Ayodhya Hidden Gems: उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र और लोकप्रिय धार्मिक शहर की बात होती है, तो वाराणसी और अयोध्या समानांतर चलते रहते हैं। एक तरफ वाराणसी भगवान शिव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, तो दूसरी तरफ अयोध्या भगवान श्री राम की नगरी के रूप में प्रसिद्ध माना जाता है।
पर्यटक या भक्त जब अयोध्या यानी भगवान राम मंदिर के दर्शन के लिए जाते हैं, तो राम मंदिर, हनुमानगढ़ी या कनक भवन के दर्शन करने वापस चले जाते हैं, लेकिन अयोध्या में ही स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन करना भूल जाते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको नागेश्वर नाथ मंदिर के इतिहास से लेकर पौराणिक मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां सच्चे मन से पहुंचे भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है।
नागेश्वर नाथ मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
नागेश्वर नाथ मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है। यह प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर अयोध्या में राम की पैड़ी पर स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो हर दिन हजारों भक्तों को आकर्षित करता है।
नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना की अपनी अलग कथा है। यहां पूजा से लेकर यहां होने वाले विशेष आयोजन भक्तों को खूब आकर्षित करता है। इसलिए यहां हर समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं।
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नागेश्वर नाथ मंदिर की पौराणिक मान्यता
नागेश्वर नाथ मंदिर की पौराणिक मान्यता श्रद्धालुओं को सबसे अधिक आकर्षित करती है। नागेश्वर नाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के छोटे बेटे कुश ने करवाया था।
नागेश्वर नाथ मंदिर को लेकर पौराणिक कथा है कि एक दिन भगवान राम के बेटे कुश का बाजूबंद सरयू नदी में खो गया। कुछ समय बाद बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला, जो भगवान शिव की परम भक्त थी। उस नाग कन्या ने कुश को बाजूबंद लौटा दिया, जिसके बाद कुश बहुत खुश हुए और उन्होंने कन्या के लिए नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना की।
भक्तों के लिए खास है नागेश्वर नाथ मंदिर
राम की नगरी अयोध्या में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर भक्तों के लिए बेहद खास है। इस मंदिर को कई लोग पूरे अयोध्या के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक मानते हैं। इसलिए यहां अमूमन भीड़ रहती है।
नागेश्वर नाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है। शिवरात्रि के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं।
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दर्शन बिना अधूरी है यात्रा
धार्मिक मान्यता के अनुसार राम की पौड़ी का संबंध भगवान शिव से है। ऐसे कई लोगों का मानना है कि जो भक्त भगवान राम के दर्शन के बाद नागेश्वर नाथ मंदिर का दर्शन नहीं करते हैं, तो उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। इसलिए कई भक्त राम मंदिर दर्शन के बाद नागेश्वर नाथ मंदिर ही पहुंचते हैं। सोमवार के दिन यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
नागेश्वर नाथ मंदिर कैसे पहुंचें
देश के किसी भी कोने से नागेश्वर नाथ मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको सबसे पहले अयोध्या रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। अयोध्या रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप लोकल टैक्सी या कैब लेकर राम मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। राम मंदिर दर्शन करने के बाद राम मंदिर परिसर से कुछ ही दूरी पर टैक्सी या रिक्शा लगी रहती है जिसे पकड़कर आप नागेश्वर नाथ मंदिर पहुंच सकते हैं।
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