क्या तिब्बत के निवासी भारत में दे सकते हैं UPSC परीक्षा? जानें IAS-IPS बनने के लिए क्या है रेजिडेंस से जुड़े नियम

UPSC CSE Eligibility Nationality: तिब्बत के निवासी भारत में UPSC परीक्षा दे सकते हैं या नहीं, यह पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा निर्धारित नागरिकता और रेजिडेंस से जुड़े नियमों पर निर्भर करता है। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
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UPSC CSE Eligibility Nationality: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर अच्छे रैंक लाने वाले उम्मीदवारों को IAS और IPS ऑफिसर का पद मिलता है। यह देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है, जो लगभग हर भारतीयों का सपना होता है। आईएएस ऑफिसर का पद देश की सबसे ऊंची और प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी में से एक है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए आईएएस और आईपीएस बनने के लिए पहली शर्त उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा और किस देश के नागरिक इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं? क्या तिब्बत के नागरिक भारत में UPSC परीक्षा देने की इजाजत है? आइए आज इससे जुड़ी तमाम जरूरी बातों को जानते हैं।

क्या तिब्बत के नागरिक भारत में दे सकते हैं UPSC परीक्षा?

UPSC Exam rule and eligibility

यूपीएससी के नियमों के मुताबिक, तिब्बत के नागरिक भी सिविल सेवा की परीक्षा दे सकते हैं। नियम के अनुसार, अगर वे भारत के स्थायी नागरिक हैं या ऐसे तिब्बती शरणार्थी, जो 1 जनवरी 1962 से पहले भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से आए थे, वे यूपीएससी परीक्षा के लिए पात्र हो सकते हैं। इसके अलावा, उसी नियम का पालन करते हुए पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, पूर्वी अफ्रीकी देशों केन्या, युगांडा, संयुक्त गणराज्य तंजानिया, जाम्बिया, मलावी, इथियोपिया, जैरे और वियतनाम से भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से आए थे, वे भी इस परीक्षा को देने के लिए एलिजिबल माने जाएंगे।

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क्या तिब्बती बन सकते हैं भारत में IAS या IPS?

who can appear UPSC Exam

तिब्बत के नागरिक यूपीएससी परीक्षा देने के लिए एलिजिबल तो हैं, पर अन्य देशों के नागरिकों को इसके 'ग्रुप ए' सर्विस के तहत मिलने वाले पद नहीं दिए जाते हैं। यूपीपीएससी सीएसई के एलिजिबिलिटी नियम के अनुसार, उम्मीदवार को आईएएस और आईपीएस का पद हासिल करने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।

यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास करने के बाद भारतीय नागरिकों को IAS, IPS, IFS पदों पर नियुक्तियां दी जाती हैं। जबकि दूसरे देशों के नागरिकों को एग्जाम पास करने के बाद उन्हें नियमों के मुताबिक अन्य पदों के लिए चुना जाता है।

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Image credit- Freepik


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