Rishikesh To Badrinath Route: हर साल भक्तों को यह इंतजार रहता है कि चारधाम की यात्रा कब शुरू होगी। इसलिए जैसे ही यात्रा की तारीख का ऐलान होता है, लोग रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर देते हैं।
इस साल केदारनाथ मंदिर का कपाट 2 मई और बद्रीनाथ मंदिर का कपाट 4 मई को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। कपाट खुलने के बाद आम भक्त भी भगवान केदारनाथ और बद्रीनाथ का दर्शन कर पाएंगे।
अगर आप भी आगामी दिनों में ऋषिकेश से बद्रीनाथ का रोड ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो हम आपको ऋषिकेश-बद्रीनाथ मंदिर का रूट और रूट में पड़ने वाली कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट (Rishikesh To Badrinath Route)
ऋषिकेश से बद्रीनाथ रोड के द्वारा पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप ऋषिकेश से पर्सनल गाड़ी से लेकर उत्तराखंड रोडवेज या टैक्सी किराया पर लेकर भी जा सकते हैं। ऋषिकेश और बद्रीनाथ के बीच की दूरी करीब 290 किमी है। ऋषिकेश से बद्रीनाथ पहुंचने में करीब 8 से 9 घंटे का समय लगता है। अगर ऋषिकेश से सुबह-सुबह निकलते हैं, तो शाम तक बद्रीनाथ पहुंच जाएंगे।
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ऋषिकेश-बद्रीनाथ रूट में पड़ने वाली जगहें (Best Places Between Rishikesh To Badrinath)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट में ऐसी कई शानदार और प्रसिद्ध जगहें मौजूद हैं, जिन्हें एक्सप्लोर करने के बाद आप खुशी से झूम उठेंगे। आइए कुछ प्रमुख जगहों के बारे में जानते हैं।
देवप्रयाग (Devprayag)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट में सबसे पहले किसी खूबसूरत और धार्मिक जगह घूमने की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले देवप्रयाग का ही नाम लेते हैं। हालांकि, देवप्रयाग से पहले आप ब्यासी और कौडियाला जैसी जगहों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
आपको बता दें कि देवप्रयाग अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। जिस पॉइंट पर अलकनंदा और भागीरथी नदियां मिलती हैं वहां से गंगा नदी का निर्माण होता है।
रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट का दूसरा पड़ाव रुद्रप्रयाग पड़ता है। रुद्रप्रयाग, अपनी खूबसूरती के साथ-साथ धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। रुद्रप्रयाग को अलकनंदा नदी के पांच प्रयाग में से एक माना जाता है। रुद्रप्रयाग में ही अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम स्थित है। रुद्रप्रयाग से पहले आप श्रीनगर को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
कर्णप्रयाग (Karanprayag)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट का तीसरा पड़ाव कर्णप्रयाग को माना जाता है, जहां आप कुछ देर आराम कर सकते हैं और पहाड़ों की खूबसूरती को निहार सकते हैं। कर्णप्रयाग एक धार्मिक पर्यटन स्थल माना जाता है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित कर्णप्रयाग को अलकनंदा और पिंडर नदियों का संगम स्थल भी माना जाता है। इसे पंच प्रयागों में से एक माना जाता है।
नंदप्रयाग (Nandaprayag)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट का चौथा पड़ाव नंदप्रयाग है। नंदप्रयाग उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। नंदप्रयाग को भी पांच प्रयाग में से एक माना जाता है। नंदप्रयाग में ही अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों का संगम का स्थल है। कर्णप्रयाग से नंदप्रयाग की दूरी करीब 22 किमी है।
जोशीमठ (Joshimath)
ऋषिकेश-बद्रीनाथ सड़क रूट में नंदप्रयाग को क्रॉस करते हुए जोशीमठ, गोविंद घाट और हनुमान चट्टी को एक्सप्लोर करते हुए बद्रीनाथ मंदिर पहुंच जाएंगे।
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