शहरी लोगों को कई तरह के ऑर्गेनिक फूड्स परोसता है Aazol, आप भी जरूर करें ट्राई

आज हम आपको ऐसे संगठन के बारे में बताएंगे, जो सालों से एसएचजी ग्रेप के साथ काम कर रहा है ताकि पारंपरिक महाराष्ट्रीयन खाद्य पदार्थों को शहरी लोगों की टेबल पर लाया जा सके। अगर आप ऑर्गेनिक फूड्स का इस्तेमाल ज्यादा करना पसंद करते हैं, तो आज़ोल आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। 

 
millets foods of aazol in hindi

अक्सर हमारे बड़े कहते हैं कि भाग-दौड़ भरी जिदंगी में स्वस्थ रहने का बेसिक तरीका अच्छा खाना है। वो कहते हैं ना 'ईट हेल्दी-लिव हेल्दी (eat healthy-live healthy)' यानि अच्छा खाओ और अच्छे से रहो....। इसलिए आजकल शहरी लोगों का झुकाव ऑर्गेनिक फूड्स की ओर ज्यादा बढ़ा है। बता दें कि ऑर्गेनिक फूड्स, प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद आहार से कई ज्यादा अच्छे होते हैं क्योंकि ये प्रोडक्ट कई तरह से तैयार किए जाते हैं।

मगर कई लोगों का मानना है कि आजकल ऑर्गेनिक फूड्स में भी कई तरह की मिलावट की जाने लगी है। पर अगर आपको ऐसी ट्रस्ट के बारे में पता चले जो कई सालों से एसएचजी ग्रेप के साथ काम कर रहा है, ताकि पारंपरिक महाराष्ट्रीयन खाद्य पदार्थों, ऑर्गेनिक फूड्स और होममेड फूड्स को शहरी लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा है? तब आप ऑर्गेनिक फूड्स या होममेड फूड को खरीदना पसंद करेंगे?

जी हां, हम बात कर रहे हैं आज़ोल की, जिस संगठन की शुरुआत महाराष्ट्र की कुछ महिलाओं ने स्वयं एक बैठक के दौरान की थी। आपwww.aazol.inआज़ोलकी वेबसाइट पर जाकर इस संगठन के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।

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क्या है ऑर्गेनिक फूड्स?

ऑर्गेनिक उन फूड्स को कहा जाता है जिनमें पेस्टिसाइड्स (pesticide) का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाता या बहुत ही लिमिटेड एडिशन में यूज किया जाता है। छोटे शहरों में रहने वाले लोग सब्जी उगाने के लिए किचन गार्डन का इस्तेमाल करते हैं और कई तरह की ऑर्गेनिक चीजों का निर्माण करते हैं।

Aazol के बारे में जानें

आपको जानकर हैरानी होगी कि आज़ोल की शूरूआत ग्रामीण महाराष्ट्र की कुछ महिलाओं ने मिलकर की थी। आज़ोल की सह-संस्थापक अपूर्वा पुरोहित हैं। आज़ोल उपभोक्ता खाद्य क्षेत्र के लिए काम करता है और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में शहरी उपभोक्ताओं तक कई पारंपरिक महाराष्ट्रीयन खाद्य पदार्थोंपहुंचाने का कर रहा है। (महाराष्ट्रीयन मेन कोर्स डिशेज)

Aazol के ऑर्गेनिक फूड्स

विंदालू मसाला

क्या आप जानते हैं कि 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के भारत पर शासन करने से पहले हमने कभी मिर्च नहीं देखी थी? उस समय तक, भारतीय रसोई में सबसे तीखी वस्तु काली मिर्च थी। विंदालू वह जगह है जहां भारतीयों का मिर्च के साथ प्रेम संबंध शुरू हुआ।

यह टेंगी, सीरिंग डिश पुर्तगाली कार्ने डे विन्हा डी'आल्होस (शराब और लहसुन में मैरीनेट किया हुआ मांस) बनाया जाता था। हालांकि, मार्केट में कई विंदालू मसाले मिल जाएंगे, लेकिन आज भी Aazol ऑर्गेनिक तरीके से यह मसाला बनाने का काम कर रहा है।

इंद्रायणी चावल

organic foods

इंद्रायणीजब आप इसे पकाते हैं तो यह आपके घर को अपनी सुगंध से भर देता है और इसका उपयोग खिचड़ी, खीर या एक पॉट भोजन विकल्प, मसाला भात के लिए किया जा सकता है।

लाल चावल पोहा

चावल या सामक चावल महाराष्ट्र का देशी चावल है। भारत में सबसे अच्छा चावल अपनी सुगंध और चिपचिपी बनावट के लिए जाना जाता है। आज़ोल की किस्म भी बिना पॉलिश की हुई है। यह मध्यम अनाज चावल एक स्थानीय किस्म के चावल को अंबेमोहर के रूप में जाना जाता है और एक लंबी, उपज देने वाली किस्म को पार करके बनाया गया था।

रेड राइस पोहा

चावल की एक स्थानीय किस्म से बनाया जाता है, जो इसे पौष्टिक रूप से घना बनाता है। लाल चावल के गुच्छे में अखरोट जैसा स्वाद होता है और इसे हाथ से कूटा जाता है। बस इसे सामान्य से थोड़ी अधिक देर तक भिगोएं और नाश्ते में अपनी पसंद के अनुसार बनाएं।

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डिंक लाडू

Dink laddu

आज़ोल के डिंक लाडू एक मराठी स्नैक्स हैं, जिन्हें गोंद या खाने योग्य ट्री गम, घी, मेवा और मसालों से बनाया जाता है। यह उन लोगों के लिए बेस्ट है जो पूरे दिन काम करते हैं और अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देते। बता दें कि डिंक लाडू को आज़ोल ऑर्गेनिक चीजों से तैयार करता है। अगर आप इसका लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो ऑनलाइन www.aazol.in पर ऑर्डर कर सकते हैं।

कुलथी का आटा

कुलथी एक फली है जिसे सामान्य व्यक्ति के लिए प्रोटीन युक्त सुपर फूड के रूप में जाना जाता है। एक अल्पज्ञात फली, इसे तेजी से एक सुपर फूड और शाकाहारी प्रोटीन के एक समृद्ध स्रोत के रूप में जाना जा रहा है। सुबह के नाश्ते या हल्के डिनर के लिए आटे से रोटियां या चीला बनाने के लिए कुलथी चार का इस्तेमाल किया जाता है।

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Image Credit- (@Aazol instagram)

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