भारतीय गर्मी का मौसम आम के बगैर अधूरा है। होली का त्यौहार होने के बाद से ही भारत में आम के ढेर सारे किस्मों का आगमन होने लगता है। भारत में आम को फलों का राजा कहा जाता है और इससे एक या दो नहीं बल्कि कई तरह के स्वादिष्ट डिशेज बनाए जाते हैं। सभी घरों में हर रोज बाजार से कई तरह के आम आते हैं जिसे लोग अपने फैमली के साथ बैठकर आम के इस मौसम का आनंद लेते हैं। यह तो हुई भारतीय लोगों की बात जो आम के दिवाने हैं, भारतीय लोगों के अलावा विदेशी राजनेता और राजदूतों को भी भारतीय आम का स्वाद पसंद आने लगा है। अभी तक तो सिर्फ भारतीय भोजन के चर्चे थे, लेकिन अब यहां के आम के किस्मों के चर्चे भी होने लगे।
यह 'आम' हैं बहुत ख़ास 😊।
— Dr Philipp Ackermann (@AmbAckermann) May 26, 2023
Mango 🥭 season is on!
Since I first set foot in India, I have been fascinated by the crazy variety in look, feel & taste!
Had a first tasting with my colleagues from the residence, and tried Sindoori, Kesar & Malgoa mangoes.
A long way to go😃. pic.twitter.com/Y3NM8UeIJY
हालही में जर्मन के एंबेसडर ने अपने ट्विटर पर भारतीय आम के स्वाद का गुणगान करते हुए पोस्ट शेयर किया है। इस वीडियो में डॉक्टर फिलिप एकरमैन ने भारत के तीन आम के किस्मों का स्वाद चखा है और लोगों को भी इसके मजे लेने के लिए कहा है। आम का स्वाद लेते हुए एंबेसडर ने कहा है कि 'यह बहुत खास है', आम का सीजन शुरू हो गया है। मैंने सिंदूरी, केसर और मालगोआ ये तीन भारतीय आम के किस्मों का स्वाद चखा है। आइए जानते हैं इन आमों के बारे में
केसर आम
इस आम की खुशबू केसर के जैसे होती है, खाने में यह आम बहुत मीठा होता है। इस किस्म के आमों की पैदावार जूनागढ़ और अमरेली के क्षेत्र में इस आम का उत्पादन होता है। केसर की खुशबू आने के कारण इसका नाम केसर आम रखा है। बाकी आमों की किस्मों से यह आम ज्यादा महंगी होती है। अभयारण्य क्षेत्र में इस आम को गिर केसर आम के नाम से जाना जाता है।
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मालगोवा या मालगोआ आम
यह आम की लोकप्रिय किस्मों में से एक है जो आमतौर पर दक्षिण भारतीय राज्यों में उगाई जाती है। यह आम अपने स्वाद,सुगंध और बनावट के लिए मशहूर है। अंडाकार के इस बड़े फल के छिलके हरे और पीले रंग के होते हैं, जो पकने के बाद सुनहरे पीले रंग के हो जाते हैं। मालगोवा आम बेहद ही रसदार, बिना रेशे वाला गूदे से भरपूर और स्वाद में खट्टा-मीठा होता है। भारतीय बाजार में इसकी मांग बहुत है साथ इसका निर्यात विदेशों में भी किया जाता है।
सिंदूरी
सिंदूरी आम अपने मीठे और रसीले स्वाद के लिए जानी जाती है। आंध्र प्रदेश जैसे अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में इस आम की खेती की जाती है। इस आम के ऊपरी छिलके में लाल रंग के धब्बे होते हैं जिसके कारण इसे सिंदूरी आम कहा जाता है। दिखने में बेहद सुंदर अपने मिठास और स्वाद के लिए ग्राहकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। इस आम को रसालू, चपता रसालू और पेद्दा रसालू जैसे दूसरे नामों से भी जाना जाता है। यह पूरी तरह से मीठा नहीं होता है, बल्कि हल्का खट्टा मीठा होता है। इस आम को पकाकर खाने के अलावा इसकी चटनी, करी और अचार बनाने के लिए किया जाता है।
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ये रहे वो तीन तरह के आम जिसका स्वाद जर्मन एंबेसडर ने चखे हैं। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा इस लेख को लाइक और शेयर करें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।Image Credit- freepik
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