मौजूदा दौर में किसी एक शहर से दूसरे शहर या फिर किसी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना हो तो ट्रेन से यात्रा करना बेस्ट माना जाता है। ट्रेन से यात्रा करने पर यात्री सुरक्षित भी रहता और पैसा भी बहुत कम लगता है। इसलिए कई बार भारतीय रेलवे को देश का लाइफ लाइन भी कहा जाता है।
आप भी ट्रेन से ज़रूर यात्रा करते होंगे। लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि एक्सप्रेस, मेल-एक्सप्रेस या सुपरफ़ास्ट ट्रेन के बीज में क्या अंतर होता है तो फिर आपका जवाब क्या होगा। शायद इस सवाल का जवाब बहुत से लोग को मालूम भी नहीं होता है। इसलिए कई बार गलत ट्रेन में भी चढ़ जाते हैं।
ऐसे में अगर आप भी एक्सप्रेस, मेल-एक्सप्रेस या सुपरफ़ास्ट ट्रेन के बीच के अंतर के बारे में जानना चाहते हैं तो फिर आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए। आइए जानते हैं।
इस लेख में सबसे पहले मेल-एक्सप्रेस ट्रेन के बारे जानते हैं। भारतीय रेलवे में एक सिमित प्रति घंटे की औसत से चलने वाली विभिन्न प्रकार की ट्रेन हैं। इन्हीं में से एक है मेल ट्रेन-एक्सप्रेस ट्रेन। मेल-एक्सप्रेस मुख्य रूप से प्रमुख शहरों के साथ-साथ लंबी दूर के स्टेशनों को जोड़ती है।(भारत की 4 सबसे लंबी ट्रेन)
मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड सुपरफ़ास्ट के मुकाबले कम होती है। यह ट्रेन लगभग 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती है। यह जगह-जगह रुक-रुक कर चलती है। कई बार यह हाल्ट (स्टेशन) पर भी रूकती रहती है। अमूमन मेल-एक्सप्रेस का नंबर 123 ___ आदि से शुरू होता है। जैसे-पंजाब मेल, मुंबई मेल, कालका मेल।
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कहा जाता है कि भारत में एक्सप्रेस ट्रेन सेमी प्रायोरिटी वाली रेल सेवा होती है। कहा जाता है कि एक्सप्रेस ट्रेन लगभग 55 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड में चलती है। एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड मेल-ट्रेन से अधिक होती है। हालांकि, सुपरफ़ास्ट ट्रेन से इसकी स्पीड कम होती है।
एक्सप्रेस ट्रेन किसी-किसी स्टेशन और हाल्ट पर नहीं रूकती है। एक्सप्रेस ट्रेन का नाम किसी शहर, जगह या फिर किसी व्यक्ति के नाम से भी हो सकती है। इसमें जनरल ,स्लीपर और एसी डिब्बे होते हैं।
सुपरफ़ास्ट एक ऐसी ट्रेन है जो एक्सप्रेस या मेल-एक्सप्रेस से बहुत तेज चलती है। सुपरफ़ास्ट ट्रेन की स्पीड लगभग 110 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक होती है। सुपरफास्ट ट्रेन में आमतौर पर कम स्टॉपपेज होते हैं।
मेल-एक्सप्रेस या एक्सप्रेस ट्रेन के मुकाबले सुपरफ़ास्ट ट्रेन में कुछ एक्स्ट्रा किराया लगता है। ये ट्रेन जिस रूट पर पर चलती है उस रूट पर इन ट्रेनों को पायोरिटी दी जाती है। यह एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच चलती है। इसमें जनरल , स्लीपर और एसी डिब्बे होते हैं।
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पैसेंजर ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जो कम दूरी तय करती है। एक तरह से यह एक लोकल ट्रेन है जो एक शहर से दूसरे शहर तक ही चलती है। इसमें लगे सभी डिब्बे जनरल डिब्बे होते है।(ये है भारत की सबसे धीमी ट्रेन)
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