Top pillars and stambh in india: हिंदुस्तान की धरती पर प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल में कुछ ऐसे इमारत, महल पैलेस और फोर्ट का निर्माण हुआ, जो सर्दियों से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं।
पूर्व भारत से लेकर पश्चिम भारत और दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत में ऐसे कई महल, फोर्ट, पैलेस मौजूद हैं, जो भारत के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने का आक करते हैं।
महल, फोर्ट या पैलेस की तरह भारत में प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल में कई पिल्लर्स या स्तंभ का भी निर्माण किया गया जो आज भी इतिहास की साक्षी है। जैसे-दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार पूरे दुनिया में सबसे ऊंचे स्तंभ के रूप में फेमस है।
इस आर्टिकल में हम आपको भारत में मौजूद कुछ ऐसे पिल्लर्स और स्तंभ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ऐतिहासिक दृष्टि से आज भी बहुत मायने रखते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार के बारे में लगभग हर कोई जानता है। इस स्तंभ को एक्सप्लोर करने कई लोग जा भी चुके होंगे, लेकिन कुतुब मीनार से कुछ ही दूरी पर मौजूद लौह स्तंभ के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।
इस प्राचीन और ऐतिहासिक स्तंभ को चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा करीब 402 ईस्वी के आसपास बनवाया गया था। लौह स्तंभ की ऊंचाई करीब 7.2 मीटर और वजन 6 टन से भी अधिक है। यह करीब 1500 साल प्राचीन है। यह लौह-स्तंभ भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। प्राचीन भारतीय धातु कर्म की पराकाष्ठा है, जिसे देखकर सभी चकित रह जाते हैं।
इसे भी पढ़ें: Andhra Pradesh Travel: आंध्र प्रदेश और ओडिशा की खूबसूरती में चार चांद लगाती है यह अद्भुत जगह
बिहार का वैशाली जिला अपने आप एक ऐतिहासिक शहर है। बिहार का जब भी इतिहास पढ़ा जाता है, तो वैशली शहर का नाम जरूर लिया जाता है। इस खूबसूरत शहर को भगवान बुद्ध और यहां मौजूद अशोक स्तंभ जिक्र जरूर होता है।
वैशाली का अशोक स्तंभ एक ऐसा स्तंभ है, जिसके शीर्ष पर केवल एक ही शेर मौजूद है, जिसे बिहार का धरोहर भी बोला जाता है। स्तम्भ के समीप एक बौद्ध मठ भी है, जिसे काफी पवित्र स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि शेर का मुंह उत्तर दिशा और भगवान बुद्ध ने भी अपनी अंतिम यात्रा इसी दिशा में यात्रा की थी। (जानें कैसे तैयार हुआ था आजाद भारत का तिरंगा)
मध्य प्रदेश के स्थित सांची स्तूप के बारे में लगभग हर कोई जानता होगा। यह एक ऐसी जगह है, जिसे देखने के लिए हर दिन हजारों बौद्ध अनुयायी पहुंचते हैं। सांची में ही स्थित अशोक स्तंभ हजारों लोगों को आकर्षित करता है।
सांची के स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया था। इस अद्भुत स्तंभ को ग्रीको बौद्ध शैली में किया गया है। सांची के प्राचीन इतिहास के अवशेष के रूप में आज भी मौजूद है। कहा जाता है कि यह सारनाथ स्तंभ से भी काफी मिलता जुलता है।
इसे भी पढ़ें: क्या वंदे भारत ट्रेन से ट्रैवल करना है फायदेमंद, जानें
अशोक स्तंभ के बारे में अधिक बताने की जरूरत शायद नहीं है, फिर आपको बता दें कि अशोक स्तंभ प्राचीन भारतीय इतिहास सबसे गौरवपूर्ण गाथा है। इसके बिना भारतीय लोगों की पहचान भी अधूरी है।
राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के रूप में फेमस अशोक स्तंभ भारत के कई शहरों में मौजूद है। इनमें से कई अशोक स्तंभ सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था। अशोक स्तंभ बिहार के लौरिया-नंदनगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में स्थित है। इसके अलावा प्रयागराज से लेकर सारनाथ स्तंभ में भी अशोक स्तंभ मौजूद है।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image-sgutterstocks
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।