What is chauli ki jali in uttarakhand: उत्तराखंड देश का एक प्रमुख राज्य होने के साथ-साथ एक खूबसूरत और मनमोहक प्रान्त भी है। इस राज्य की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
उत्तराखंड को देवों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। इस खूबसूरत और धार्मिक प्रान्त में ऐसी कई हसीन और अनदेखी जगहें छिपी हुई हैं, जहां बहुत कम भी पर्यटक पहुंच पाते हैं।
चौली की जाली भी उत्तराखंड की एक ऐसी हसीन और अनदेखी जगह है, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। इस आर्टिकल में हम आपको चौली की जाली की खासियत और इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
चौली की जाली कहां है? (Where is chauli ki jali)
चौली की जाली की खासियत जानने से पहले यह जान लेते हैं कि यह कहां स्थित है। आपको बता दें कि यह खूबसूरत और मनमोहक जगह नैनीताल में स्थित है।
जी हां, चौली की जाली नैनीताल की हसीन वादियों में स्थित मुक्तेश्वर जिले में स्थित है। इस स्थान को कई लोग चौथा जाली के नाम से भी जानते हैं। इस स्थान का धार्मिक महत्व भी है।
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चौली की जाली की खासियत (Why chauli ki jali is so famous)
चौली की जाली की खासियत जानने के बाद आप यहां जाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। जी हां, अगर आप प्रकृति के प्रेम करते हैं, तो यह जगह आपके लिए किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। यहां कुछ चट्टानों का समूह है, जिसे चौली की जाली कहा जाता है।
दरअसल, चौली की जाली मुक्तेश्वर जिले में स्थित एक चट्टान है। इस चट्टान तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है और ट्रेकिंग के दौरान कई अद्भुत दृश्यों को देखने के बाद पर्यटक खुशी से उठाता है। चट्टान के ऊपरी हिस्से से आसपास का दृश्य बेहद ही मनमोहक और अद्भुत दिखाई देता है। यहां का सूर्यास्त का नजारा भी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।
चौली की जाली की पौराणिक कथा (Chauli ki jali mythology story)
चौली की जाली की पौराणिक कथा जानने के बाद आप भी कुछ समय के लिए सोच में पड़ जाएंगे। दरअसल, इस जगह स्थित एक चट्टान में एक छेद है। इस छेद को लेकर मान्यता है कि इस छेद को पर करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि जो भी महिला महाशिवरात्रि के दिन चौली की जाली पर मौजूद छेद को पार करता है, उसे भगवान शंकर खुशियों से भर देते हैं। इसलिए यहां कई महिलाएं परिवार के साथ घूमने के लिए पहुंचती रहती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती हैं (Chauli ki jali on mahashivratri)
चौली की जाली को एक्सप्लोर करने का दर्शन करने हर दिन हजारों सैलानी पहुंचते तो हैं, लेकिन महाशिवरात्रि वाले दिन से कम। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन इतनी भीड़ होती है कि इस दिन पुलिस व्यवस्था भी करनी पड़ जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि राज्य और देश के लगभग हर कोने से पर्यटक और भक्त यहां घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला भी आयोजित होता है।
चौली की जाली कैसे पहुंचें (How to reach Chauli ki jali)
चौली की जली को एक्सप्लोर करने आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप देश के किसी भी हिस्से में नैनीताल पहुंच जाए। नैनीताल पहुंचने के बाद बस या टैक्सी लेकर मुक्तेश्वर पहुंच जाए। मुक्तेश्वर मंदिर से आप यह ट्रेकिंग करते हुए चौली की जली तक आसानी से पहुंच सकते हैं।(नैनीताल में घूमने की बेस्ट जगहें)
नोट: आपको बता दें कि नैनीताल के सबसे पास में काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी लेकर सीधा मुक्तेश्वर मंदिर भी जा सकते हैं।
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