दिल्ली में एडमिशन प्रोसेस शुरू हो गया है। अगर, आप भी अपने बच्चे का इस साल नर्सरी में एडमिशन कराना चाहती हैं, तो सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट edudel.nic.in पर जाकर एप्लीकेशन जमा करें। ऑनलाइन फॉर्म 20 दिसंबर 2024 तक ही भरे जा सकते हैं।
छोटे बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराना जितना सुनने में आसान लगता है, उतना होता नहीं है। यही वजह है कि दिसंबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली में नर्सरी एडमिशन के लिए जद्दोजहद शुरू हो जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि फेमस और पॉपुलर स्कूलों में सीमित सीटों की वजह से प्रवेश प्रक्रिया काफी कॉम्पिटेटिव होती है।
कैसे होता है नर्सरी एडमिशन?
बच्चे का नामी और पॉपुलर प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराना चाहती हैं, तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं है। नर्सरी एडमिशन के लिए हर स्कूल अपनी मेरिट लिस्ट जारी करता है, जिसमें नाम आने के बाद ही एडमिशन मिलता है। यही वजह है कि कुछ पैरेंट्स एक या दो नहीं, बल्कि 4-5 स्कूलों का फॉर्म भरते हैं।
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नर्सरी में एडमिशन के लिए हर स्कूल का अपना-अपना प्रोसेस भी है। एडमिशन के लिए कुछ स्कूलों में बच्चे का पहले टेस्ट और फिर इंटरव्यू लिया जाता है। इतना ही नहीं, कुछ स्कूल बच्चे के साथ-साथ माता-पिता का भी इंटरव्यू लेते हैं। ऐसे में सलाह दी जाती है कि अगर आपके बच्चे का किसी स्कूल की मेरिट लिस्ट में नाम आया है, तो एडमिशन कराने जाने से पहले तैयारी करके जाएं।
नर्सरी एडमिशन के लिए क्राइटेरिया क्या है?
दिल्ली शिक्षा विभाग की तरफ से नर्सरी एडमिशन के लिए क्राइटेरिया बनाया गया है, इसमें 100 प्वाइंट होते हैं और इन्हीं के आधार पर बच्चे को दाखिला मिलता है। प्वाइंट्स की गिनती घर से स्कूल की दूरी, स्कूल में पहले किसी भाई-बहन होना या एल्युमनी होना, सिंगल पेरेंट, गर्ल चाइल्ड, आर्थिक स्थिति और रिजर्व कैटेगरी आदि के आधार पर होती है।
नर्सरी एडमिशन के लिए किस आधार पर कितने प्वाइंट्स देने हैं, यह तय करने की पूरी छूट स्कूलों को होती है। ऐसे में ज्यादातर स्कूलों में स्टाफ कोटा को प्राथमिकता दी जाती है। स्टाफ कोटा के अलावा सिबिलिंग और एल्युमनी प्वाइंट्स को भी कई स्कूलों में भारी वेटेज मिलती है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि सिबलिंग और एल्युमनी अंक क्या हैं और यह कैसे कैलकुलेट होते हैं।
क्या हैं सिबलिंग और एल्युमनी अंक?
नर्सरी एडमिशन 2025 में सिबलिंग और एल्युमनी अंक की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। ऐसे में अगर आप इस साल बच्चे का नर्सरी एडमिशन कराने जा रही हैं, तो इन दोनों के बारे में जानना आपके लिए ज्यादा जरूरी हो जाता है।
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- सिबलिंग अंक: सिबलिंग अंक तभी मिलते हैं, जब नर्सरी में एडमिशन लेने वाले बच्चे का कोई एक भाई या बहन स्कूल की उसी ब्रांच में पढ़ रहा हो, जिसके लिए अप्लाई किया गया है। ज्यादातर स्कूलों में एक ही सिबलिंग के लिए प्वाइंट्स मिलते हैं। बता दें, सिबलिंग के लिए हर स्कूल अलग-अलग प्वाइंट्स तय करता है।
- एल्युमनी अंक: सिबलिंग की तरह ही एल्युमनी अंक भी हर स्कूल अलग-अलग तय करता है। एल्युमनी अंक में बच्चे के पैरेंट्स को ही काउंट किया जाता है। इसमें तभी बच्चे को प्वाइंट्स मिलते हैं, जब उसी ब्रांच से माता-पिता दोनों या किसी एक ने पढ़ाई की होती है।
नर्सरी एडमिशन में कई स्कूल सिबलिंग अंक, एल्युमनी अंक के साथ-साथ गर्ल चाइल्ड और पहली लड़की चाइल्ड के लिए भी स्पेशल प्वाइंट्स देते हैं। ऐसे में सलाह दी जाती है कि किसी भी स्कूल का एडमिशन फॉर्म भरने से पहले उसके क्राइटेरिया और गाइडलाइन्स को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।
एल्युमनी और सिबलिंग अंक क्या होता है, यह तो आप समझ ही गई होंगी। हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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Image Credit: Freepik
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