Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। यह त्योहार साल में चार बार आता है और इसी के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इन नौ दिनों में माता रानी के भक्त देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। लोग घरों में कलश स्थापना करते हैं, जौ बोते हैं और नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से पूरी श्रद्धा के साथ माता की उपासना करता है, मां उसकी हर इच्छा पूरी करती हैं।
नवरात्रि में ज्यादातर घरों में माता की एक विशेष चौकी सजाई जाती है, जिस पर कलश, जौ और माता की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है। हर दिन सुबह-शाम माता रानी की यहीं पूजा होती है और भोग भी चढ़ाया जाता है। जिस तरह हर दिन माता के अलग स्वरूप की पूजा होती है, उसी तरह हर दिन उन्हें उनके पसंदीदा अलग-अलग भोग भी चढ़ाए जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से माता रानी बहुत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को विशेष आशीर्वाद देती हैं। यहां हम आपको माता रानी को चढ़ाए जाने वाले नौ अलग-अलग भोगों के बारे में बता रहे हैं।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ये हिमालय राज की पुत्री हैं और इनका वाहन वृषभ (बैल) है। मां शैलपुत्री को घी या घी से बनी चीजों का भोग लगाने की मान्यता है।
दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की सच्चे मन से भक्त उपासना करते हैं। इनको ज्ञान, तपस्या और आत्मसंयम की देवी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
इस दिन भय और नकारात्मकता का नाश करने वाली माता चंद्रघंटा की विशेष पूजा-अर्चना होती है। इनके माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित रहता है। मातारानी को आप तीसरे दिन दूध से बनी खीर या किसी अन्य चीज का भोग लगा सकते हैं।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा के स्वरूप की पूजा होती है। माता ने अपनी दिव्य शक्ति से पूरे ब्रह्मांड की रचना की थी। कूष्मांडा देवी को मालपुए का भोग इस दिन अर्पित करें।
यह दिन माता स्कंदमाता को समर्पित होता है। पांचवे दिन देवी के इस रूप की पूजा होती है। स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं। इस दिन आप फलों का भोग लगाएं।
नवरात्रि के छटवें दिन मां कात्यायनी के स्वरूप की भक्त पूजा करते हैं। माता सभी प्रकार की बाधाएं दूर करती हैं। छटवें दिन आप मातारानी को शहद का भोग चढ़ाएं।
सातवें दिन मां कालरात्रि का दिन होता है ऐसे में इस दिन देवी के इस रूप की उपासन होती है। माता कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित किया जाता है। यह मातारानी का उग्र और शक्तिशाली स्वरूप है।
यह भी पढ़ें: Navratri 2025: इस नवरात्रि माता के सामने रखें ये 3 तरह की खीर, जानें भोग बनाने की आसान रेसिपी
नवरात्रि के आठवें दिन आप माता महागौरी को नारियल का भोग लगाएं। यह माता अत्यंत शांत और सुंदर है और भक्तों की सभी इच्छा पूरी करती हैं।
नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। माता सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी हैं। इस दिन मातारानी को हलवा, पूरी, खीर का भोग चढ़ाएं।
यदि आप भी नवरात्रि के दिनों में मातारानी से मनोवांछित फल पाना चाहते हैं तो उनको हर दिन अलग-अलग प्रकार का भोग लगाकर पूजा-अर्चना करें। आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image Credit: Freepik/herzindagi/shuterstock
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।