क्या आप जानते हैं पुरुषों की तुलना में महिलाओं के कपड़ों में क्यों अलग होती हैं ये 5 चीज़ें?

 क्या आपने ध्यान दिया है कि महिलाओं की जीन्स में पॉकेट्स इतनी छोटी क्यों होती है या फिर उनकी शर्ट में बटन लेफ्ट साइड में क्यों होती है?

how different is men and women clothing

ऐसा कितनी बार हुआ है कि आप मॉल में गए हों और आपको किसी और जेंडर के कपड़ों में इंट्रेस्ट आया हो। उदाहरण के तौर पर किसी महिला को पुरुषों के सेक्शन में मिलने वाले सॉलिड कलर जंपर पसंद आ गए हों, लेकिन अपना साइज मिलने के बाद भी उसे ना खरीदा हो। ऐसा प्लस साइज वाली कई महिलाओं के साथ हुआ होगा, लेकिन दिक्कत ये होती है कि महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों के साइज में ही नहीं बल्कि उनके बेसिक डिजाइन में भी अंतर होता है। ये अंतर कंर्फट से ज्यादा लुक्स को लेकर होता है और अब दीपिका, अनुष्का, प्रियंका जैसे सेलेब्स अपने-अपने पतियों के कपड़े पहन कर जेंडर फ्लूइड ट्रेंड लाने की कोशिश कर रहे हैं।

पर क्या आपने कभी ये नोटिस करने की कोशिश की है कि महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में बेसिक अंतर क्या होते हैं? यहां साइज में अंतर की बात ही नहीं हो रही है। ये अंतर लुक्स को लेकर नहीं बल्कि बनावट को लेकर होते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि क्या बेसिक अंतर होता है इन कपड़ों में।

1. महिलाओं की जीन्स में नहीं होती डीप पॉकेट्स-

अब ये बात काफी प्रचलित हो गई है कि महिलाओं के कपड़ों में पॉकेट्स या तो नहीं होते हैं या फिर छोटे होते हैं। इस फैशन को विक्टोरियन जमाने से जोड़कर देखा जाता है और इसे लेकर फैशन एक्सपर्ट्स कई तर्क देते हैं।

विक्टोरियन जमाने में कॉर्सेट्स होते थे जिसमें फिगर हगिंग ड्रेस होते थे। ऐसे में महिलाओं के शेप को उभरा हुआ दिखाने की कोशिश की जाती थी। उस समय उनकी स्कर्ट में डोरी की मदद से पोटली बांधी जाती थी।

pocket in women jeans missing

इसके बाद फिगर हगिंग गाउन आने लगे जिसमें पॉकेट्स अलग से नहीं बनाए गए ताकि उनका फिगर खराब ना लगे। इस समय छोटे हैंड बैग्स का चलन आया।

अब जीन्स और पैंट्स में भी पॉकेट्स नहीं बनाए जाते हैं ताकि महिलाओं का फिगर खराब ना दिखे। पॉकेट्स में अगर कुछ रखा जाता है तो महिलाओं का फिगर बेडौल दिखता है और यही बात अभी तक प्रचलन में है।

यकीन मानिए महिलाओं को भी पॉकेट्स की उतनी ही जरूरत होती है जितनी पुरुषों को और इसलिए अब इस बारे में ज्यादा बातें होने लगी हैं और धीरे-धीरे फंक्शनल पॉकेट्स उनके कपड़ों में आने लगे हैं।

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2. महिलाओं की शर्ट में लेफ्ट साइड बटन-

इस फैशन को भी विक्टोरियन जमाने से जोड़ा जाता है और इसे लेकर भी उसी तरह के तर्क दिए जाते हैं जैसे पहले दिए गए थे। आपने अगर नोटिस किया हो तो महिलाओं की शर्ट में अधिकतर बटन लेफ्ट साइड होते हैं और पुरुषों की शर्ट में राइट साइड में।(अपनी फेवरेट एक्ट्रेस के लुक को ऐसे करें रीक्रिएट)

deep pockets for women  opposite

इसे लेकर तर्क दिए जाते हैं कि विक्टोरियन जमाने में महिलाओं को कपड़े पहनने में अधिकतर कोई मदद किया करता था। कम से कम एलीट क्लास की महिलाओं के साथ तो ऐसा ही होता था और उसके कारण जो भी उनकी मदद करता था वो सीधे हाथ से काम करता था। उसकी सहूलियत की वजह से कॉर्सेट के धागे और ड्रेस के बटन लेफ्ट साइड में रखे जाने लगे। उसके बाद से ही ये फैशन चल निकला। महिलाओं की शर्ट में लेफ्ट साइड में बटन इसलिए भी लगाए जाते थे क्योंकि उस समय की महिलाएं घुड़सवारी करती थीं और इसलिए उनकी शर्ट हवा से उड़े नहीं ऐसी शर्ट बनाई जानी थी। अधिकतर महिलाएं राइट साइड पैर करके घोड़े पर बैठती थीं और इसलिए उन्हें लेफ्ट साइड में शर्ट पॉकेट्स रखनी पड़ीं।

3. महिलाओं की शर्ट में नहीं होती जेब-

पुरुषों के लिए शर्ट की जेब में चश्मा और आईकार्ड जैसी चीज़ें रखना आसान होता है, लेकिन ये सुविधा महिलाओं की शर्ट में नहीं होती है। यहां पर भी फैशन और फिगर की बात आती है। इस बारे में कहा जाता है कि अगर महिलाओं की शर्ट में पॉकेट्स होंगे तो बाकी लोगों का ध्यान उनके ब्रेस्ट एरिया में ज्यादा जाएगा। ये तर्क आपको कई इंटरनेट फोरम्स में और फैशन ब्लॉग में भी मिल जाएगा।

हालांकि, अब फैशन के सेंस में कई शर्ट्स में जेब दिखने लगी हैं, लेकिन वो भी कुछ रखने लायक बैगी नहीं होती हैं बल्कि सिर्फ शर्ट को या टी-शर्ट को अलग लुक देने के लिए होती है।

4. महिलाओं के कपड़े पुरुषों की तुलना में क्यों होते हैं पतले?

महिलाओं के कपड़ों के लिए जो फैब्रिक इस्तेमाल किए जाते हैं वो पुरुषों की तुलना में काफी हल्के होते हैं और ये फैब्रिक बहुत ही अलग दिखते हैं। महिलाओं के टॉप या ब्लाउज के फैब्रिक्स को देखें तो वो पुरुषों की शर्ट और टी-शर्ट की तुलना में ज्यादा पतले होते हैं। ये उनका फिगर ज्यादा दिखाते हैं और साथ ही साथ फिगर हगिंग लुक देने में मदद करते हैं। इसी के साथ, महिलाओं के फैब्रिक्स को फैशन ट्रेंड्स से भी जोड़कर देखा जाता है।

बड़े-बड़े फैशन रिटेल ब्रांड्स को देखें तो आप पाएंगे कि उनके यहां मौजूद फैब्रिक्स बहुत ही ज्यादा पतले होते हैं और ये फैशन जल्दी-जल्दी बदलते हैं। पतले फैब्रिक्स की मेंटेनेंस ज्यादा होती है और ये जल्दी खराब भी हो जाते हैं। नए फैशन ट्रेंड्स को लगातार लाने के लिए ऐसा किया जाता है।

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5. पुरुषों की पैंट्स होती हैं चौड़ी-

अगर आपने ध्यान दिया हो तो किसी पुरुष की पैंट अगर 36 साइज की है तो वो 36 साइज की महिला की पैंट के मुकाबले ज्यादा चौड़ी होगी। पुरुषों की पैंट्स चौड़ी होती हैं और इसे फिगर हगिंग बनाने की जरूरत नहीं रहती है। यही कारण है कि अब बॉयफ्रेंड जीन्स, पैंट सूट्स आदि का स्टाइल चल निकला है। पुरुषों की पैंट्स महिलाओं की तुलना में ज्यादा कंफर्टेबल होती हैं और अगर आप एक एक्सपेरिमेंट करना चाहें तो अपने साइज की कोई पैंट पुरुषों के कपड़ों के सेक्शन से उठा लें या फिर किसी टेलर से अपने साइज की पैंट्स बनवा लें। आपको इनके बीच का अंतर साफ समझ आ जाएगा। ये मूवमेंट के हिसाब से ज्यादा आरामदायक रहती हैं और इसका कारण ये है कि उन्हें फिगर को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत नहीं होती।

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तो ये थे महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में मिलने वाले 5 बेसिक अंतर। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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