नमक के बिना खाने का स्वाद नहीं आता है। लेकिन नमक सोडियम का बहुत अच्छा स्रोत भी है। जी हां सोडियम हमारी बॉडी में खाना पचाने के साथ-साथ डाइजेस्टिव सिस्टम को भी सही रखता है। लेकिन जब हमारी बॉडी में सोडियम की मात्रा ज्यादा लेने लगती हैं तो यह हमारी बॉडी को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है। जबकि शुद्ध रूप में नमक सोडियम क्लोराइड से बना होता है। हमारी बॉडी इन तत्वों को अपने आप नहीं बना सकती है, इसलिए इसे हमें अपनी डाइट से लेना पड़ता है। सोडियम और क्लोडराइड हमारी बॉडी की हर सेल्स के अंदर व बाहर मौजूद अन्य मिनरल के साथ तालमेल बनाकर बॉडी को सही तरीके से चलाने में हेल्प करता है। यूं तो नमक को लेकर सभी की अलग-अलग राय है, कुछ कम नमक का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ ज्यादा नमक खाना पसंद करते हैं। लेकिन नमक को लेकर हमेशा महिलाएं उलझन में रहती हैं कि हमें कौन सा नमक लेना चाहिए। अगर आपके मन में भी ऐसी ही कोई उलझन हैं तो आज हम आपकी इस उलझन को दूर कर देते हैं। आइए जानें कि नमक कितने तरह के होते हैं और यह हमारी बॉडी को कैसे फायदा या नुकसान पहुंचाता है।
ज्यादातर लोग इसी नमक का इस्तेमाल करते हैं। इसमें सोडियम की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। साथ ही इसमें आयोडीन भी भरपूर होता है, जो हमारी बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाता है जिससे बॉडी को कई बीमारियों से बचाता है। लेकिन अगर इसका सेवन लिमिटेड मात्रा में किया जाए तो फिर कई फायदे करता है। लेकिन नमक का अधिक सेवन करने से हमारी हड्डियां प्रभावित होती है। जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। आज के दौर में हड्डियों से संबंधित अधिकतर रोग नमक ज्यादा खाने से ही होता है।
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सी साल्ट को हिंदी में 'समुद्री नमक' के रूप में भी जाना जाता है। इसे नेचुरल नमक के नाम से भी जाना जाता है जो सीधे समुद्र के पानी से उत्पन्न होता है। जब महासागर का नमकीन पानी सुखाया जाता है, तो सी सॉल्ट का निर्माण होता है यानि इस नमक को वाष्पीकरण से बनाया जाता है और ये सादे नमक की तरह नमकीन नहीं होता है। सी सॉल्ट हमारे लिए बहुत ही अच्छे पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है जो हमारे लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है। यह स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए कई लाभ प्रदान करता है। सी सॉल्ट को इस्तेमाल पेट फूलने, सूजन, थकान, आंत संबंधी रोगों जैसे गैस व कब्ज जैसी समस्या्ओं के लिए किया जाता है।
काले नमक का सेवन सभी के लिए सही होता है। इसके नियमित प्रयोग से कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, चक्कर आना, जैसी समस्याओं निदान पाया जा सकता है। गर्मी के मौसम में डॉक्टर भी नींबू पानी या मठ्ठे में काला नमक इस्तेमाल करने की सलाह देते है। लेकिन इसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक होती है जिससे बॉडी में हड्डी जाम जैसी परेशानियों का खतरा बना रहता है। इसलिए इसका प्रयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
इस नमक को बाजार में पोटेशियम नमक भी कहा जाता है। सादे नमक की तरह इस नमक में भी सोडियम और पोटेशियम क्लोयराइड होते हैं। जिन महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उन सभी महिलाओं को लो सोडियम नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा हार्ट डिजीज और डायबिटीज रोगी के लिए भी लो सोडियम नमक बहुत फायदेमंद होता है।
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यूं तो सेंधा नमक का इस्तेमाल व्रत में ही सबसे ज्यादा किया जाता है, इसलिए इसे व्रत का नमक भी कहा जाता है। इस नमक में सादे नमक की तुलना में बहुत ज्यादा कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही यह हमारी हेल्थ के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार जिन महिलाओं को हार्ट और किडनी की परेशानी हैं उन्हें इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। साथ ही इस नमक को सभी नमक से श्रेष्ठ भी माना गया है। आप अपने खाने में सादे नमक की जगह की सेंधा नमक भी इस्तेोमाल कर सकती हैं। मैं भी अपने खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल करती हूं।
हमने आपको 5 तरह के नमक और उसके फायदे और नुकसान के बारे में बता दिया है। आप अपने हिसाब से नमक को चुनकर हेल्दीक रह सकती हैं।
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