सर्दियों में इन खास पारंपरिक व्यंजनों को जरूर करें ट्राई, बाद में नहीं मिलेगा मौका

गुलाबी सर्द के साथ देश में मौसम का मिजाज बदल गया है। बदलते मौसम के साथ-साथ मार्केट के भी हाल अब बदल गए हैं। सरसों के साग से लेकर मेथी और गाजर तक हरी सब्जियों ने बाजार में दस्तक दे दिया है।

 
what to eat in winter to keep warm

सर्दियों के मौसम के साथ साथ बाजार में भी बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं। मार्केट में आसानी से हमें हरी साग सब्जी और मौसमी फल के साथ तेजी से मौसम का रूख बदल जाता है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ पारंपरिक व्यंजनों के बारे में बताएंगे, जो केवल सर्दियों में खासतौर पर खाए जाते हैं। इन व्यंजनों का स्वाद सर्दियों में दोगुना और खास होता है, तो चलिए देशभर में खाए जाने वाले उन फेमस फूड्स के बारे में जानेंगे, जो खास तौर पर सर्दियों में खाए जाते हैं।

सरसों का साग और मक्के की रोटी

traditional food for winters

बाजार और खेतों में खास तौर पर सरसों का साग आता है, इसलिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई उत्तर भारतीय राज्यों में सर्दियों में खासतौर पर सरसों का साग और मक्के की रोटी का मजा लिया जाता है। यह एक मौसमी डिश है, जो सिर्फ सर्दियों में बनता है और सरसों की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे सर्दियों में खाना उचित बताया गया है।

छत्तीसगढ़ी बासी

winter special traditional food

वैसे तो बासी किसी भी महीने में खा सकते हैं, लेकिन इसका असली स्वाद सर्दियों में आता है। रात में बचे हुए चावल में पानी डालकर रखा जाता है। दूसरी सुबह पानी से धोकर चावल में दही या मट्ठा और नमक डालकर मिक्स किया जाता है। इसके बाद ताजी धनिया, मिर्च और टमाटर को सिलबट्टे में पीसकर चटनी बनाई जाती है। फिर एक गहरे तले के बाउल में इस बासी को परोसा जाता है, साथ ही टमाटर मिर्च और धनिया की चटनीऔर मूली भी काटकर परोसा जाता है।

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खिचड़ी, फरा और चीला

सर्दियों में जब नया चावल आता है, उससे छत्तीसगढ़ में खिचड़ी, फरा और चीला बनाया जाता है। खिचड़ी बहुत साधारण बनाया जाता है। केवल चावल पानी और नमक डालकर पका लिया जाता है। जब खिचड़ी अच्छे से पक जाती है तो उसे थाली में निकालकर उसमें दही या मट्ठा डालकर परोसा जाता है। साथ ही धनिया मिर्च और टमाटर की सिलबट्टे (सिलबट्टे की सफाई) में पिसी हुई चटनी भी परोसी जाती है।

जाबर

जाबर लौकी और नए चावल से बनाया गया एक स्वादिष्ट व्यंजन है, जिसे पूर्वांचल में बनाया जाता है। जाबर बनाने के लिए एक बर्तन में घी, नमक और सरसों डालकर लौकी को भुन लिया जाता है, फिर एक बर्तन में पानी और नमक डालकर चावल को पकाया जाता है। जब चावल पक जाए तो उसमें भुने हुए लौकी को मिक्स किया जाता है। दोनों को मिक्स करने के बाद उसमें पका हुआ दूध डालकर अच्छे से मिक्स करें और पकाकर इसे परोस लें।

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Image Credit: freepik and shutter stocks

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