फायर सेफ्टी इंजीनियर एक ऐसा पेशा है, जिसमें आप आग लगने की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए काम करते हैं। यह एक बहुत ही जरूरी और चुनौती भरा काम है। अगर आप भी फायर सेफ्टी इंजीनियर बनना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
फायर सेफ्टी इंजीनियर बनने के लिए इन योग्यताओं का होना जरूरी है
- 12वीं कक्षा में कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री, या गणित विषयों में पास होना
- फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री या समकक्ष परीक्षा पास करना
- फायर टेक्नोलॉजी और सेफ्टी इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा पास करना।
- शारीरिक योग्यता का होना। पुरुषों की लंबाई कम से कम 165 सेंटीमीटर और वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए। महिलाओं की लंबाई कम से कम 157 सेंटीमीटर और वजन 46 किलोग्राम होना चाहिए। आंखों की नजर दोनों आंखों में 6/6 होनी चाहिए। उम्र 19 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
फायर सेफ्टी इंजीनियर बनने के लिए ये भी कर सकते हैं
कॉलेज में सर्टिफिकेट (HNC) या डिप्लोमा (HND) लेना। इससे आपको प्रशिक्षु इंजीनियर के तौर पर नौकरी मिलने में मदद मिल सकती है। आईटीआई फायर और सेफ्टीकोर्स करना। यह कोर्स दो साल का होता है और इसमें चार सेमेस्टर होते हैं। चार सेमेस्टर में से एक सेमेस्टर में लाइव वातावरण में व्यावहारिक प्रशिक्षण होता है। फायर सेफ्टी इंजीनियर बनने के लिए आपको सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग या केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्राप्त करनी होगी।
फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के लिए, कई तरह के कोर्स कराए जा सकते हैं
1. बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc)
इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग में फायर और सेफ्टी में तीन साल का बीएससी कोर्स कराया जाता है। इसमें 15 छात्रों को प्रवेश मिलता है और इसकी कुल लागत 60,000 रुपये है।
2. बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.E./B.Tech)
नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर में अग्नि इंजीनियरिंग में बीई कोर्स कराया जाता है। इसमें 60 छात्रों को प्रवेश मिलता है और इसकी कुल लागत 96,000 रुपये है। यह कोर्स चार साल का होता है। यह कोर्स 3-4 साल का होता है और इसमें फायर सेफ्टी, डिजास्टर मैनेजमेंट, फायर प्रिवेंशन, इमरजेंसी मैनेजमेंट, और रेस्क्यू टेक्निक्स जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
3. फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग में डिप्लोमा
फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के लिए, बारहवीं कक्षा पास करने के बाद फायर और सेफ्टी प्रबंधन में डिप्लोमा किया जा सकता है। यह कोर्स 1-2 साल का होता है और इसे पूरा करने के बाद आप असिस्टेंट फायर ऑफिसर या टेक्निशियन के रूप में नौकरी शुरू कर सकते हैं।
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फायर सेफ्टी इंजीनियर कहां काम कर सकते हैं?
आप सरकारी विभागों जैसे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, डिफेंस, और रेलवे में फायर सेफ्टी इंजीनियर के रूप में नौकरी पा सकते हैं। या फिर आप प्राइवेट सेक्टर में फायर सेफ्टी कंसल्टेंट, फायर इंजीनियर, सेफ्टी मैनेजर या डिजास्टर मैनेजमेंट के पदों पर काम कर सकते हैं।
- फायर सेफ्टी इंजीनियर बनने के फायदे
- फायर सेफ्टी इंजीनियरों को अच्छा वेतन मिलता है।
- आप लोगों की जान और माल बचाने में योगदान दे सकते हैं।
- इस क्षेत्र में करियर ग्रोथ के बहुत सारे अवसर हैं।
- आप समाज में एक सम्मानित व्यक्ति बन सकते हैं।
फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के लिए लाइसेंस
कुछ देशों में, फायर सेफ्टी इंजीनियर बनने के लिए आपको लाइसेंस प्राप्त करना होगा। आप स्थानीय अधिकारियों से लाइसेंस पा सकते हैं।
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