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Medical Courses: MBBS करने के बाद मास्टर्स करने का कर रही हैं प्लान, यहां जानें डीएम और एमडी में क्या है अंतर?

MBBS करने के बाद अधिकतर डॉक्टर अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए आगे की पढ़ाई करते हैं। इसी क्रम में, डीएम (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) और एमडी (मास्टर ऑफ मेडिसिन) दो प्रमुख विकल्प हैं। दोनों ही डिग्रियां डॉक्टरों को किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाने में मदद करती हैं। आइए जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है।
Editorial
Updated:- 2024-10-20, 08:30 IST

MBBS Qualification: 12वीं पास करने के बाद स्टूडेंडट्स अक्सर अपने पसंदीदा करियर की तरफ कदम रखते हैं। कई स्टूडेंट्स सरकारी नौकरी तो कुछ डॉक्टर, इंजीनियर और लॉयर बनने की तैयारी में लग जाते है। वर्तमान में अधिकतर छात्र स्कोप और बेहतर करियर ग्रोथ को देखते हुए मेडिकल की पढ़ाई को चुनना पसंद करते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को जो सबसे बड़ी दिक्कत आती है,वह है कोर्स को चुनना। अगर हम बात ग्रेजुएशन लेवल की करें, तो ज्यादातर लोग एमबीबीएस करते हैं। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एमडी और डीएम को चुनते हैं। अगर आप मास्टर्स कोर्स के लिए इन कोर्स को सिलेक्ट कर रही हैं, तो हम आपको इन दोनों डिग्रियों के बीच के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।

एमडी डिग्री क्या है?

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एमडी का मतलब है डॉक्टर ऑफ मेडिसिन। यह एक मास्टर डिग्री है। एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद ही कोई भी स्टूडेंट एमडी के लिए पात्र हो जाता है। सर्जन और चिकित्सकों के लिए कई देशों में एमडी की डिग्री को पेशेवर डॉक्टरेट माना जाता है, जबकि अन्य इसे पीएचडी के बराबर एक रिसर्च डिग्री मानते हैं। एमडी डिग्री की अवधि आमतौर पर दो साल होती है।

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एमडी का वेतन

एमडी ग्रेजुएट की औसत सैलरी करीब 8 लाख रुपये होती है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने एमडी में कौन सी विशेषज्ञता हासिल की है, आपकी योग्यताएं और अनुभव क्या हैं और आप किस पद पर काम कर रहे हैं।

डीएम डिग्री क्या है?

डीएम, जिसे डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन के नाम से भी जाना जाता है , चिकित्सा क्षेत्र में एक उन्नत कार्यक्रम है। इस कोर्स को करने वाले उम्मीदवार को स्नातकोत्तर सुपर स्पेशियलिटी डिग्री मिलती है। इस कोर्स की परीक्षा सहित कुल समय अवधि 3 साल तक चलता है।

डीएम का वेतन

डीएम कोर्स का मूल्य बहुत अधिक है। निवेश पर रिटर्न भी बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। हालांकि डीएम स्नातक 1.4 लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक का वेतन कमा सकते हैं। यह सब आपकी डीएम विशेषता, आपकी जॉब प्रोफ़ाइल और आपके अनुभव पर निर्भर करता है।

एमडी और डीएम के बीच अंतर

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एमडी और डीएम दोनों ही मेडिकल डिग्रियां हैं जो मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रदान की जाती हैं। एमडी एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है जो गैर-सर्जिकल प्रकृति के विषयों में तीन साल के प्रशिक्षण के बाद प्रदान की जाती है। डीएम एक सुपर स्पेशियलिटी डिग्री है जो पोस्ट-ग्रेजुएशन करने के बाद मेडिकल क्षेत्र में ली जाती है।

  • एमडी एक स्नातकोत्तर डिग्री है जो एमबीबीएस करने के बाद ली जाती है और डीएम एक सुपर स्पेशियलिटी डिग्री है जो एमडी, एमएस या डीएनबी करने के बाद ली जाती है
  • ये दोनों डिग्रियां मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रदान की जाती हैं, लेकिन डीएम डिग्री को एमडी से उच्च डिग्री माना जाता है।
  • डीएम डिग्री वाले डॉक्टरों को आमतौर पर एमडी डिग्री वाले डॉक्टरों की तुलना में अधिक प्रतिष्ठा और वेतन मिलता है।

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Image credit- Freepik

 

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