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5. सर्वांगासन
इस आसन के लिए सबसे पहले गर्दन को तैयार करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उस पर प्रेशर अधिक होता है। इसके लिए सूक्ष्म एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है।
- पैरों को सीधे ऊपर उठाएं और अपने हाथों से अपनी पीठ को सहारा दें।
- पैर की उंगलियों पर ध्यान केंद्रित करें और उस पर प्रेशर देते हुए खुद की तरफ खींचें।
- 30 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें और इस आसन के 5 सेट करें।
उलटे मुद्रा से ब्लड पैरों से सिर की ओर बहने लगता है जो थायरॉयड की समस्या को कम करने में मदद करता है।
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दवाई थायरॉयड डिस्ऑर्डर को कंट्रोल में जरूर रखती है, लेकिन इस डिस्ऑर्डर को जड़ से ठीक करने के लिए इन आसनों को जरूर करना चाहिए। यह आसन न सिर्फ डिस्ऑर्डर को दुर करेगा बल्कि थायरॉयड ग्लैंड को शक्तिशाली बनाते हुए एक बेहतर जिदंगी जीने में मदद भी करेगा। अगर आप भी थायरॉयड को कंट्रोल में करना चाहती हैं तो ये योगासन रोजाना कुछ देर जरूर करें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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