अगर आपके शरीर में फैट ज्यादा है या आपकी स्किन पर सेल्युलाइट दिखने लगे हैं तो ये सही वक्त है एक्सरसाइज शुरू करने का। अगर आपने एक्सरसाइज कभी नहीं की है तो शुरुआत किसी आसान एक्सरसाइज रूटीन से करें। दिन में 10 मिनट भी अगर आप एक्सरसाइज करती हैं तो ये बेहतर होगा, लेकिन ध्यान रहे कि अगर एक एक्सरसाइज रूटीन शुरू किया है तो उसे लगातार करें। बीच में छोड़ें नहीं।
आज हम आपको एक एक्सरसाइज रूटीन बताने जा रहे हैं जो 7 मिनट में ही पूरा हो जाएगा। इसके लिए कुछ आसान एक्सरसाइज निर्धारित हैं जिसे 1-1 मिनट तक करना है। तो चलिए जानते हैं क्या है वो रूटीन।
1. प्लैंक-
समय- 15 सेकंड से 1 मिनट तक
प्लैंक में ये जरूरी है कि आप अपने शरीर को सही तरीके से होल्ड करें। जब प्लैंक करें तो घुटने, कमर, पीठ आदि मुड़े नहीं। बल्कि सीधी मुद्रा में हो।
ये एक्सरसाइज आपके एब्स, बैक, हिप्स, पैर और हाथों के लिए है और इसे ही कंप्लीट वर्कआउट कहा जा सकता है। इसे शुरुआती समय में आप 15 सेकंड ही होल्ड करने की कोशिश करें, लेकिन धीरे-धीरे इसे होल्ड करने की अवधि बढ़ाएं। इसे 1 मिनट तक होल्ड करना है जिससे शरीर में कसाव आएगा और साथ ही साथ आपकी बॉडी में जो ढीलापन है वो भी इस एक्सरसाइज से दूर होगा।
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2. पुश अप्स-
समय 30 सेकंड से 1 मिनट तक
पुश अप्स के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि लोगों को ये नहीं पता होता कि इसे सही तरीके से कैसे करना है। पुश अप करने का सबसे आसान तरीका है कि अपवर्ड प्लैंक की पोजीशन रखें जिसमें हाथ एकदम सीधे रहते हैं और पैरों को पंजों के बल पूरा शरीर स्थिर रहता है। इसी के साथ, आराम से हाथों को मोड़ें और जितना नीचे हो सकें उतना नीचे जाएं। कोहनियों के अलावा शरीर का कोई भी हिस्सा नहीं मुड़ेगा।
अगर आपके हाथों में लटकता हुआ फैट है तो इस एक्सरसाइज से वो दूर होगा। यकीनन ये काफी फायदेमंद एक्सरसाइज है। सबसे पहले तो इसे 30 सेकंड तक करें। ये देखें कि 30 सेकंड में कितने पुश अप्स आप कर पाती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे ये अवधि बढ़ाएं।
अगर आप गिनती के हिसाब से देख रही हैं तो भी 1 मिनट में कम से कम 30 पुश अप्स तो हो जाने चाहिए।
3. जांघों और कूल्हों का वर्कआउट-
समय- 1 से 1.5 मिनट
अब करते हैं जांघों और कूल्हों के वर्कआउट । ये थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है और अगर आपको ऐसा लगे कि इसे करते समय आपके पैर की नस चढ़ रही है तो थोड़ा ब्रेक लेकर इसे करें।
इसे करने का सही तरीका ये है कि फ्लोर पर हाथों के पंजों और पैरों के घुटनों के बल खड़े हो जाएं (एनिमल पोजीशन), अब अपने दाएं पैर और बाएं हाथ को उठाएं और उसे सीधी रेखा में ले आएं। ध्यान रहे घुटना या कोहनी कुछ भी मुड़ना नहीं चाहिए। इसके बाद अपने हाथ और पैर को मोड़ें और ऐसी पोजीशन बनाएं जिसमें घुटना और कोहनी मिलें। ये पूरा प्रोसेस 5-7 सेकंड लेगा। अब दूसरी तरफ भी इसे करें।
1 मिनट में करीब 12 बार (6-6) दोनों साइड से। ये एक्सरसाइज हो जाएगी। ये हिप मसल्स और बैक मसल्स के लिए बहुत अच्छी एक्सरसाइज है।
4. स्क्वाट्स-
समय- 30 सेकंड से लेकर 1.5 मिनट तक
स्क्वाट्स एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं। सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर यास्मीन कराचीवाला भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कई तरह के स्क्वाट्स वर्कआउट रूटीन शेयर करती रहती हैं।
ये एक्सरसाइज देखने में बड़ी आसान लगती है, लेकिन है बहुत मुश्किल। इस एक्सरसाइज को करते समय जांघों पर काफी ज़ोर पड़ता है। इसे करते समय पीठ सीधी रखें। साथ ही आप अपने हाथ सामने रखें ताकि आपका बैलेंस बना रहे। इसे ऐसे करना है जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों। सिर्फ आपके घुटने ही मुड़ेंगे और शरीर का कोई हिस्सा नहीं। दोनों पैरों को शोल्डर लेंथ पर ही रखें।
इस एक्सरसाइज से शरीर के कोर मसल्स को काफी राहत मिलती है। इसे करने के बाद धीरे-धीरे उठें।
60 सेकंड में आप इसे 45-60 बार कर सकती हैं।
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5. सिटअप्स-
समय- 1 मिनट
एब्स के लिए ये परफेक्ट एक्सरसाइज साबित हो सकती है।
पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। घुटनों को मोड़ें और पैरों को शोल्डर लेंथ पर रखें। अब बिना सहारे के उठें और अपने पंजों को छुएं। दोबारा लेटे और फिर से उठें। ध्यान रहे पैरों के पंजे जमीन पर ही होने चाहिए और बिना सहारे के ही उठना है।
60 सेकंड में कम से कम 30 सिटअप्स तो आप कर ही लेंगी।
6. लेग रेज़-
समय- 1 मिनट
ये एक्सरसाइज न सिर्फ बेली फैट पर असर डालती है बल्कि इससे पैरों की टोनिंग भी होती है। करना कुछ नहीं है बस पीठ के बल लेट जाइए और हाथों को सीधा रखिए। इसी के साथ, अपने पैरों को 90 डिग्री के एंगल में रखिए। ध्यान रहे घुटना नहीं मुड़ना चाहिए।
अब वापस धीरे-धीरे पैर नीचे करिए। अब दोबारा इसे करिए। ध्यान रहे कि सिर्फ पैर ऊपर जाएंगे और नीचे आएंगे इसमें शरीर का कोई भी हिस्सा मुड़ेगा नहीं।
7. प्लैंक रिपीट-
समय- 30 सेकंड
आपने जांघों और कूल्हों के वर्कआउट में 1.5 मिनट लगाएं और हमारे 7 मिनट वर्कआउट रूटीन में बचा हुआ आधा मिनट दोबारा से प्लैंक ही करना है। प्लैंक को कंप्लीट एक्सरसाइज माना जाता है और इसलिए हमारे इस एक्सरसाइज रूटीन में शुरुआत और अंत प्लैंक से ही होगा।
ये पूरा रूटीन दिन में कम से कम एक बार करें। अगर आप सुबह और शाम इसे कर सकती हैं तो ये बहुत अच्छा है, लेकिन अगर दो बार नहीं भी हो पा रहा है तो एक बार पूरा करें। अगर आप इस एक्सरसाइज रूटीन के बीच में रुक रही हैं तो उसी हिसाब से एक्सरासइज की अवधि बढ़ा दें। ध्यान रहे कि ये एक्सरसाइज एक साथ करनी हैं तभी फायदा मिलेगा।
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All image credit: Freepik/ Shape.com/ Healthline
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