मेडिकल क्षेत्र में हो रही प्रगति के चलते नर्सों की मांग देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बढ़ी है। यही वजह है कि इसमें यंग महिलाओं की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। नर्सिंग के क्षेत्र बहुत तेजी से विकसित हो रहा है और इसमें आने वाले समय में जॉब ऑपरच्युनिटी बढ़ने की अच्छी संभावनाएं हैं। आपको शायद यह जानकार आश्चर्य हो कि केरल की महिलाओं की करियर में पहली पांच पसंद में नर्सिंग भी है। भारत में जिन कुछ क्षेत्रों में मंदी का सबसे कम असर होगा, उनमें एक है हेल्थकेयर। और यदि नर्सिंग को हेल्थकेयर की रीड की हड्डी कहा जाये, तो कुछ अतिशयोक्ति नहीं होगी। नर्सिंग के क्षेत्र में महिलाओं के लिए किस तरह के मौके बन रहे हैं और इसमें करियर बनाने के लिए कौन से कोर्स उपलब्ध हैं, इस बारे में हमने बात की सीनियर करियर काउंसलर आशीष आदर्श से, जिन्होंने हमें महत्वपूर्ण सुझाव दिए-
बढ़ रही है पेशेवरों की मांग
आने वाले समय में सरकार 130 जरनल नर्सिंग मिडवाइफरी और 130 ऑग्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफ स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है, जिससे रोगगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इनके अलावा राज्यों में भी राज्य नर्सिंग परिषद और नर्सिंग सेल को नए सिरे से गठित किए जाने की योजना है। नर्सिंग का क्षेत्र ऐसा है, जिसमें महिलाओं के लिए बढ़त हासिल करने की विशेष रूप से अच्छा मौका है। भारतीय महिलाओं ने विदेशों में नर्सिंग क्षेत्र में मिल रही जॉब की संभावनाओं का लाभ उठाया है, जिससे इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देश की नर्सिंग व्यवस्था को नए सिरे से पुर्नजीवित करने की योजना बना रहा है।
नर्सिंग क्षेत्र में हैं येकाम
एक डॉक्टर या अस्पताल अपनी तमाम मेडिकल सेवाओं को नर्सिंग स्टाफ के माध्यम से ही अपने मरीजों तक पहुंचाता है। नर्सों की कार्यक्षमता को देखते हुए उन्हें अलग-अलग भूमिकाएं दी जाती हैं। उदाहरण के तौर पर हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और चिकित्सालय संस्थानों में नर्सिंग का सामान्य कामकाज देखने वाली नर्सों को जनरल नर्स कहा जाता है। ये नर्स मरीजों की देखभाल, डॉक्टर को इलाज में सहयोग और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े काम संभालने में मदद करती हैं। दूसरी श्रेणी है मिडवाइव्स की। इस कैटेगरी में वे नर्सें आती हैं, जो विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखती हैं और डिलीवरी के दौरान सहायता करती हैं। कस्बों और ग्रामीण इलाकों में नर्सें हेल्थ वर्कर के रूप में भी काम करती हैं और यहां ये लोगों को दवाइयां इन्जेक्शन आदि का ध्यान रखती हैं और बीमार मरीजों की देखभाल करती हैं।
नर्सिंग क्षेत्र के विस्तार से बढ़ी संभावनाएं
चिकित्सा क्षेत्र का विस्तार होने से महिलाओं के लिए नर्सिंग करियर में कई तरह की संभावनाएं बन गई हैं। अब सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि नहीं सेवा सत्कार पर भी खास ध्यान दिया जाता है। मेडिकल टूरिजम के लिए दुनियाभर से लोग भारत का रुख करते हैं, इसे देखते हुए भी नर्सिंग में अच्छे मौके हैं। विदेशों से इलाज के लिए आने वाले मरीज स्तरीय सविधाएं चाहते हैं। इन बदलावों से नर्सिंग क्षेत्र के विस्तार की उम्मीदें हैं।
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जानिए नर्सिंग का पाठ्यक्रम
भारत में केवल उन नर्सिंग पाठ्यक्रमों को ही मान्यता प्राप्त है, जो भारत सरकार की अपेक्स बॉडी नर्सिंग काउन्सिल ऑफ़ इंडिया से अनुमोदित हों। कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। आर्ट्स या साइंस 10+2 के बाद एएनएम यानि ऑक्जिलियरी नर्स एंड मिडवाइफ कोर्स उपयुक्त है। इस पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष है और इसकी परीक्षा नर्सिंग एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा संचालित की जाती है। इसे पूरा कर आप किसी भी अस्पताल में प्रारंभिक या सहायक नर्स के रूप में काम कर सकती हैं। यदि आपने पीसीबी यानी बायो के साथ 10+2 किया है, तो नर्सिंग के क्षेत्र में आपके लिए जीएनएम यानि जेनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कोर्स और बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम उपयुक्त है। हालांकि जीएनएम में आर्ट्स के कुछ विषयों, जैसे मैथ्स, साइकोलॉजी, होम साइंस, ज्योग्राफी सहित कुछ अन्य विषयों के छात्रों को भी इसमें प्रवेश दिया जाता है और इस पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है। इसकी परीक्षा भी नर्सिंग एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा संचालित की जाती है। इसे पूरा कर आप किसी भी अस्पताल में सहायक नर्स के रूप में काम कर सकती हैं। वहीं, बीएससी (नर्सिंग) की अवधि 4 वर्ष है और इसे नर्सिंग के मान्यता प्राप्त नर्सिंग डिग्री कोर्स के रूप में फुल टाइम नर्स की नियुक्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है। विश्वविद्यालय इसकी परीक्षा लेकर बीएससी नर्सिंग की डिग्री प्रदान करता है। नर्सिंग में कई स्तर पर कोर्स उपलब्ध है। ऑग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी (एएनएम) कोर्स में 12वीं के बाद प्रवेश लिया जा सकता है। जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) के लिए भी न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है।
हासिल करें विशेषज्ञता, संवारें करियर
इस क्षेत्र में अगर आप आने वाले समय में अच्छी करियर ग्रोथ चाहती हैं तो आपको स्पेशलाइजेशन पर काम करना चाहिए। इसके लिए आप कार्डियॉलजी, नेफ्रॉलजी, क्रिटिकल केयर, ऑन्कॉलजी जैसे सुपर स्पेशलिटी में मास्टर्स, एमफिल और पीएचडी की डिग्री ले सकती हैं। नर्सिंग की बेसिक कोर्स के आधार पर स्टाफ नर्स की जॉब मिल जाती है, लेकिन स्पेशेलिटी हासिल करने पर आपके लिए बढ़त हासिल करने के ज्यादा मौके हो सकते हैं।
नर्सों के लिए यहां हैं संभावनाएं
नर्सिंग का क्षेत्र सिर्फ अस्पतालों और मरीजों की देखभाल तक सीमित नहीं है। इसमें दक्षता हासिल करने वाली नर्सों के लिए एजुकेशन, ऐडमिनिस्ट्रेशन और रिसर्च में भी संभावनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा आप किसी भी प्राइवेट या सरकारी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, अनाथालय, वृद्धाश्रम, सेनेटोरियम और आर्मी में भी जॉब हासिल कर सकती हैं। यही नहीं कई सरकारी विभागों में नर्सों की जरूरत होती है।
यदि आप रोजगार के साथ साथ एक ऐसा क्षेत्र ढूंढ रही हैं, जिसमें मन की भी शांति मिले और आपको सेवा करने का मौका मिले तो नर्सिंग का क्षेत्र आपके लिए ही है। यहां सेवा और समर्पण के भाव के साथ आपको संतुष्टि महसूस होगी और करियर में बेहतर प्रदर्शन करने में भी आप सफल होंगी।
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