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Red, Pink, Blue रंगों पर ही क्यों रखे गए हैं दिल्ली मेट्रो के नाम? आइए जानते हैं

Red, Yellow, Pink और Blue रंगों पर ही क्यों रखे गए हैं दिल्ली मेट्रो के नाम? अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो फिर आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए।  
Editorial
Updated:- 2023-04-15, 11:00 IST

Delhi Metro Lines: दिल्ली मेट्रो राजधानी और दिल्ली-एनसीआर इलाकों की लाइफ लाइन मानी जाती है। आज के समय में मेट्रो ट्रेन लोगों की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। अगर मेट्रो किसी वजह से कुछ समय के लिए बंद हो जाती है तो हर किसी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जो लोग दिल्ली और उससे सटे इलाकों में रहते हैं वो दिल्ली मेट्रो की सवारी न की हो, ऐसा बहुत कम ही देखा जाता है, लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए दिल्ली में चलने वाली हर मेट्रो को अलग-अलग रंगों के नाम से ही क्यों जाना जाता है तो फिर आपका जवाब क्या होगा?

अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि रेड लाइन मेट्रो, पिंक लाइन मेट्रो आदि रंगों से मेट्रो को क्यों जाना जाता है तो फिर आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए। आइए जानते हैं।

किस-किस रंग पर रखा गया है मेट्रो के नाम?

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सबसे यह जान लेते हैं कि किस-किस रंग पर दिल्ली मेट्रो का नाम रखा गया है। दिल्ली में रेड लाइन, ब्लू लाइन, येलो लाइन, पिंक लाइन, मजेंटा लाइन, वायलेट लाइन, ग्रे लाइन, ग्रीन लाइन के अलावा एक्वा लाइन के नाम से मेट्रो को जाना जाता है। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के लिए नारंगी रंग का कोड रखा गया है।

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रंगों पर ही क्यों है मेट्रो के नाम?

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आपके अंदर भी यह सवाल चल रहा होगा कि इन्हीं रंगों के नाम पर ही दिल्ली मेट्रो का नाम क्यों रखा गया है। दरअसल, इसके बारे में कहा जाता है कि ये सभी रंग प्राइमरी कलर है, इसलिए सभी मेट्रो के नाम इन्हीं रंगों पर आधारित है।(दिल्ली मेट्रो से जुड़े रोचक तथ्य)

कई लोगों का मानना है कि रंगों पर मेट्रो का नाम इसलिए भी रखा गया है, ताकि सभी मेट्रो में अंतर रखा जा सकें। दिल्ली मेट्रो अलग-अलग वर्ग में बनी है, इसलिए भी इन्हें अलग-अलग रंगों का नाम दिया गया है।

पढ़ने में दिक्कत ना हो

Why are metro lines color coded

मेट्रो को रंगों में विभाजित करने का एक कारण यह है कि किसी को भी पढ़ने और पहचानने में दिक्कत न हो। जी हां, कहा जाता है कि जो लोग पढ़ा नहीं सकते हैं उन्हें भी आसानी से मेट्रो रूट समझ में आ जाए, इसलिए भी मेट्रो का नाम रंगों पर रखा गया है। रंगों के नाम सभी को आसानी से याद हो जाते हैं। इसके अलावा कई लोगों का यह भी मानना है कि दिल्ली में मौजूद सभी मेट्रो का नाम इंद्रधनुष के रंगों पर रखा गया है।

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दिल्ली में किस रंग की पहली मेट्रो चली थी?

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में 25 दिसंबर 2002 को शाहदरा से तीस हजारी के बीच सबसे पहले मेट्रो चली थी, जो रेड लाइन के नाम से जानी जाती है। रेड लाइन के बाद हुडा सिटी सेंटर से समयपुर बादली के लिए येलो कलर की मेट्रो चली थी। येल्लों के बाद ब्लू लाइन चली थी।(सस्ती प्लेन टिकट बुक करने के आसान हैक्स)

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