Ayodhya: पिछले कुछ समय से पूरे भारत में जिस धार्मिक स्थल की चर्चा चल रही है, उसका नाम है अयोध्या में स्थित राम मंदिर। 22 जनवरी को अयोध्या इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है, क्योंकि 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या एक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बन जाएगा।
अयोध्या सिर्फ राम मंदिर के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य कई चीजों के लिए भी फेमस है। इस खूबसूरत शहर में ऐसे कई धर्मिक स्थल, इमारत, भवन, मंदिर और महल आदि चीजें मौजूद हैं, जो किसी न किसी रूप में रामायण काल से जुड़ी हुई हैं।
अयोध्या नगरी में एक ऐसा महल है, जिसके बारे में बोला जाता है कि माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था। इस आर्टिकल में हम आपको उसी महल से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सीता जी को मुंह दिखाई में कौन सा महल मिला था?
सीता जी को मुंह दिखाई जो महल मिला था उसका नाम 'कनक महल' बताया जाता है। कहा जाता है कि भवन श्री राम जी विवाह के बाद जब अयोध्या पहुंचे थे, तो महारानी कैकेयी जी ने माता सीता को कनक महल उपहार में दिया था।
मान्यता के अनुसार कनम महल देवी सीता और भगवान राम का निजी महल हुआ करता था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज भी इस महल को देखने के लिए हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं। आज की तारीख में यह महल अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
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कनक महल का निर्माण किसने करवाया था?
कनक महल का निर्माण किसने करवाया था यह एक बेहद ही दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि एक दिन महारानी कैकेयी के सपने में एक दिव्य महल दिखाई दिया। अगले दिन कैकेयी महाराजा दशरथ के आप गई और स्वप्न के अनुसार महल बनवाने की इच्छा जाहिर की।
महारानी कैकेयी की इच्छा के बाद राजा दशरथ ने देवशिल्पी विश्वकर्मा जी को बुलाकर एक भव्य और सुंदर महल का निर्माण करवाया। जब विवाह के बाद माता सीता अयोध्या आई तब रानी कैकेयी ने उन्हें मुंह दिखाई ने ये महल दे दिया।(राम मंदिर में इन चीजों के साथ न करें एंट्री)
कनक महल की पौराणिक कथा
कनक महल की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। लोक मान्यता है कि द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण अपनी पटरानी रुक्मिणी सहित जब अयोध्या नगरी आए थे, तब कनक महल एक खंडहर बन चुका था, लेकिन फिर भी भगवान कृष्ण को टीले पर आनंद आता था।
भगवान कृष्ण ने जब पानी दिव्य दृशी से देखा तो उन्हें मालूम चला कि यह कनक महल है। कहा जाता है कि उन्होंने अपने योगबल से यहां श्री सीताराम की मूर्तियों को प्रकट कर स्थापित भी किया।
कई बार हो चुका है महल का जीर्णोद्धार
कहा जाता है कि कनक महल में स्थापित शिलालेखों से यह मालूम चलता है कि इसका जीर्णोद्धार कई बार किया जा चुका है। कहा जाता है कि सबसे पहले भगवान राम के पुत्र कुश ने इस महल का जीर्णोद्धार करवाया था। उन्होंने इस महल में भगवान राम और माता सीता की मूर्तियां भी स्थापित करवाई थी। भगवान राम के पुत्र कुश के बाद भगवान श्री कृष्ण ने इस महल का पुनर्निर्माण किया था।
कनक महल के जीर्णोद्धार के बारे में यह भी कहा जाता है कि चक्रवर्ती सम्राट महाराजा विक्रमादित्य और समुद्रगुप्त द्वारा भी पुनर्निर्माण किया गया था। यह माना जाता है कि वर्तमान में जो महल का स्वरूप मौजूद है, उसे राजा सवाई महेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी महारानी वृषभानु द्वारा निर्मित कराया हुआ है।
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कनक महल की मूर्तियां हैं बेहद खास
कनक महल जिसे मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर के मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न विराजमान हैं। अयोध्या में स्थित यह एक ऐसा महल और मंदिर है, जहां भगवान राम माता सीता के साथ अपने भाइयों के साथ विराजमान है।(योध्या में आसानी से बुक करें बुक)
कनक महल घूमने का समय
कनक महल आप कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। गर्मियों में यहां आप सुबह सुबह 8 बजे से लेकर 9 बजे के बीच में घूमने जा सकते हैं। इसके अलावा सर्दियों में सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे के बीच घूमने जा सकते हैं।
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