Ashok Dham In Bihar On Maha Shivratri: देश के पूर्वी भाग में स्थित बिहार एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक राज्य है। क्षेत्रफल के हिसाब से बिहार को 12वां सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। इस ऐतिहासिक राज्य को बुद्ध की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
बिहार अपनी ऐतिहासिक चीजों के अलावा कई धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। इस राज्य में स्थित बोधगया, पटन देवी मंदिर और राजधानी पटना में स्थित हनुमान मंदिर का दर्शन करने हर दिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
बिहार में स्थित अशोक धाम भी एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जो पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर अशोक धाम में हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचें। आइए हम भी अशोक धाम के बारे में जानते हैं।
अशोक धाम की खासियत और पौराणिक कहानी जानने से पहले आपको यह बता दें कि अशोक धाम बिहार के लखीसराय जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। अशोक धाम को इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि अशोक धाम बिहार की राजधानी पटना से करीब 125 करीब किमी दूर, बेगूसराय से करीब 44 किमी और बरौनी से महज 39 किमी की दूरी पर मौजूद है।
बिहार के लखीसराय में स्थित अशोक धाम को लेकर एक बड़ी रोचक मान्यता है। जी हां, अशोक धाम को लेकर यह कहा जाता है कि अशोक नाम का एक युवक रोज की तरह गाय-भैंस को लेकर चराने गया था। इसी क्रम में एक दिन युवक बिहार का स्थानीय खेल गिल्ली-डंडा खेल रहा था और अचानक से उसे शिवलिंग का ऊपरी भाग दिखा। इस घटना के बाद से इस मंदिर का अस्तित्व सामने आया और कई लोग इसे मंदिर को अशोक धाम से जानने लगे।
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अशोक धाम मंदिर को पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। यह मंदिर सिर्फ लखीसराय का ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार का एक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं।
अशोक धाम स्थानीय लोगों के लिए भी पवित्र स्थल माना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां मंदिर किसी भी विपदा या समस्या में लोगों की रक्षा करता है। इस मंदिर की वास्तुकला भी भक्तों को खूब आकर्षित करती है। इस मंदिर को बिहार का देवघर भी बोला जाता है।
महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में सबसे अधिक संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां राज्य के लगभग हर कोने से भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं।
महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर के आसपास चहल-पहल भी अधिक रहती है। मान्यता है कि जो भी महाशिवरात्रि के मौके पर सच्चे मन से अशोक धाम पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है।
महाशिवरात्रि के अलावा, अशोक धाम में सावन के महीने में भी खूब भीड़ देखने को मिलती हैं। कहा जाता है कि सावन के महीने में हर सोमवार को यहां हजारों की संख्या में भक्त गंगा जल अर्पण करने के लिए पहुंचते हैं। सावन में अशोक धाम के आसपास में मेला भी लगता है।
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अशोक धाम के आसपास में अन्य और भी कई शानदार जगहें मौजूद हैं, जिन्हें एक्सप्लोर किया जा सकता है। अशोक धाम में आप श्रृंगी ऋषि आश्रम, भगवती स्थान मंदिर और अभयनाथ मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। इसके अलावा, अमरासनी हिल्स, किऊल नदी, काबर झील और लाल पहाड़ी जैसी खूबसूरत जगहों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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