US Application Process: अमेरिका के कॉलेज से अपनी पढ़ाई करने के बारे में अगर आप भी सोचते हैं, तो आपको वहां एडमिशन लेने से पहले अलग-अलग एप्लिकेशन प्रोसेस को समझना बहुत जरूरी है। उसी के आधार पर आप वहां एडमिशन ले सकते हैं। कहीं दाखिल लेने में आवेदन की आखिरी तारीख मायने रखती हैं और हर कॉलेज में एडमिशन की एक निश्चित टाइमलाइन होती है। ऐसे में, इन तारीखों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
अमेरिकी कॉलेज में एप्लिकेशन जमा करने के लिए कई तरह के आखिरी तारीख दिए जाते हैं। इनमें 'अर्ली डिसिजन' (ED),'अर्ली एक्शन' (EA) और 'रेगुलर डिसिजन' (RD) शामिल हैं। दरअसल, यह कुछ टर्म हैं, जिसे अमेरिकी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले समझ लेना बेहद जरूरी है। तो चलिए हम आपको इन टर्म्स के बारे में आगे विस्तार से बताते हैं।
'अर्ली डिसिजन' (ED) क्याहै?
अमेरिकी कॉलेज में एडमिशन लेने का मन जो छात्र पहले से ही बना चुके होते हैं और वह जल्द से जल्द कॉलेज ज्वाइन करना चाहते हैं, तो उनके लिए 'अर्ली डिसिजन' एप्लिकेशन होता है, जिसे शॉर्ट में ED कहते हैं। इसके तहत अप्लाई सिर्फ वही कैंडिडेट करते हैं, जो इस बात को स्वीकार करते हैं कि एडमिशन लेने के बाद वह उसी कॉलेज में पढ़ेंगे। साथ ही, यदि अन्य किसी कॉलेजों में आवेदन दिए हों, तो उन्हें वपास लेना पड़ेगा। ED के जरिए छात्र की गंभीरता का पता चलता है कि वह संस्थान में एडमिशन लेने के लिए कितना उत्सुक है।छात्रों को इसके तहत समय से पहले ही एडमिशन पर जवाब मिल जाता है।
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'अर्ली एक्शन'(EA)क्या है?
यूएस कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए एक टर्म काफी मशहूर है और वह 'अर्ली एक्शन' (EA) है। इसके जरिए छात्रों को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। EA, उन छात्रों के लिए खास विकल्प होता है, जो कई सारे कॉलेजों में एडमिशन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं और किसी भी संस्थान में दाखिले के लिए तैयार हैं। अर्ली एक्शन के तहत एप्लिकेशन पर जल्द फैसला दिया जाता है कि अप्लाई करने वाले छात्र को उस कॉलेज में एडमिशन दिया जाएगा या नहीं। EA की सुविधा देने वाले कई कॉलेज छात्रों को अपनी रुचि दिखाने का भी मौका देते हैं। इसके तहत स्टूडेंट को कई सारे कॉलेजों में अप्लाई करने और वित्तीय सहायता की तुलना करने की इजाजत दी जाती है।
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'रेगुलर डिसिजन'(RD) क्या है?
'रेगुलर डिसिजन' (RD) अमेरिका के ज्यादातर कॉलेजों में अप्लाई करने का एक स्टैंडर्ड तरीका है। इसके तहत छात्रों को सोच-समझकर फैसला लेने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है। इसमें एप्लीकेशन भेजने की प्रोसेस भी अन्य की अपेक्षा देर से शुरू होती है। साथ ही, छात्रों को मजबूत प्रोफाइल बनाने, रिकमेंडेशन लेटर इकट्ठा करने और अन्य डिटेल्स जमा करने का अच्छा खासा समय मिल जाता है।'अर्ली डिसिजन' और 'अर्ली एक्शन' से बिल्कुल अलग रेगुलर डिसिजन के तहत छात्रों को एडमिशन ले के लिए किसी कॉलेज का चयन करने से पहले सभी ऑप्शन पर विचार करने का समय मिलता है।
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