जिन घरों में बच्चे हैं, वहां पर पैरेंट्स के मन में अक्सर यही सवाल घूमता रहता है कि उनके बच्चों की डाइट कैसी हो, ताकि वह ना केवल एक्टिव रहें, बल्कि उनका पढ़ाई में भी मन लगे। अक्सर स्टूडेंट्स को पढ़ाई में ध्यान न लग पाने, जल्दी थक जाने या फिर बार-बार भूल जाने की समस्या होती है। जिसके कारण वह उतना अच्छा परफार्म नहीं कर पाते, जितना कि उन्हें वास्तव में करना चाहिए।
लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चे की पढ़ाई में एक बहुत बड़ा रोल आहार का भी है। जब बच्चे संतुलित आहार का सही तरह से सेवन करते हैं तो इससे ना केवल उनका मस्तिष्क शॉर्प होता है, बल्कि पढ़ाई में भी मन लगता है। जहां एक ओर जंक फूड बच्चों को सुस्त और आलसी बनाता है, वहीं दूसरी ओर पौष्टिक आहार से वह हेल्दी व एक्टिव बनते हैं। हालांकि, सवाल अभी भी यही है कि हेल्दी फूड में बच्चों को ऐसा क्या दिया जाए, जो उनके तन-मन की सभी जरूरतों को पूरा करे। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि कैसी हो एक स्टूडेंट की डाइट-
आयरन रिच हो फूड
जब भी आयरन रिच फूड की बात होती है तो लोग यही समझते हैं कि यह आपके शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाता है। लेकिन इसके अलावा, आयरन बच्चों की ब्रेन मेमोरी को शॉर्प करता है। चूंकि बच्चों को लंबे समय तक पढ़ाई करती होती है, इसलिए ब्रेन मेमोरी को शॉर्प करने के लिए उनके आहार में आयरन युक्त फूड्स का होना बेहद जरूरी है। आप आयरन रिच फूड्स में बच्चों को एग, चिकन, मटन, फिश आदि दे सकती हैं। वहीं अगर आप वेजिटेरियन है तो आप उन्हें काले चने, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया, ओट्स, बादाम, अखरोट व मुनक्का आदि खाने के लिए दे सकती हैं।
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फल व सब्जियां
स्टूडेंट्स की डाइट में पर्याप्त मात्रा में फल व सब्जियां शामिल करना बेहद जरूरी है। फल-सब्जियां आपकी बॉडी को कई तरह के मिनरल्स व विटामिन्स प्रदान देता है। यह विटामिन व मिनरल्स आपके मेटाबॉलिज्म से लेकर डाइजेशन तक को सही तरह से काम करने में मदद करता है। इसकी महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। इसलि, आप बच्चों को मौसमी फल व सब्जियां खाने के लिए दें। आप बच्चों की डाइट में कई तरह के फल व सब्जियों को इंटरस्टिंग तरीके से शामिल करने की कोशिश करें।
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दूध
यह तो हम सभी जानते हैं कि दूध में कैल्शियम, विटामिन-डी व फास्फोरस अच्छा होता है। यह बच्चों की हाइट बढ़ाने और उनकी बोन हेल्थ के लिए अच्छा होता है। अगर एक स्टूडेंट भीतर से मजबूत होगा, तभी वह एकेडमिक में भी अच्छा परफॉर्म करेगा। इसलिए, हर बच्चे को दिन में दो गिलास दूध अवश्य पीना चाहिए। इतना ही नहीं, दूध में प्रोटीन भी पाया जाता है। अगर बच्चे की डाइट में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं होगा तो इससे बच्चे की बॉडी में एनर्जी की कमी होगी। जिसके कारण बच्चा हरवक्त थका हुआ व कमजोर महसूस करेगा। जब बच्चा कमजोर महसूस करेगा तो उसका मन भी पढ़ाई में नहीं लगेगा।
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