How To Join US Army:किसी देश की सुरक्षा और ताकत उसकी सेना की मजबूती पर निर्भर करती है। यही कारण है कि दुनिया भर के देश अपनी सेनाओं को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए भारी धनराशि खर्च करते हैं। चाहे आधुनिक हथियारों की खरीद हो, टैंक, लड़ाकू विमान, या जहाज, हर देश इन पर बड़ी रकम लगाने से नहीं चूकता है, पर बात अगर सबसे ताकतवर सेना की हो, तो इसमें अमेरिका का नाम सबसे ऊपर आता है।
अमेरिकी सेना न केवल दुनिया की सबसे ताकतवर, बल्कि अत्यधिक आधुनिक सेना मानी जाती है। इसके पास अत्याधुनिक हथियार, लड़ाकू जहाज, पनडुब्बियां, विमानवाहक पोत और अत्याधुनिक तकनीक से लैस उपकरण हैं। इसके अलावा, अमेरिकी सेना के बेस दुनियाभर के कई देशों में मौजूद हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिकी सेना में केवल अमेरिकी नागरिक ही शामिल हो सकते हैं? क्या अमेरिकी सेना में विदेशी नागरिकों की भी भर्ती की जाती है? चलिए आज जानते हैं कि भारतीय नागरिक अमेरिकी सेना का हिस्सा बन सकते हैं या नहीं। साथ ही उसके विशेष नियम और प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।
भारतीय नागरिक कैसे बन सकते हैं अमेरिकी सेना का हिस्सा?
अमेरिकी सेना में भारत समेत अन्य विदेशी नागरिकों को भी हिस्सा बनने का मौका दिया जाता है। हालांकि, उनके लिए कुछ विशेष नियम और प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं।सेना का हिस्सा बनने के लिए फिजिकली फिट होना तो जरूरी है ही। साथ ही, पढ़ाई-लिखाई भी बहुत अहम है। इसके अलावा, अमेरिका में वैध तरीके से रहने का डॉक्युमेंट भी आपके पास होना जरूरी है। अमेरिकी सेना का हिस्सा बनने के लिए किन चीजों की जरूरत होती है, इस बारे में आपको अच्छी तरह से पहले ही जान लेना चाहिए।
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अमेरिकी सेना में शामिल होने के लिए इन चीजों का होना जरूरी
सिटिजनशिप और रेजिडेंसी
अमेरिकी सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, देश के नागरिकों के अलावा कुछ अन्य देशों के नागरिकों को भी सेना का हिस्सा बनने का मौका दिया जाता है। अगर कोई कैंडिडेट मुल्क का नागरिक नहीं है और उसके पास 'यूएस परमानेंट रेजिडेंट कार्ड' (ग्रीन कार्ड) है, तो वह भी अमेरिकी सेना में शामिल हो सकता है। इसका मतलब है कि ऐसे भारतीय जो ग्रीन कार्ड होल्डर्स हैं, वे अमेरिकी सेना का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी आर्मी में शामिल होने के लिए फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना, पढ़ना और लिखना आना भी जरूरी है।
आयु सीमा
अमेरिकी सेना के अलग-अलग ब्रांच में शामिल होने के लिए अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित की गई है। आर्मी में 17-35 वर्ष, मरीन कॉर्प्स में 17-28 वर्ष,एयरफोर्स में 17-42 वर्ष, कोस्ट गार्ड में 17-41 वर्ष, नौसेना में 17-41 वर्ष और स्पेस फोर्स में 17-42 वर्ष के लोगों का ही सेलेक्शन किया जाता है। इसके अलावा, अगर कोई ऑफिसर या रिजर्व के तौर पर शामिल होता है तो उसके लिए आयु सीमा बिल्कुल ही अलग है।
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एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
अमेरिकी सेना में भर्ती होने वाले भारतीय नागरिकों को भी 'आर्म्ड सर्विस वोकेशनल एप्टिट्यूड बैटरी' (एएसवीएबी) टेस्ट देना होगा। सेना की हर ब्रांच में शामिल होने के लिए न्यूनतम स्कोर भी तय किया गया है। आपका एएसवीएबी टेस्ट का स्कोर यह तय करने में मदद करता है कि भर्ती होने के बाद आप कौन किस कैटगरी में नौकरियां कर सकते हैं। इसके अलावा, सेना का हिस्सा बनने के लिए हाई स्कूल या सामान्य समकक्ष डिप्लोमा (जीईडी) होना अनिवार्य है। ऑफिसर रैंक पर ज्वाइन करने के लिए उम्मीदवार के पास 4 साल की कॉलेज डिग्री होनी चाहिए।
फिजिकल-मेडिकल टेस्ट
दुनिया की हर सेना की तरह अमेरिका की सेना का हिस्सा बनने से पहले भी उम्मीदवारों को फिजिकल और मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। मेडिकल टेस्ट के जरिए ये पता किया जाता है कि अभ्यर्थी सेना में काम करने के लिए स्वस्थ है या नहीं, क्योंकि सेना में शामिल होने के लिए फिजिकली फिट होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। इसलिए सिलेक्शन से पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट लिया जाता है, जिसमें पास होने पर ही नियुक्ति की जाती है।
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