
अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण होने के बाद अब एक और महत्वपूर्ण अनुष्ठान की तैयारी चल रही है जो कि संबंधित है मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज के रोहण से जुड़ी। राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करने का बहुत गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। यह कार्य मंदिर के निर्माण कार्य की पूर्णता और भक्तों की अटूट आस्था की महान विजय का प्रतीक होता है। शास्त्रों के अनुसार, मंदिर का ध्वज दूर से ही भक्तों को भगवान की उपस्थिति का संकेत देता है, उन्हें आशीर्वाद प्रदान करता है और माना जाता है कि यह मंदिर तथा उसके आस-पास के पूरे क्षेत्र को सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षित रखता है जिससे वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और सकारात्मक बना रहता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कब होगा राम मंदिर का ध्वजारोहण, क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व?
अयोध्या के भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज का रोहण 25 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन पर होना निर्धारित है। यह दिन पंचांग के अनुसार विवाह पंचमी का शुभ पर्व भी है। इस कार्यक्रम को देखते हुए रामलला के दर्शन 24 नवंबर की शाम से बंद कर दिए जाएंगे और 26 नवंबर 2025 की सुबह से पुनः शुरू होंगे।
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श्री राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का यह शुभ अनुष्ठान 25 नवंबर 2025 को दोपहर में 12:00 बजे से लेकर 12:30 बजे के बीच सम्पन्न किया जाएगा। यह मात्र आधे घंटे का शुभ मुहूर्त है जो अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह अभिजित मुहूर्त और श्रवण नक्षत्र के योग में होगा।

श्रवण नक्षत्र के स्वामी भगवान विष्णु हैं और भगवान राम को उन्हीं का अवतार माना जाता है इसलिए इस मुहूर्त में ध्वजारोहण करना बहुत ही शुभ फल देने वाला माना गया है।
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राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक है। यह ध्वजारोहण इस बात का संकेत है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य विशेष रूप से मुख्य शिखर का काम अब सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।
यह करोड़ों राम भक्तों की सदियों पुरानी आस्था और संघर्ष की अंतिम विजय का प्रतीक है जो भगवान राम की शक्ति को मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर पर स्थापित करता है।

शास्त्रों में माना जाता है कि मंदिर का ध्वज दूर से ही भक्तों को भगवान के आशीर्वाद का संकेत देता है। यह ध्वज मंदिर और पूरे क्षेत्र को नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षित रखता है जिससे वातावरण में हमेशा सकारात्मकता और शुभता बनी रहती है।
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