herzindagi
about mani parvat myth and facts in ayodhya

Ayodhya Travel: उस पर्वत की कहानी जहां भगवान राम और माता सीता झूलते थे झूला

अगर आप भी अयोध्या घूमने के लिए जा रहे हैं, तो हम आपको उस पर्वत की कहानी बताने जा रहे हैं, जहां भगवान राम और माता सीता झूला झूलते थे।  
Editorial
Updated:- 2024-03-22, 17:36 IST

Mani Parvat Ayodhya: आज से नहीं, बल्कि पौराणिक काल से अय्योध्य नगरी इतिहास के पन्नों में कई राम कहानी के लिए दर्ज है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां हर दिन हजारों भक्त भगवान राम का दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

अयोध्या में स्थित राम मंदिर, हनुमान गाढ़ी, कनक भवन और दशरथ महल जिस तरह पवित्र और लोकप्रिय स्थान माना जाता है, ठीक उसी तरह यहां स्थित मणि पर्वत भी एक पवित्र स्थल माना जाता है।

मणि पर्वत को भगवान राम और माता सीता से जोड़कर देखा जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको मणि पर्वत की पौराणिक कथा और इसका महत्व बनाने जा रहे हैं। अयोध्या की यात्रा में आप भी मणि पर्वत का दर्शन कर सकते हैं।

मणि पर्वत का इतिहास (Mani parvat history) 

Mani Parvat Ayodhya    

मणि पर्वत का इतिहास बेहद ही रोचक और दिलचस्प है। राम नगरी अयोध्या में स्थित इस पर्वत के बारे में बोला जाता है कि भगवान राम की विवाह के बाद उपहार में बहुत अधिक मात्रा में मणियां मिली थी। कहा जाता है कि उस समय इतनी अधिक मणियां मिली थी कि मणियों का एक पहाड़ बन गया। इसके बाद इस जगह को मणि पर्वत के नाम से बुलाने जाने लगा।

मणि पर्वत की पौराणिक कथा (Mani parvat Mythology)

Mani parvat history

मणि पर्वत की पौराणिक कथा बेहद ही रोचक है। इस पवित्र पर्वत के बारे में कहा जाता है कि इस पर्वत की कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं इन पौराणिक कथाओं के बारे में-

इसे भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: सीता जी को मुंह दिखाई में मिला था ये महल, भगवान श्रीकृष्ण व कैकेयी से भी जुड़ी है कथा

मणि पर्वत की पहली पौराणिक कथा-

मणि पर्वत की पहली पौराणिक कथा भगवान राम और माथा सीता से जुड़ी हुई है। मान्यता के अनुसार इस पर्वत पर भगवान राम और माता सीता झूला झूलते थे। मान्यता है कि भगवान राम और माता सीता सुबह और श्रावण मास के समय यहां झूला झूलने के लिए आते थे। (अयोध्या के आसपास स्थित हिल स्टेशन)

मणि पर्वत की दूसरी पौराणिक कथा-

mani parvat myth

मणि पर्वत की दूसरी पौराणिक कथा बेहद ही रोचक है। मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि जब हनुमान जी संजीवनी बूटी पहाड़ लौट रहते थे, तब भरत जी ने शत्रु समझकर वार कर दिया था।

भरत जी के वार से हनुमान जी और पहाड़ नीचे गिर गया, लेकिन जब फिर से हनुमान जी संजीवनी पहाड़ लेकर उड़े तो पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर अयोध्या में गिर गया, जिसे कई लोग मणि पर्वत के नाम से जानने लगे।

मणि पर्वत की तीसरी पौराणिक कथा-

मणि पर्वत की तीसरी पौराणिक कथा पहली और दूसरी से भी अधिक दिलचस्प है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध अयोध्या नगरी में करीब 6 साल समय गुजारा था। लोक मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध ने मणि पर्वत पर ही अपने शिष्यों को धम्म का ज्ञान दिया था। कहा जाता है कि इस पर्वत पर एक स्तूप के अलावा प्राचीन बौद्ध मठ भी स्थापित है।

 

इसे भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर परिसर में इन चीजों को देखना आप भी न भूलें

भक्तों की खूब लगती हैं भीड़

mani parvat myth and facts

मणि पर्वत सैलानियों और भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त घूमने के लिए पहुंचते हैं। विशेष मौके पर इस पर्वत को लाइटों से सजा दिया जाता है। (राम मंदिर में इन चीजों के साथ न करें एंट्री)

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image-hblimg.mmtcdn.com,ayodhyawale

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।