पीरियड के दिनों में महिलाओं को दर्द, अकड़न और अन्य कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये दिन कुछ महिलाओं के लिए बहुत अधिक तकलीफदेह हो सकते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को इन दिनों में अधिक परेशानी नहीं होती है। पीरियड से पहले भी हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर में दर्द, ब्लोटिंग, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसे पीएमएस कहा जाता है। पीरियड के दिनों की परेशानी और पीएमएस के लक्षणों को कम करने में एक्सपर्ट के बताए 2 योगसन कारगर हैं। इन्हें करने का सही तरीका और फायदे एक्सपर्ट से जानें। यह जानकारी दिलराज प्रीत कौर दे रही हैं। वह इंटरनेशल योगा टीचर हैं। साथ ही उत्तराखंड सरकार की योगा ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
पीरियड पेन को कम करने के लिए बालासन ( Balasana or Baby Pose for Menstrual Problems)
- बालासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं।
- अपनी कमर को सिर की सीध में रखें।
- इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।
- अब सांस को छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।
- अपनी हथेलियों से जमीन को छुएं।
- हथेलियों को जमीन पर टिकाकर फिर अपने सिर को जमीन से टच करें।
- इस मुद्रा में आने के बाद कुछ सेकेंड तक इसे होल्ड करें।
- ऐसा करते हुए सांस लेती और छोड़ती रहें।
- इस आसन को करने से कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियां खिचती हैं और पेट के आस-पास की मसल्स से भी तनाव कम होता है।
- इस पोज से पेट का दर्द कम होगा।
- वहीं, इस दौरान की जाने वाली ब्रीदिंग से रिलैक्स मिलता है और स्ट्रेस भी कम होता है।
- यह आसन पीएमएस की दिक्कतों को भी दूर करता है।
पीरियड पेन को कम करने के लिए सेतुबंधासन ( Bridge Pose for Period Pain)
- ब्रिज पोज के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- अब घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर रखें।
- टखनों को हिप्स तक स्ट्रेस रें।
- अगर आप कर पाएं तो टखनों को हाथों से पकड़ें।
- ऐसा करने के लिए शरीर पर दवाब न डालें।
- अगर आप टखनों को न पकड़ पाएं तो हथेलियों को साइड में रखें।
- अगर तलवों और हाथों पर जोर डालते हुए सांस लें और हिप्स व सीने को ऊपर की ओर उठाएं।
- अपनी रीढ़ की फर्श से ऊपर उठाएं।
- इस दौरान आपके कंधे और फर्श सिर को छूना चाहिए।
- कुछ सेकेंड तक इस पोजिशन को होल्ड करें।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हिप्स को जमीन की ओर ले जाएं।
- ब्रिज पोज आपके कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को ताकत देता है।
- इस पोज में जब आप पेल्विस को ऊपर उठाती हैं, तो इससे पेल्विल रीजन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे पीरियड के दर्द में आराम मिल सकता है।
- इस पोज को रोज करने से हार्मोन्स के प्रोडक्शन में भी मदद मिलती है और पीरियड से जुड़ी सभी परेशानियां दूर होती हैं। इससे पीरियड्स भी नियमित होते हैं।
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