Narsingh Devta Temple Joshimath: पिछले कुछ सप्ताह से उत्तराखंड का जोशीमठ शहर बहुत चर्चा में है। कुछ दिन पहले यहां आई भयानक दादर की वजह से जोशीमठ के कई स्थानों में दरार पड़ गई।
जोशीमठ में भूमि दादर से लोग इस कदर प्रभावित हुए हैं कि राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार द्वारा आपदा से निटपने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यहां लगभग दर्जन भर से भी अधिक आपदा अधिकारी मौजूद है और मौजूदा हाल का जायजा ले रहे हैं।
इन सभी घटनाओं के बाद भी जोशीमठ में एक ऐसा स्थल है जहां हर भक्त घूमना चाहता है। जी हां, इस शहर में मौजूद नरसिंह देवता का मंदिर करोड़ों भक्तों के लिए बेहद ही खास और पवित्र स्थल है। इस लेख में हम आपको नरसिंह देवता मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
नरसिंह देवता मंदिर का इतिहास
The latest casualty in Joshimath town is a temple in the prestigious Shankaracharya Math, established by Adi Jagatguru Shankaracharya, which developed cracks and has sunk down about six inches.
— The Weather Channel India (@weatherindia) January 10, 2023
The Shivling inside the temple has also developed cracks.
📸: IANS pic.twitter.com/LyfkrgDsqq
जोशीमठ में मौजूद नरसिंह देवता का मंदिर इतिहास बेहद ही रोचक है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है यह लगभग 12 हज़ार साल प्राचीन मंदिर है। इसे लेकर यह भी कहा जाता है कि इस प्राचीन मंदिर की स्थापना किसी और ने नहीं बल्कि आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। कहा जाता है कि पौराणिक काल में इस जगह को कार्तिकेयपुर नाम से जाना जाता था।
आपको बता दें कि यह मंदिर भगवान नरसिंह/नृसिंह को समर्पित है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार नरसिंह देवता भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार थे। जोशीमठ में वासुदेव की आठ फीट ऊंची प्रतिमा भी मौजूद हैं।
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नरसिंह देवता मंदिर पौराणिक कथा
जिस तरह इस मंदिर का इतिहास रोचक है ठीक उसी तरह इस मंदिर की पौराणिक कथा भी बेहद रोचक है। इस मंदिर बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस मंदिर की उत्पत्ति की थी। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार आदिगुरु शंकराचार्य इसी जगह तपस्या किया करते थे। माना जाता है कि जब भगवान ने इस मंदिर की उत्पत्ति की थी उसके बाद यहां आदिगुरु शंकराचार्य तपस्या करने लगे थे। उस समय इस स्थान को पवित्र नगरी के नाम से जाना भी जाता था।(उत्तराखंड में घूमने की जगहें)
भक्तों के लिए क्यों खास है नरसिंह देवता का मंदिर
यह मंदिर जिस तरह उत्तराखंड में फेमस ठीक उसी तरह करोड़ों भक्तों के लिए भी खास है। मान्यता के अनुसार यह मंदिर आम लोगों के लिए बेहद ही खास है। आम लोगों का मानना है कि यह मंदिर यहां होने वाली दुर्लभ घटनाओं से दूर रखता है। एक अन्य मान्यता है कि जब भी कोई बद्रीनाथ मंदिर दर्शन के लिए जाता वो इस मंदिर का दर्शन ज़रूर करता है। जोशीमठ को कई लोग धार्मिक स्थलों का प्रवेश द्वारा भी मानते हैं।
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नरसिंह देवता मंदिर कैसे पहुंचें?
नरसिंह देवता मंदिर पहुंचना बहुत आसान है। इसके लिए आप दिल्ली, हरियाणा या पंजाब आदि कई शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा देहरादून, ऋषिकेश या फिर मसूरी जैसे शहर से भी आप आसानी से बस या लोकल टैक्सी लेकर जोशीमठ पहुंच सकते हैं। घनसाली से जोशीमठ बेहद ही पास में मौजूद है।
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