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भारत के इस शहर में क्यों फेंके गए 4,000 किलोग्राम गोलगप्पे?

गोलगप्पा खाना हर लड़की को पसंद है। लेकिन आपकी ये पसंद आपके स्वास्थ्य पर भारी भी पड़ सकती है। इसी कारण से इस शहर की नगरपालिका ने गोलगप्पों पर बैन लगा दिया है और 4,000 किलोग्राम गोलगप्पे फेंक दिए। 
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-08-02, 11:00 IST

गोलगप्पे का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। चटपटा मसालेदार गोलगप्पा खाने से हर किसी का दिन बन जाता है। इसे कई लोग पानीपुरी भी कहते हैं तो कई लोग फुचका भी कहती हैं। वहीं कई जगहों पर इसे पानी बताशा भी कहा जाता है। इसे हर कोई खाना पसंद करता है जिसके कारण इसकी दुकान या ठेला खोलना हमेशा फायदे का सौदा होता है। तभी तो अधिकतर लोग इसका ठेला लगाते हैं। 

चलने वाला बिजनेस

गोलगप्पे की दुकान या ठेला खोलना एक चलने वाला बिजनेस है। दरअसल यह एक ऐसा बिजनेस है जिसके सफल होने की गारंटी सौ प्रतिशत होती है। इसलिए रोजगार के लिए अधिकतर लोग इसी का ठेला लगाते हैं। लेकिन इसके बिजनेस बन जाने के बाद इसे लेकर स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखा जाता है। जिसके कारण गोलगप्पा खाने से कई लोग बीमार पड़ जाते हैं। मानसून में तो गोलगप्पा खाकर बीमार होने वालों की संख्या बढ़ जाती है।

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मानसून में गोलगप्पा खाने से हैजा और पीलिया जैसी बीमारी हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार के मानसून में वडोदरा में पानीपुरी में बैन लगा दिया गया है और इस बैन के कारण 3500 किलो आलू, 4000 किलो गोलगप्पे फेंकने पड़े। (Read more: स्वाद को बढ़ाने के लिए खाएं ये वाले स्ट्रीट फूड)

वडोदरा में बैन हुआ गोलगप्पा

पूरे मानसून गुजरात के वडोदरा में गोलगप्पों पर बैन लगा दिया गया है। इसका मतलब है कि पूरे मानसून में गोलगप्पा बेचना गैरकानूनी है। वहां वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गोलगप्पों के लिए कई जगहों पर छापेमारी की जिस दौरान बड़ी मात्रा में सड़ी हुई खाद्य सामग्रियों को जब्त किया गया। वडोदरा शहर में गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है जो मानसून खत्म होने तक जारी रहेगी। (Read More: बारिश में लें इन 5 ‘मानसून सलाद’ का मजा)

फेंके गए 4000 किलो गोलगप्पे और 3500 किलो आलू-चना

इस छापेमारी के दौरान 4000 किलो गोलगप्पे, 3500 किलो आलू-चना, 20 किलो तेल ओर 1200 लीटर एसिड वाला पानी जब्त कर फेंका गया। यह छापेमारी वडोदरा के हुजरात पागा, हाथीखाना, तुलसीवाडी, समा, छाणीगांव, खोडियारनगर, नवायार्ड, वारसीया नरसिंह टेकरी, सुदामा नगर जेसे इलाकों में की गई। 

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स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया ऐसा

ऐसा लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया है। मानसून में बाहर की चीजों को खाने से हैजा और पीलिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं। बाहर की चीजों में गोलगप्पा अधिक खाया जाता है और उसे बनाने में सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। जिसके कारण दूषित गोलगप्पों को खाने से टाइफाइड, पीलिया, फूड पायजनिंग का खतरा रहता है।जिसके कारण वडोदरा की नगरपालिका ने अपने लोगों का ख्याल करते हुए गोलगप्पों पर बैन लगा दिया है। 

 

अब आफ पर है कि आप अपना ख्याल कब करेंगी और खुद पर रोक कब लगायेंगी? इसका जवाब हमें कमेंट में जरूर बताइएगा। 

 

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