ये सच है कि भारत की असल खूबसूरती का राज हिमालय की गोद में ही मौजूद है। हिमालय की चोटियों और इसके आसपास की जगहों पर हर साल देश से लेकर विदेश तक के सैलानी बड़े पैमाने पर घूमने के लिए आते रहते हैं। उंचे-उंचे पहाड़, घने जंगल, बर्फ, झील और झरने इस जगह को और भी अद्भुत बनाते हैं। जम्मू कश्मीर से लेकर हिमालय की गोद में कुछ ऐसी झीले मौजूद है, जहां घूमना हर कोई चाहेगा। जैसे चन्द्रताल झील 'चांद की झील' के नाम से प्रसिद्ध है या फिर रूपकुंड झील 'कंकालों की झील' के नाम से प्रसिद्ध है। ये दोनों ही झील हिमालय पर्वत में मौजूद है। इस लेख में हम आपको मानसबल झील के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस झील का नाम पवित्र कैलाश मानसरोवर के नाम पर पड़ा है। तो आइये जानते हैं।
मानसबल झील का इतिहास
इस झील की बेजोड़ प्राकृतिक सुंदरता हर साल लाखों पर्यटकों को यहां आने पर विवश कर देती हैं। इस झील को लेकर कहा जाता है कि लगभग 17वीं शताब्दी में मुगलों ने इस झील के आसपास इमारत का निर्माण किया था। तब से ये झील विश्व प्रचलित हो गई। कई लेखों में ये उल्लेख है कि इस झील के पास नूरजहाँ ने अपने शासन काल के दौरान एक बेहद ही अद्भुत गार्डन का निर्माण करवाया था। इस गार्डन में वो गर्मी के मौसम में हमेशा घूमने के लिए आती थी। उस समय जम्मू-कश्मीर में आए हुए मेहमानों को इसी झील के बगल में ठहराया जाता था।
झील के कुछ दिलचस्प तथ्य
इस झील को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है कि इस झील का नाम पवित्र कैलाश मानसरोवर से लिया गया है। यानी मानसरोवर से मानसबल लिया गया है। तिब्बत के पहाड़ों से निकले पानी की वजह से झिलमिलाते पानी में खिलने वाले कमल के फूल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगते हैं। मानसून और सर्दियों के मौसम यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए ये स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता है। (रूपकुंड झील को क्यों कहा जाता है कंकालों की झील) इस झील से कुछ ही दूरी पर मौजूद है कश्मीर की फेमस और एशिया के सबसे बड़े मिठे पानी की झीलों में से एक वुलर झील। मानसबल झीले के पानी को भी मीठा पानी माना जाता है।
झील के आसपास घूमने की जगह
ऐसा नहीं है कि इस झील के आसपस कोई अन्य जगह घूमने के लिए नहीं है। इस झील के बगल में मौजूद है मुग़ल बाग़ जिसे मानसबल बाग के नाम से भी जाना जाता है। यहां मौजूद अनेकों प्रकार के फूल और पौधे यक़ीनन मनमोह लेंगे। इस बाग़ के अलावा यहां मौजूद है प्राचीन शिव मंदिर जहां हर दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। झील बगल में मौजूद कोंडाबल और जरोकबल गांव सैलानियों के बीच बेहद भी फ़मोस है।
इसे भी पढ़ें:पंचगनी हिल स्टेशन: गर्मियों और मानसून के दिनों में घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह
कब और कैसे पहुंचें
मानसबल झील पहुंचने के लिए श्रीनगर से स्थानीय ऑटो या किसी अन्य गाड़ी से जा सकते हैं। श्रीनगर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है ये झील। इस झील और आसपास की जगहों पर घूमने के लिए जून से अगस्त के बीच का समय बेस्ट माना जाता है। समय इस झील में कमल के फूल भी बड़े पैमाने पर खिलते हैं। यहां आप बेहतरीन स्थानीय भोजन का भी स्वाद चख सकते हैं।(झील जो चांद की झील के नाम है प्रसिद्ध)
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit:(@kashmirlife.net,cdn.s3waas.gov.in)
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों