आजकल की तेज जिंदगी में, जहां लोग सुविधा को सेहत से ज्यादा अहमियत देते हैं, वहां स्वस्थ रहना मुश्किल हो सकता है। लेकिन, हमारी लंबी और स्वस्थ जिंदगी कुछ महीनों या सालों की आदतों से तय नहीं होती है, बल्कि रोज़ाना लिए जाने वाले छोटे-छोटे फैसलों से बनती है। ये छोटे, मगर लगातार उठाए गए कदम हमारे शरीर और दिमाग पर गहरा असर डालते हैं। साथ ही, ये मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारी और कुछ तरह के कैंसर जैसी गैर-संक्रामक बीमारियों (NCDs) का खतरा भी काफी कम कर देते हैं। आज हम आपको रोज की खान-पान से जुड़ी 5 ऐसी आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो बीमारियों को दूर रखने में आपकी मदद कर सकती हैं। इनके बारे में हमें MyThali, आरोग्य वर्ल्ड की हेड डॉक्टर मेघना पासी बता रही हैं।
बहुत ज्यादा फैट, नमक और चीनी (HFSS) वाले अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाना और फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज कम खाना आदि, ये सभी भारत में NCDs के बड़े कारण माने जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत के नेशनल हेल्थ प्रोफाइल के अनुसार, देश में 60 प्रतिशत से ज्यादा NCDs का मुख्य कारण गलत खानपान है। हालांकि, तंबाकू, अल्कोहल, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, प्रदूषण और तनाव जैसे दूसरे कारण भी इसमें शामिल हैं, लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि फाइबर, हेल्दी फैट, प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट बीमारियों को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह न सिर्फ सेहत सुधारता है, बल्कि जीवनशैली को भी बेहतर बनाता है।
आइए देखें कि छोटे-छोटे बदलाव करके कैसे बड़ा असर डाला जा सकते हैं-
भले ही खाना कितना भी हेल्दी क्यों न हो, जरूरत से ज्यादा खाने से नुकसान हो सकता है। इसलिए, हमेशा छोटी प्लेट में परोसें, एक बार में बैलेंस्ड मात्रा लें और अगर सच में भूख लगे तभी दूसरी बार खाएं। अपने पेट को 80 प्रतिशत भरने की आदत डालें।
'स्मार्ट ईटिंग' का मतलब स्ट्रिक्ट डाइट पर रहना या कैलोरी काउंट करना नहीं है। बैलेंस्ड थाली में साबुत अनाज, अच्छी मात्रा में प्रोटीन, मौसमी सब्जियां और फल और थोड़ी-सा हेल्दी फैट होना चाहिए। पैकेट वाले प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का बना खाना जैसे दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां और बाजरा या ज्वार जैसे मिलेट्स को अपनाएं।
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वीकेंड पर दालें भिगोना, अनाज पकाकर रखना, सब्ज़ियां काटकर तैयार करना या पानी की बोतलें भरकर रखना, ये छोटे-छोटे काम हफ्ते के बिजी दिनों में बाहर के अनहेल्दी खाने की आदत को कम कर सकते हैं। जब हेल्दी ऑप्शन तैयार हों, तो उन्हें चुनना आसान होता है।
कई बार प्यास लगने पर हमें लगता है कि भूख लगी है। भरपूर पानी पीने से अनचाही स्नैकिंग से बचा जा सकता है। अगर भूख लगे तो फल जैसे सेब, केला, भुना चना या बिना नमक वाले नट्स जैसे बादाम, अखरोट जैसे हेल्दी ऑप्शन चुनें। ये पेट भी भरेंगे और पोषण भी देंगे।
आज से ही किसी भी पैकेट वाले प्रोडक्ट का न्यूट्रिशन लेबल ध्यान से देखना शुरू करें। इनमें छिपी हुई शक्कर, ट्रांस फैट और ज्यादा सोडियम से बचें। लेबल पढ़ने की आदत आपको सेहतमंद चुनाव करने में मदद करेगी, जिससे आप अनजाने में हानिकारक चीजें खाने से बच सकेंगी।
स्मार्ट खाने के लिए किसी बड़े बदलाव की नहीं, बल्कि छोटे-छोटे, रोज के सही फैसलों की जरूरत होती है। सफेद चावल की जगह मिलेट्स जैसे ब्राउन राइस या बाजरा, प्रोसेस्ड खाने की जगह घर का बना ताजा भोजन और कम चीनी व नमक लेना। ऐसी छोटी-छोटी आदतें धीरे-धीरे हमारी पूरी जिंदगी को बेहतर बना सकती हैं। हम जो खाते हैं, वो सिर्फ हमारे शरीर को नहीं, बल्कि हमारे भविष्य को भी पोषण देता है। चलिए, आज से ही एक हेल्दी थाली की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाएं और स्वस्थ जीवन की ओर चलें।
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