कोकोनेट ऑयल घी की तरह ही सेचुरेट फैट है। घी उत्तर भारतीयों के लिए खास होता है जबकि नारियल तेल भारत के दक्षिण हिस्से में पवित्र माना जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि कोकोनेट ऑयल हमारी हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छा होता है, खासतौर पर वर्जिन कोकोनेट ऑयल महिलाओं की हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसे नारियल के गूदे को पीसकर बनाया जाता है और इसमें किसी भी तरह का केमिकल मौजूद नहीं होता है। हालांकि यह तेल दिखने में बिलकुल साधारण कोकोनेट ऑयल की तरह होता है लेकिन इसके बनने की प्रक्रिया इसे उसे अलग करती है और ये साधारण नारियल तेल के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है। यह महिलाओं के बढ़ते वजन को कम करने के साथ-साथ बैक्टीरियल इन्फेक्शन और त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी हेल्प करता है। आइए इस तेल से जुड़े फायदों के बारे में न्यूट्रिशनिस्ट मेघा मुखीजा से जानें। मेघा मुखीजा 2016 से Health Mania में चीफ डाइटीशियन और फाउंडर है।
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पेट की चर्बी को कम करने में मददगार
यह बात ज्यादातर महिलाएं जानती हैं कि वर्जिन कोकोनेट ऑयल पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इसलिए यह उनकी डाइट में शामिल होता है। लेकिन वह इसका सेवन अजीब तरीके से करती हैं जैसे कॉफी में डालकर लेना या सीधा ही इसे पी लेना आदि। जबकि वह यह नहीं जानती हैं कि नारियल तेल में किसी भी सामान्य तेल के बराबर कैलोरी होती है। यह पेट की चर्बी कम करने में तभी मदद करता है जब वर्जिन कोकोनेट का सेवन सही तरीके से किया जाए।
इसलिए अपने कुकिंग ऑयल को वर्जिन कोकोनट ऑयल से बदल दें या इसका इस्तेमाल सलाद और लड्डू आदि में करें। रोजाना कुछ दिनों तक 2 बड़े चम्मच (30 एमएल) ऑयल लेने से सिर्फ 3 महीनों में बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर के आस-पास के फैट को कम किया जा सकता है।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन को करता है दूर
वर्जिन कोकोनेट ऑयल बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करता है, खासतौर पर डाइजेस्टिव सिस्टम से संबंधित इन्फेक्शन में। इस तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं जो इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में पाया गया कि यह आंतों के बैक्टीरिया, क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल के विकास को रोकता है जिसे आमतौर पर सीडीसी के रूप में जाना जाता है, जो गंभीर दस्त का कारण बनता है।
त्वचा की एलर्जी के लिए अच्छा
वर्जिन कोकोनेट ऑयल त्वचा की एलर्जी, एक्जिमा, सोरायसिस आदि में बहुत मददगार साबित होता है। अधिकांश त्वचा एलर्जी में नारियल तेल का उपयोग सबसे सुरक्षित माना जाता है। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि यह कुछ मामलों में चिकित्सा लोशन और मिनरल ऑयल की तुलना में अधिक प्रभावी होता है। इस ऑयल में एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे इन्फेक्शन सेे पैदा होने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है।
कैंडिडा और यीस्ट इंफेक्शन से लड़ें
कैंडिडा एक फंगस है जो यीस्ट इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है जो आमतौर पर नम और गर्म वातावरण के कारण मुंह और वेजाइना को लक्षित करता है। यह एक बहुत ही आम विकार है और ज्यादातर महिलाओं को इससे परेशानी होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि नारियल तेल fluconazole के रूप में प्रभावी होता है। यह आमतौर पर कैंडिडा इन्फेक्शन के लिए निर्धारित एंटी-फंगल दवा है। इसलिए अगर आपको इस तरह का इन्फेक्शन होता है तो आप वर्जिन कोकोनेट ऑयल का इस्तेमाल करें।
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अल्जाइमर रोग में उपयोगी
इस तेल से न सिर्फ ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाया जा सकता है बल्कि यह अल्जाइमर रोग में भी उपयोगी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एमसीटीएस की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और यह सूजन को कम करने और ब्रेन सेल्स को एनर्जी प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए यह ब्रेन के लिए अच्छा होता है और अल्जाइमर रोग और मिर्गी में सुधार करने में फायदेमंद होता है। लेकिन फिर भी, इसके और अधिक शोध की जरूरत है।
अगर आप भी इन 5 समस्याओं से बचना चाहती हैं तो अपनी डाइट में कोकोनेट वर्जिन ऑयल को शामिल करें। डाइट से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Image Credit: Freepik.com
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